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युवक को पीटने वाले आईएएस अब झूठ बोलकर मांग रहे माफी, रिश्वत लेते पकड़े गए थे रंगे हाथ

Chhattisgarh DM : दवा लेने घर से निकले युवक को छत्तीसगढ़ जिलाधिकारी ने पीट दिया। युवक का मोबाइल फोन भी पटककर तोड़ दिया।

Akhilesh Tiwari
Written By Akhilesh TiwariPublished By Shraddha
Published on: 23 May 2021 4:31 AM GMT (Updated on: 23 May 2021 4:38 AM GMT)
दवा लेने के लिए घर से निकले युवक को छत्तीसगढ़ में डीएम ने पीट दिया
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 छत्तीसगढ़ डीएम रणवीर शर्मा (फाइल फोटो सौ. से सोशल मीडिया)

Chhattisgarh DM : दवा लेने के लिए घर से निकले युवक को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जिलाधिकारी ने पीट दिया। यही इतना नहीं उन्होंने युवक का मोबाइल फोन भी पटककर तोड़ दिया। सोशल मीडिया पर किरकिरी के बाद जिलाधिकारी महोदय माफी मांग रहे हैं लेकिन अपने बचाव में झूठी कहानी भी सुना रहे हैं। दूसरी ओर अब तक छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) ने पूरे मामले में चुप्पी साध रखी है। आईएएस रणवीर शर्मा (IAS Ranveer Sharma) को 2015 में दस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।

छत्तीसगढ़ के सुरजपुर जिले का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि जिलाधिकारी रणवीर शर्मा गाड़ी से उतरकर तेजी के साथ एक युवक की ओर जा रहे हैं। वह युवक उन्हें बता रहा है कि उसकी दादी बीमार हैं। दवा का पर्चा दिखा रहा है। मोबाइल फोन में भी वह कुछ दिखाने की कोशिश करता है तो जिलाधिकारी उसके हाथ से मोबाइल फोन लेकर देखते हैं और जमीन पर फोन पटक देते हैं। इसके बाद वह खुद उस युवक को चांटा मारते हैं। इस दौरान वह कहते हैं कि मोबाइल फोन से रिकार्डिंग कर रहा था।

जिलाधिकारी के साथ मौजूद पुलिसकर्मी आगे बढ़कर युवक को पीटने लगते हैं तो जिलाधिकारी कहते हैं कि मारो, और मारो। रिकार्डिंग कर रहा था। उनके इस बयान से प्रतीत होता है कि वह युवक पुलिस व जिलाधिकारी की उस कार्रवाई का वीडियो बना रहा था जिसमें वह लोगों को रोक कर उनसे पूछताछ कर रहे थे। मुमकिन है कि वह लोगों से अभद्र व्यवहार कर रहे हों जिसका वीडियो बनाने का शक होने पर उन्होंने युवक की पिटाई की है।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हजारों लोगों ने डीएम की निंदा की है। लोगों ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को डीएम पद पर रहने का अधिकार नहीं है। इसे तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए। कुछ लोगों ने कहा कि पहले अगरतला में डीएम का ऐसा व्यवहार दिखा और अब छत्तीसगढ़। इससे समझा जा सकता है कि संघ लोक सेवा आयोग किस तरह की भर्तियां कर रहा है। उसकी चयन प्रक्रिया ठीक नहीं है।

दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार नदीम ने छत्तीसगढ़ सरकार से कहा है कि जिलाधिकारी पर कार्रवाई करें और जो मोबाइल फोन उन्होंने तोड़ा है वह जिलाधिकारी से खरीदकर युवक को नया दिलाया जाए। निरंजन कुमार ने लिखा है कि सिविल सेवा में सुधार जरूरी है। सोशल मीडिया है तो पता चल रहा है कि पब्लिक सर्वेंट बस नाम के हैं। यह अपने को जिले का मालिक समझते हैं। नौकरशाही की प्रथा अंग्रेजों की शुरु की हुई है। जिसे अब भी ढोया जा रहा है।

डीएम ने मांगी माफी लेकिन झूठ भी बोला

सूरजपुर के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा ने एक वीडियो जारी कर अपने कृत्य की माफी मांगी है लेकिन इस वीडियो में भी वह झूठ बोलते दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने लोगों की सहानुभूति पाने के लिए अपने माता—पिता और खुद के कोरोना संक्रमित हो चुकने की कहानी भी सुनाई है। उनका दावा है कि युवक ने सड़क पर घूमने की झूठी वजह उन्हें बताई। पहले दवाई लेने जाने का बहाना किया लेकिन जब दवा का पर्चा नहीं मिला तो दादी के बीमार होने की बात बताई। इस पर आवेश में आकर उन्होंने युवक को चांटा मार दिया।

रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए थे रणबीर शर्मा

सूरजपुर के जिलाधिकारी रणबीर शर्मा 2012 बैच के आईएएस हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उन्हें कांकेर जिले में एसडीएम पद पर तैनात रहने के दौरान दस हजार रुपये नकद रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने अगस्त 2015 में पकड़ा था। उनके भ्रष्टाचार से इलाके में हर शख्स परेशान था। जब पुलिस ने उन्हें पकड़कर थाने में बंद किया तो सैकड़ों लोगों की भीड़ थाने की ओर दौड़ पड़ी थी। लोग उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे ​थे। तब हाल यह हुआ था कि पुलिस थाने का मेन गेट बंद करना पड़ गया। उन्हें अपने मातहत पटवारी से रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था।

आपको बता दें कि उन दिनों वह कांकेर के भानुप्रताप पुर ब्लॉक के एसडीएम थे। बताया जाता है कि इस घटना से भी पहले 2014 में उन पर एक भालू पर गोली चलवाने का मामला भी दर्ज हुआ था। 1 जनवरी 2014 को मरवाही तहसीलदार और गौरेला एसडीएम का चार्ज रहने के दौरान उन्होंने पुलिस को एक भालू पर गोलिया चलाने के लिए मजबूर किया और भालू को 11 गोलियां मारी गई थी। तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने मामले की जांच के आदेश भी दिए थे। जब उन्हें रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था तो कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था लेकिन वक्त बदलने के साथ ही कांग्रेस सरकार ने उन्हें जिलाधिकारी का रुतबा दिया और अब उनका वीडियो वायरल होने के बावजूद सख्त कार्रवाई से बचती दिखाई दे रही है।

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में तैनात जिलाधिकारी रणवीर शर्मा बने जल्लाद, दादी की दवा लेने निकले युवक का मोबाइल फोन तोड़ा, पीटा भी और मुकदमा भी दर्ज कराया।

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