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Liquor Case : ईडी की बड़ी कार्रवाई, शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा गिरफ्तार
Liquor Case : ईडी ने सोमवार को कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कथित शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय से बड़ी राशि प्राप्त करते थे, जिसकी अनुमानित राशि लगभग 2,161 करोड़ रुपए है।
Liquor Case : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को कथित शराब 'घोटाले' में गिरफ्तार किया। बता दें कि ईडी ने सोमवार को कहा था कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता कथित शराब घोटाले से उत्पन्न अपराध की आय से बड़ी राशि प्राप्त करते थे, जिसकी अनुमानित राशि लगभग 2,161 करोड़ रुपए है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कवासी लखमा राज्य की पिछली कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नकद में अपराध की आय का मुख्य प्राप्तकर्ता था। शराब घोटाले में ईडी की जांच (जो कथित तौर पर 2019 और 2022 के बीच हुई थी) में खुलासा हुआ कि विभिन्न अवैध तरीकों से कमीशन लिया गया था। शराब की खरीद और बिक्री के लिए जिम्मेदार राज्य निकाय छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) द्वारा खरीदी गई शराब के प्रत्येक "केस" के लिए डिस्टिलर्स से रिश्वत ली गई थी।
सरकारी दुकानों पर बेची जाती थी अवैध शराब
ईडी ने दावा किया कि अवैध लाभ कमाने का एक और तरीका बेहिसाब "कच्चा ऑफ-द-बुक" देशी शराब की बिक्री थी, जिसमें से कोई भी आय राज्य के खजाने में नहीं पहुंची और इसके बजाय सिंडिकेट ने इसे अपनी जेब में डाल लिया। ईडी ने कहा कि अवैध शराब विशेष रूप से सरकारी दुकानों के माध्यम से बेची जाती थी। ईडी ने यह भी कहा कि शराब बनाने वालों को रिश्वत दी गई, ताकि वे एक निश्चित बाजार हिस्सेदारी के साथ कार्टेल बना सकें और विदेशी शराब क्षेत्र में शामिल लोगों को रिश्वत दी गई।
ये खुलासे ईडी की रायपुर इकाई द्वारा शराब घोटाले के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत रायपुर, धमतरी और सुकमा जिलों में सात स्थानों पर तलाशी अभियान चलाने के दो दिन बाद हुए हैं। 28 दिसंबर को ईडी ने छह बार के कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के आवासीय परिसरों पर, उनके बेटे हरीश लखमा और अन्य करीबी सहयोगियों के साथ छापेमारी की।
अब तक पांच लोग गिरफ्तार
तलाशी में ऐसे सबूत मिले, जिनसे पता चला कि कवासी लखमा ने संबंधित अवधि के दौरान अपराध की आय का इस्तेमाल नकद में किया था। कई डिजिटल डिवाइस भी जब्त की गई हैं, जिनमें अपराध से जुड़े रिकॉर्ड होने का संदेह है। पहले की जांच में पता चला था कि अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा और अन्य के नेतृत्व में शराब का गिरोह छत्तीसगढ़ में सक्रिय था।
बता दें कि इस मामले में 205 करोड़ रुपए की कुर्की का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अभियोजन शिकायत के साथ दो पूरक आरोप पत्र दायर किए जा चुके हैं। रायपुर की विशेष पीएमएलए अदालत ने मामले का संज्ञान पहले ही ले लिया है।