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Haider ali Success Story: इस शख्स ने आजमाया नायाब तरीका, महज कुछ घंटे में मिल गई नौकरी

Haider ali Success Story: कुछ लोग होते हैं जो काफी कोशिशों और मशक्कत के बाद भी हार नहीं मानते। वो जिंदगी में कई बार गिरते हैं लेकिन फिर उठ खड़े होते हैं। एक नए सफर के लिए। और यही लगातार प्रयास और कोशिशें किसी इंसान को कामयाब बनाती हैं।

aman
Written By aman
Published on: 26 Nov 2021 10:36 AM GMT
Haider ali Success Story: इस शख्स ने आजमाया नायाब तरीका, महज कुछ घंटे में मिल गई नौकरी
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Haider ali Success Story: कुछ लोग होते हैं जो काफी कोशिशों और मशक्कत के बाद भी हार नहीं मानते। वो जिंदगी में कई बार गिरते हैं लेकिन फिर उठ खड़े होते हैं। एक नए सफर के लिए। और यही लगातार प्रयास और कोशिशें किसी इंसान को कामयाब बनाती हैं।आज सीख भरी कहानी एक ऐसे ही शख्स की जिसने कईयों बार 'ना' सुनने के बाद भी हार नहीं माना।

लगातार इंटरव्यू (Interview) देने के बाद भी जब इस शख्स को नौकरी नहीं मिली, तो उसने नौकरी ढूंढने का नायाब तरीका ढूंढा। आख़िरकार, उस शख्स ने रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर पॉप-अप स्टैंड (pop up Stand) लगा दिया। चंद घंटों बाद ही उसे नौकरी (JOB) मिल गई। दरअसल, ये कहानी ब्रिटेन के एक युवक हैदर अली की है। उसकी यह कहानी वहां के प्रसिद्ध अख़बार 'द मिरर' (Daily Mirror) में छपी थी। द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, 24 वर्षीय हैदर मलिक (Haider Malik) को कोरोना काल में नौकरी नहीं मिल रही थी। फिर उसने ये नायाब तरीका निकाला।

अच्छी डिग्री, बावजूद नौकरी नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हैदर अली ने मिडिलसेक्स यूनिवर्सिटी (Middlesex University) से बैंकिंग और फाइनेंस (Banking and Finance) में फर्स्ट डिवीजन डिग्री (first division degree) हासिल की हुई है। हैदर नौकरी के लिए भटक रहा था। इस दौरान वह लगातार जूम ऐप (Zoom Video Communications) के जरिए पर इंटरव्यू देता रहा। बावजूद उसे सफलता नहीं मिली। इसके बाद उसने नौकरी पाने का अद्भुत तरीका सोचा। उसने एक बोर्ड पर खुद से जुड़ी सभी जानकारी लिखते हुए अपनी सीवी (Curriculum vitae) और लिंक्डइन प्रोफाइल (LinkedIn profile) का कोड शेयर किया

हैदर के पिता पाकिस्तानी, चलाते हैं कैब

इस संबंध में हैदर मलिक कहते हैं, कि इसके लिए वह अपने पिता महमूद मलिक से प्रेरित हुए। महमूद अपनी जवानी के वक्त ही पाकिस्तान से ब्रिटेन आए थे और यहां कैब चलाने लगे। हैदर आगे बताते हैं, स्टेशन के पास जब उन्होंने बोर्ड लगाया तो पहले 05 से 10 मिनट मुझे घबराहट महसूस हुई। क्योंकि, मैं वहां खाली हाथ खड़ा था।

लोगों का मिला अच्छा रिस्पांस

हैदर मलिक कहते हैं 'तब मेरे बैग में सिर्फ मेरा सीवी था। मैं वहां खाली हाथ खड़ा था। उस दौरान मैं लोगों से बात करने की कोशिश कर रहा था। हैदर कहते हैं, मैंने अपना सीवी हाथ में लिया और सभी को सिर्फ 'गुड मॉर्निंग' बोलने लगा। इस दौरान कुछ सकारात्मक प्रतिक्रिया भी मिली। कई लोगों ने मुझे अपने कार्ड और फोन नंबर भी दिए। कुछ तो बातें की और और किसी ने मेरी फोटो वायरल कर दी।'

अचानक आया इंटरव्यू कॉल

फोटो वायरल होते ही व्यापक असर हुआ। अब तक जिस हैदर को कोई कॉल तक नहीं आते थे, अब लगातार कॉल पर कॉल आते रहे। फिर इंटरव्यू के लिए कॉल (Interview Call) आया। हैदर बताते हैं कि मुझे एक विभाग के निदेशक का सुबह-सुबह एक टेक्स्ट मैसेज (Text message) मिला। उसमें लिखा था, कि 10.30 बजे इंटरव्यू के लिए आओ। मेरी कार पार्किंग में थी। मैंने बोर्ड लिया और दौड़ पड़ा। आखिरकार, दूसरे राउंड के इंटरव्यू के बाद मुझे नौकरी मिल गई।


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Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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