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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 24 घंटे खुली रहेंगी दुकानें, कैफे, महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी
Chhattisgarh News: कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में दुकानें अब चौबीसों घंटे काम कर सकेंगी और महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने की अनुमति होगी।
छत्तीसगढ़ में महिलाएं रात की शिफ्ट में काम कर सकेंगी (photo: social media )
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ सरकार ने घोषणा की है कि राज्य भर में दुकानें, पार्लर, कैफे और रेस्तरां अब चौबीसों घंटे काम कर सकेंगे। सरकार के अनुसार, इस पहल का उद्देश्य व्यापार वृद्धि को बढ़ावा देना, रोजगार के अवसर पैदा करना और शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार करना है। सरकार ने महिलाओं को रात की पाली में काम करने की भी अनुमति दी है।
हालांकि, मौजूदा नियमों के अनुसार शराब की दुकानों को अभी भी रात 10 बजे तक बंद करना होगा।
क्या क्या है घोषणा में
- कैबिनेट मंत्री लखन लाल देवांगन ने इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में दुकानें अब चौबीसों घंटे काम कर सकेंगी और महिला कर्मचारियों को रात में भी काम करने की अनुमति होगी। अभी तक व्यवसायों को सप्ताह में एक दिन बंद रहना पड़ता था। अब व्यापारियों के पास अपने काम के घंटे तय करने की छूट है।
- सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित रहें। श्रमिकों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा और किसी भी कर्मचारी से दिन में आठ घंटे से अधिक काम नहीं कराया जा सकेगा। इसके अलावा सभी दुकान मालिकों को कर्मचारी हितों की रक्षा के लिए श्रम कल्याण नीतियों का पालन करना होगा।
- नए नियमों ने दुकान पंजीकरण प्रक्रिया को भी बदला है। कर्मचारी राज्य बीमा और भविष्य निधि योजनाओं के तहत पहले से पंजीकृत व्यवसाय स्वचालित रूप से नए सिस्टम में शामिल हो जाएंगे, लेकिन उन्हें छह महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करनी होगी। हालांकि, इस अवधि के बाद जमा किए गए आवेदनों पर सरकारी मानदंडों के अनुसार शुल्क लगेगा।
छोटे व्यवसायों के लिए लाभ
इससे पहले, 24 घंटे का बिजनेस ऑपरेशन नियम सिर्फ शहरी नगरपालिका क्षेत्रों पर लागू होता था। सरकार के अनुसार, अब संशोधित नीति अब कम से कम 10 श्रमिकों को रोजगार देने वाले छोटे व्यवसायों को लाभान्वित करती है। इसके अलावा उल्लंघन के लिए दंड बढ़ा दिया गया है।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, दुकान और प्रतिष्ठान पंजीकरण अब नगर निकायों के बजाय श्रम विभाग के अधीन होंगे। पंजीकरण शुल्क को कर्मचारियों की संख्या के आधार पर 1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक संशोधित किया गया है, जो पहले 100 रुपये से 250 रुपये के शुल्क ढांचे की जगह लेगा। हालांकि इस निर्णय का उद्देश्य अधिक से अधिक कार्यबल के अवसर प्रदान करना है, लेकिन महिलाओं के लिए सार्वजनिक परिवहन और सुरक्षा के बारे में चिंताएँ जताई गई हैं। वर्तमान में रायपुर की सिटी बस सेवाएं केवल शाम 7:30 बजे तक ही चलती हैं, जिससे कई महिला कर्मचारी रात में यात्रा करने को लेकर चिंतित रहती हैं।