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Chhattisgarh Congress Crisis: दामाद को लेकर विवादों में सीएम बघेल, वरिष्ठ मंत्री ने भी खोला मोर्चा
Chhattisgarh Congress Crisis: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दामाद के रिश्तेदारों के कालेज पर मेहरबानी को लेकर विवादों में घिर गए हैं।
Chhattisgarh Congress Crisis : पंजाब में कांग्रेस का संकट सुलझाने के बाद पार्टी नेतृत्व राजस्थान का झगड़ा भी जल्द सुलझाने की कोशिश में जुटा हुआ है मगर अब पार्टी के लिए छत्तीसगढ़ में नया मोर्चा खुल गया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने दामाद के रिश्तेदारों के कालेज पर मेहरबानी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। बघेल सरकार की ओर से इस निजी मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित कानून पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
इस विवाद ने भाजपा के हाथों में एक बड़ा हथियार दे दिया है और भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर बघेल सरकार पर बड़ा हमला बोला है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और हाल में केंद्रीय मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे को लेकर बघेल पर तीखा तंज कसा है। विपक्ष का आरोप है कि बघेल सरकार की ओर से प्रस्तावित कानून मुख्यमंत्री के दामाद के रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया गया है।
विधायक के आरोपों से सिंहदेव नाराज
इस विवाद के साथ ही कांग्रेस के एक विधायक की ओर से राज्य के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव पर हमला करने की साजिश का आरोप लगाने से भी सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस विधायक बृहस्पत सिंह ने आरोप लगाया है कि टी एस सिंहदेव के इशारे पर उन पर हमला करने की साजिश रची गई। कांग्रेस विधायक के आरोप पर सिंहदेव काफी नाराज बताए जा रहे हैं।
उन्होंने इस मुद्दे पर राज्य सरकार से स्पष्ट जवाब देने की मांग की है। अपनी मांग को लेकर उन्होंने राज्य विधानसभा से बहिर्गमन भी किया। बाद में उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं खुद को विधानसभा के मौजूदा सत्र का हिस्सा बनने के योग्य नहीं समझता। उन्होंने कहा कि जब तक सरकार इस मामले में जांच का आदेश नहीं देती या कोई स्पष्ट बयान नहीं जारी करती तब तक मेरे विधानसभा के सत्र में हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक नाराज सिंहदेव ने किसी से भी मुलाकात करने से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण नहीं देती तब तक वे किसी भी मंत्री या विधायक से मुलाकात नहीं करेंगे।
सिंधिया का बघेल पर तीखा हमला
छत्तीसगढ़ में पैदा हुए ये दोनों नए सियासी प्रकरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के लिए बड़ी मुसीबत बनते दिख रहे हैं। दामाद के रिश्तेदारों के मेडिकल कॉलेज को फायदा पहुंचाने के मामले में तो आरोपों की बौछार सीधे मुख्यमंत्री पर ही की जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मामले में बघेल को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के दामाद का कॉलेज बचाने के लिए उसे सरकारी पैसे से खरीदने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस कॉलेज पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे मगर फिर भी बघेल सरकार अपने दामाद के रिश्तेदारों के इस कॉलेज पर मेहरबान है। सिंधिया ने इस बाबत किए गए अपने ट्वीट में कहा है कि अब साफ हो चुका है कि कौन बिकाऊ है और कौन टिकाऊ।
मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का विवाद
दरअसल यह पूरा विवाद दुर्ग में स्थित चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के प्रयासों के बाद शुरू हुआ है। सरकार इस कॉलेज के अधिग्रहण के लिए बिल लाने की तैयारी में जुटी हुई है। पांच बार दुर्ग सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले चंद्राकर केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। 1995 में उनके निधन के बाद अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की स्थापना की गई थी। मौजूदा समय में इस अस्पताल के निदेशक मंगला प्रसाद चंद्राकर हैं।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सरकार की ओर से प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि इस कॉलेज के तत्काल अधिग्रहण की आवश्यकता है। इसके पीछे सरकार की ओर से दलील दी गई है कि इस मेडिकल कॉलेज में काफी संख्या में छात्र पढ़ते हैं और अधिग्रहण न किए जाने से उनका भविष्य दांव पर लग जाएगा। विधेयक में इसे जनहित का कदम बताते हुए कहा गया है कि कॉलेज पर जो भी देनदारी है, उसकी जिम्मेदारी चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल को ही निभानी होगी।
विवादों में फंसे बघेल,बढ़ेगा संकट
मेडिकल कॉलेज के निदेशक और अस्पताल के संचालक मंगला प्रसाद चंद्राकर के छोटे भाई विजय चंद्राकर के बेटे क्षितिज चंद्राकर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बेटी दिव्या बघेल की शादी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने फरवरी महीने में ही किए गए अपने ट्वीट में कॉलेज के अधिग्रहण की जानकारी दी थी मगर बाद में विवाद पैदा हो जाने के कारण अभी तक इस बाबत अंतिम फैसला नहीं किया जा सका है।
सियासी जानकारों का कहना है कि भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर बघेल सरकार पर तीखा हमला बोला है। अपने दामाद के रिश्तेदारों के कॉलेज को बचाने के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार फंसते जा रहे हैं और आने वाले दिनों में इस मामले को लेकर उनका संकट और बढ़ सकता है। दूसरी ओर राज्य के वरिष्ठ मंत्री टी एस सिंह देव ने भी राज्य सरकार को अप्रत्यक्ष रूप से घेरा है। कांग्रेस विधायक की ओर से लगाए गए आरोपों से साफ है कि पार्टी में खींचतान और मतभेद बढ़ रहे हैं जो आने वाले दिनों में कांग्रेस नेतृत्व के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकते हैं।