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Employment Opportunities in Merchant Navy: मर्चेंट नेवी में रोजगार के अवसर

Employment Opportunities in Merchant Navy: इस कार्य में कई महावपूर्ण शिपिंग कंपनियां कार्यरत हैं। विदेश व्यापार की बढ़ती मांग एवं महत्वपूर्ण विस्तार से शिपिंग (मर्चेंट नेवी) के क्षेत्र में रोजगार की अभूतपूर्ण संभावनाएं बढ़ी हैं।

Sarojini Sriharsha
Published on: 16 Jun 2022 11:29 AM IST
Employment Opportunities in Merchant Navy
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Employment Opportunities in Merchant Navy

Employment Opportunities in Merchant Navy: उदारीकरण एवं मुक्त अर्थव्यवस्था की नीति से न केवल विश्व व्यापार में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि इससे संबंधित अनेक क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं भी पैदा हुई हैं। सामानों के आयात एवं निर्यात में ढुलाई खर्च को कम करना आज एक आवश्यकता बन गई है। विश्व के अधिकांश भाग समुद्र या नदियों से संबद्ध हैं। भारत का भी लगभग नब्बे प्रतिशत से अधिक विदेश व्यापार देश में कार्यरत 150 बंदरगाहों के माध्यम से होता है। इस कार्य में कई महावपूर्ण शिपिंग कंपनियां कार्यरत हैं।

विदेश व्यापार की बढ़ती मांग एवं महत्वपूर्ण विस्तार से शिपिंग (मर्चेंट नेवी) के क्षेत्र में रोजगार की अभूतपूर्ण संभावनाएं बढ़ी हैं। इस क्षेत्र में उपलब्ध होने वाले रोजगार के अवसरों की मुख्यतः निम्न श्रेणियां हैं-

1. शिप आपरेटिंग स्टाफ

इस श्रेणी में समुद्री जहाजों के कार्य प्रबंधन के लिए स्टाफ की नियुक्ति की जाती है। यहां का सबसे ऊंचा पद कैप्टन का होता है। कैप्टन का वेतनमान लगभग मर्चेंट नेवी में सबसे अधिक है जो लगभग 8,65,000 से 20,00,000रु. प्रति माह होता है। जहाज के आकार , कंपनी के प्रकार ( भारतीय /विदेशी) एवं कैप्टन के अनुभव के आधार पर वेतन और अधिक हो सकता । इस प्रकार वेतन और ज्यादा आकर्षक हो जाता है।

करियर की शुरुआत में 60 से 80 हजार रुपये तक मासिक सैलरी मिलती है. देश में किसी भी डेक कैडेट को औसतन 25 से 30 हजार रुपये मासिक और डेक ऑफिसर को लगभग 1.5 लाख रुपये मासिक सैलरी मिलती है. अनुभवी उम्मीदवारों का वेतन 55,000 रुपये से 8 लाख रुपये प्रति माह के बीच हो सकता है।

इस क्षेत्र में रोजगार पाने के लिए टी एस राजेंद्र, मुंबई द्वारा तीन वर्षीय पाठ्यक्रम चलाया जाता है। इस पाठ्यक्रम में 10+2 विज्ञान से उत्तीर्ण छात्र ही प्रवेश पा सकते हैं।

2. शिप इंजीनियरिंग

समुद्री जहाज पूरी तरह यांत्रिक और इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों द्वारा संचालित होता है। जिसकी देखभाल के लिए इंजीनियरिंग स्टाफ की आवश्यकता होती है। इसके लिए डायरेक्टर ऑफ मरीन इंजीनियरिंग ट्रेनिंग (डी एम ई टी) द्वारा 10+2 (विज्ञान उत्तीर्ण) छात्रों के लिए कोलकाता में चार वर्षीय इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम चलाया जाता है। उपरोक्त दोनों पाठ्यक्रम के लिए एक साथ प्रवेश परीक्षा डायरेक्टर जनरल (शिपिंग), मुंबई द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।

3. मरीन रेडियो ऑफिसर

समुद्री जहाज को जमीन से सैकड़ों मील दूर रहना पड़ता है। अतः उसके लिए अत्यंत प्रभावी एवं विश्वसनीय संप्रेक्षण संयंत्रों एवं ऑपरेटरों की आवश्यकता होती है। इस मांग को पूरा करने के लिए शिपिंग के क्षेत्र में रोजगार का तीसरा क्षेत्र उपलब्ध है जिसमें मरीन रेडियो ऑफिसरों की भर्ती होती है। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए संचार मंत्रालय की एक शाखा डायरेक्टरेट ऑफ वायरलेस प्लानिंग एंड को ऑर्डिनेशन के अधीन सर्टिफिकेट ऑफ प्रोफिशिएंसी (सीओ पी) कार्यालय , नेहरू प्लेस, नई दिल्ली द्वारा परीक्षा आयोजित की जाती है। इसकी तैयारी के लिए कोई सरकारी प्रशिक्षण संस्थान उपलब्ध नहीं है। परंतु कई निजी संस्थान इच्छुक उम्मीदवारों को सी ओ पी कार्यालय द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिए तैयारी कराते हैं। इन संस्थाओं द्वारा अधिकांशतः पत्राचार पाठ्यक्रम चलाया जाता है, जिनका विज्ञापन प्रमुख समाचार पत्रों में अक्सर प्रकाशित होता रहता है। मरीन रेडियो ऑफिसर की परीक्षा तीन भागों में आयोजित होती है। जो छात्र तीन भाग की परीक्षाओं में उत्तीर्ण होते हैं उन्हें संचार मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रेडियो ऑफिसर्स सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है। इस प्रमाण पत्र की पूरे विश्व में मान्यता है।

Rakesh Mishra

Rakesh Mishra

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