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Career In Hotel Business: युवाओं को लुभा रहा है होटल व्यवसाय, दिन दूनी-रात चौगुनी हो रही तरक्की
Career In Hotel Business: औद्योगिक विकास और व्यवस्थित प्रयत्नों के परिणामस्वरूप पर्यटन का जहां जहां विकास संभव हुआ है वहां होटल और उद्योग फल फूल रहा है और तरक्की कर रहा है।
Lucknow News: औद्योगिक विकास (Industrial Development) और व्यवस्थित प्रयत्नों के परिणामस्वरूप पर्यटन (tourism) का जहां जहां विकास संभव हुआ है वहां होटल और restaurant उद्योग फल फूल रहा है और दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। आजकल इस क्षेत्र में ज्यादातर युवक युवतियां इच्छुक नजर आते हैं। होटल का मुख्य उद्देश्य होता है घर से बाहर किसी भी व्यक्ति को सम्पूर्ण सुख सुविधाएं उपलब्ध कराना। आजकल शादी-विवाह (wedding marriage) के साथ अन्य उत्सव भी होटलों में ही आयोजित किए जाने लगे हैं। होटलों की सेवा और सुविधाओं के आधार पर देश का पर्यटन विभाग उनका वर्गीकरण कर श्रेणियों में बांटता है।
होटल व्यवसाय के दो क्षेत्र हैं- सार्वजनिक और निजी क्षेत्र
होटल को दो भागों में बांटा जा सकता है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्र। सार्वजनिक क्षेत्र के अंतर्गत आई टी जी सी (भारतीय पर्यटन विकास निगम) (Indian Tourism Development Corporation) की होटलें एवं राज्य पर्यटन विभाग था सार्वजनिक एजेंसियां आती हैं। निजी क्षेत्र के अंतर्गत भारतीय मिल्कियत वाले होटल समूह, बहुराष्ट्रीय होटल श्रृंखलाएं एवं अंतरराष्ट्रीय होटल आते हैं। ये होटल तमाम सुख सुविधाओं से परिपूर्ण और महंगे होते हैं। खासकर विदेशी पर्यटकों को नजर में रखकर इन होटलों का निर्माण किया जाता है।
सेवा भावना और आतिथ्य सत्कार होटल कारोबार का मूलभूत तत्व है। यहां विशेष लोगों से मेलजोल बढ़ाने का पूरा अवसर मिलता है जिससे ज्ञान का दायरा बढ़ता है। जो युवा स्वभाव से बहिर्मुखी होते हैं, नित नए संपर्कों में आना चाहते हैं और उनके भीतर यदि प्रोफेशनलिज्म है तो वे इस कार्यक्षेत्र में काफी तरक्की कर सकते हैं। होटल मैनेजमेंट में प्रवेश के लिए किसी भी प्रत्याशी को अंग्रेजी विषय के साथ१०+२ होना आवश्यक है।प्रबंधन प्रशिक्षण योजना के लिए व्यक्ति को किसी भी संकाय में स्नातक होना चाहिए।
होटल मैनेजमेंट पाठ्यक्रम करने के लिए मैट्रिक पास होना जरूरी
होटल मैनेजमेंट संस्थानों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी को लिखित परीक्षा के साथ इंटरव्यू का सामना करना पड़ता है। एप्रेंटिसशिप या फुडक्राफ्ट संस्थान से कोई भी पाठ्यक्रम करने के लिए अभ्यर्थी का मैट्रिक पास होना जरूरी है। होटल प्रबंधन में डिप्लोमा तीन वर्षीय कार्यक्रम के तहत पूरा होता है। होटल मैनेजमेंट कोर्स के लिए निम्नलिखित संस्थाओं से संपर्क किया जा सकता है। अधिक जानकारी निम्न संस्थानों से प्राप्त की जा सकती है:
*इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कैटरिंग एंड न्यूट्रीशन, नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी, लाइब्रेरी एवेन्यू, पूसा नई दिल्ली,110012
*ओबेरॉय होटल स्कूल, ओबेरॉय मेंडेस,, शामनाथ मार्ग, नई दिल्ली,110054
*टी जॉन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, बेंगलुरु 47
* होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, सी आई टी कैंपस, तारामणि डाकघर, चेन्नई 600113
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, सीड फार्म, सेक्टर जी, अलीगंज, लखनऊ 226020
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान,1100 क्वार्टर्स अकादमी प्रशासन के पास, भोपाल 462016
* होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, 31 औद्योगिक एस्टेट ,पटना 800015
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान,वीर सुरेन्द्र साई नगर, भुवनेश्वर 751004
*डॉ अम्बेडकर होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान,, सेक्टर 42 डी चंडीगढ़ 160036
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, पी 16, ताराटोला मार्ग, कोलकाता 700088
* रिज़वी कॉलेज ऑफ होटल मैनेजमेंट, मुंबई
* ब्रिटिश इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, मुंबई
* होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, खेड़ापति कॉलोनी, ग्वालियर 474002
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान,, राजकीय पॉलीटेक्निक कंपाउंड अंबावडी, अहमदाबाद 380015
*होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, बेनी पार्क, सीकर रोड , जयपुर 302016
* होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, एस जे पॉलीटेक्निक कैंपस, बेंगलुरु 1
*राजीव गांधी होटल प्रबंध, खान पान प्रौद्योगिकी एवं अनुपयुक्त आहार संस्थान, गुरुनानक देव कॉलेज, गुरुदासपुर, पंजाब
किसी भी होटल मैनेजमेंट संस्थान से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके निम्न या मध्यम स्तरीय मैनेजमेंट के पदों पर नियुक्ति पाई जा सकती है।होटल उद्योग में प्रबंधकों, जनसंपर्क विशेषज्ञों, लेखा अधिकारी, दूरभाष संचालक, परिवहन एवं सुरक्षा सेवाकर्मियों की बहुधा जरूरत होती है। प्रशिक्षित और अनुभवी होटलकर्मी निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के होटलों में आसानी से काम पा सकते हैं।
डाइटीशियन भी बन सकते हैं
वे टूरिस्ट हॉस्टल, गेस्ट हाउस, रेलवे और शिपिंग कंपनियों आदि में भी काम कर सकते हैं, इसके अलावा खाद्य तकनीक और पोषण में माहिर हो तो डाइटीशियन भी बन सकते हैं। मुख्यतः होटल के काम को विभिन्न वर्गों में बाट सकते हैं। सबसे पहले फ्रंट ऑफिस व रिसेप्शन में फ्रंट ऑफिसर या मैनेजर और रिसेप्शनिस्ट।
इसका काम मुख्य रूप से अतिथियों का स्वागत कर उन्हें कमरा आरक्षित करना, उनकी जरुरतों शिकायतों को सुनना और बिल संबंधी लेन देन का काम होता है। इस विभाग में विनम्र, मिलनसार और खुशमिजाज व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता है। दूसरे विभाग में फूड प्रोडक्शन एंड बिवरेज का काम आता है जिसके अंतर्गत शेफ और रसोइया आते हैं। इस विभाग का काम बार और रेस्तरां की व्यवस्था तथा खाने पीने की चीज़ों को पूरा करने का होता है।
हाउस कीपिंग का काम
तीसरे विभाग में हाउस कीपिंग का काम आता है। एक्जीक्यूटिव व हाउसकीपर के अफीनिस विभाग के कर्मचारियों का मुख्य कार्य कमरे, लॉबी, बैंक्विट हाल, कांफ्रेंस रूम, रेस्टोरेंट बार आदि का रख रखाव होता है। इस विभाग का काम ग्राहकों को आकर्षित कर होटल को लाभ पहुंचाना होता है। इस प्रकार थोड़ी सी मेहनत कर स्वयं को परिस्थितियों के अनुसार ढाल कर इस क्षेत्र में काफी तरक्की कर सकते हैं।