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रो उठा सारा देश: कुत्तों ने ऐसे बचाई लावारिस पड़ी मासूम की जान, गांव वालें भी हैरान
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से एक हैरान क्या शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां पर एक नवजात बच्ची को किसी ने सुनसान घास-फूस में फेंक दिया था।
Chhattisgarh News: मां अपने बच्चों को नौ महीने पेट में रखती है, गर्भावस्था के दौरान सिर्फ उस दिन का इंतजार रहता है कि जब नन्ही से जान इस दुनिया में आएगी। भगवान की इस अद्भुत रचना का इस एहसास का कोई मोल नहीं है। ऐसे में छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Ki Taza Khabar) के मुंगेली जिले से एक हैरान क्या शर्मनाक घटना सामने आई है। यहां पर एक नवजात बच्ची (Navjat Bacchi Mili) को किसी ने सुनसान घास-फूस में फेंक दिया था। ये बच्ची कुत्तों के झुंड के बीच लावरिस मिली। बच्ची स्वास्थ्य अवस्था में मिली। जिसे देखकर गांव वाले भौचक्का हो गए।
राज्य के मुंगेली जिले के लोरमी के सारिसताल गांव में ये घटना हुई हैं। जहां गांव के पैरा में कड़कड़ाती ठंड में नवजात बच्ची रोती-बिलखती कुत्तों के झुंड के बीच मिली। जिसे वहां मौजूद घर के लोगों ने देखा, तो उनके होशों-हवास का ठिकाना ही नहीं रहा। मासूम सी जान की रखवाली कुत्ते कर रहे थे। ये देखकर घर के लोगों ने गांव के सरपंच को इस बात की जानकारी दी।
नवजात की देखभाल करते कुत्ते
बच्ची को इस हालत में देख गांव के सरपंच उस नन्ही जान को बिना देरी किए हुए अस्पताल ले गए। साथ ही पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। जिससे पुलिस भी अस्पताल पहुंची। ऐसे में अब प्रारंभिक उपचार के बाद नवजात को जिला अस्पताल भेज दिया गया है।
जिला अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इस बच्ची की हालत बिल्कुल ठीक है वह पूरी तरह से स्वस्थ है। वहीं इलाके की पुलिस ये पता लगाने की कोशिश में लगी हुई है कि इस बच्ची को ऐसे किसने फेंक। ऐसे में इस शर्मनाक हरकत को करने वाले के पीछे लोक लाज एक कारण हो सकता है या फिर लड़की पैदा होने की वजह से ये कदम उठाया गया है। लेकिन इस घिनौने कर्त्य को करने वाले को कठोर दंड देना चाहिए।
लेकिन नवजात(navjat bacchi mili) का ऐसे झाड़ियों में मिलना, कई सवाल खड़े करता है। गांव के बीच हुई इस घटना से लोग बहुत ज्यादा ही हैरान हैं। ऐसे में गांव वालों का कहना है कि 'जाको राखे साईंया मार सके ना कोय', क्योंकि जिस तरह ठंड में मासूम रात भर इन जानवरों के बीच रही ये कोई चमत्कार से कम नहीं है।
इंसान के अंदर नही बची
गांव वालों का कहना है कि झाड़ियों में पड़ी इस नवजात(navjat bacchi mili) को ये जानवर नुकसान पहुंचा सकते थे, लेकिन नहीं भगवान की इस देन की ये सभी रक्षा कर रहे थे। गांव वालों ने बताया कि कुत्तों ने बच्ची को अपनी जीभ से चाटकर साफ भी किया। इस बात ये जरूरी मन में आ रहा है कि इस जमाने में इंसान के अंदर भले ही इंसानियत न बची हो, लेकिन बेजुबान जानवर आज भी इंसानियत जानता है।
घटना के बारे में लोरमी पुलिस के जांच अधिकारी चिंताराम बिझवार ने बताया कि झड़ियों में मिली लावारिस बच्ची को चाइल्ड लाइन को सौंपा दिया गया है। नवजात को जन्म लिए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए हैं। फिलहाल बच्ची को इलाज के लिए अंडर ओवजरवेशन के लिए जिला अस्पताल में रखा गया है।