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Chhattisgarh New CM: छत्तीसगढ़ के नए CM पर फैसला आज, भाजपा विधायक दल की बैठक में लगेगी मुहर, तीनों पर्यवेक्षक पहुंचे रायपुर
Chhattisgarh New CM: भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनेवाल और दुष्यन्त कुमार गौतम को पर्यवेक्षक बनाया गया है। तीनों पर्यवेक्षक रायपुर पहुंच चुके हैं।
Chhattisgarh New CM: छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद आज नए मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस खत्म हो सकता है। भाजपा विधायक दल की आज दोपहर बैठक होने वाली है जिसमें नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई जा सकती है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में स्थित भाजपा कार्यालय में यह बैठक होने वाली है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से छत्तीसगढ़ के लिए अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनेवाल और दुष्यन्त कुमार गौतम को पर्यवेक्षक बनाया गया है। तीनों पर्यवेक्षक रायपुर पहुंच चुके हैं।
इस बैठक में छत्तीसगढ़ के प्रभारी ओपी माथुर, मनसुख मंडाविया, नितिन नवीन भी मौजूद रहेंगे। वे शनिवार को ही रायपुर पहुंच गए हैं। छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री को लेकर कई दावेदारों के नाम उभरे हैं। इसलिए सबकी निगाहें विधायक दल की बैठक पर लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री पद की रेस में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। आदिवासी सीएम के नाम पर विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह दावेदारों में शामिल हैं। वहीं,ओबीसी चेहरे के रूप में ओपी चौधरी और अरुण साव को दावेदार बताया जा रहा है।
भाजपा ने हासिल की है बड़ी जीत
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस बार बड़ी जीत हासिल करते हुए कांग्रेस को करारी शिकस्त दी है। विधानसभा की 90 सीटों में से भाजपा ने 54 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं 2018 में 68 सीट जीतने वाली कांग्रेस 35 सीटों पर सिमट गई है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (GGP) एक सीट जीतने में कामयाब रही है।
भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि भाजपा विधायक दल की बैठक में तीन पर्यवेक्षकों केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और सर्बानंद सोनोवाल तथा पार्टी महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम के साथ ही पार्टी के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया और राज्य में पार्टी के सह-प्रभारी नितिन नवीन भी मौजूद रहेंगे।
आदिवासी समुदाय से सीएम पद के कई दावेदार
जानकार सूत्रों का कहना है कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम पर मुहर नहीं लगी तो किसी आदिवासी या ओबीसी नेता को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। रमन सिंह 2003 से 2018 तक लगातार तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में कई नाम शामिल है।
इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णु देव साय, विधायक चुने जाने के बाद केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने वाली रेणुका सिंह, राज्य के पूर्व मंत्री रामविचार नेताम व लता उसेंडी तथा विधानसभा के लिए चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा देने वाली गोमती साय के नाम शामिल हैं।
ओबीसी चेहरे के रूप में प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नौकरशाह से नेता बने ओपी चौधरी का नाम लिया जा रहा है। साव ने विधायक चुने जाने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था।
आदिवासी कार्ड खेल सकती है भाजपा
सियासी जानकारों का मानना है कि इस बार राज्य में भाजपा आदिवासी कार्ड खेल सकती है क्योंकि राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी करीब 32 फ़ीसदी है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 सीट में से 17 सीटों पर जीत हासिल की है।
इस जीत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एसटी के लिए आरक्षित सिर्फ तीन सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी। आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग में भाजपा को बड़ी कामयाबी मिली है और पार्टी ने 14 सीटों पर जीत हासिल की है।
चौंकाने वाला नाम आ सकता है सामने
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस संभाग में 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। विष्णुदेव साय, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम और गोमती साय इसी संभाग से जुड़े हुए हैं और उनकी दावेदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आदिवासी सीएम का कार्ड खेलने से भाजपा को झारखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में भी लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी फायदा हो सकता है। ऐसे में सबकी निगाहें अब नए मुख्यमंत्री के चेहरे पर लगी हुई है। भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर का कहना है कि नए मुख्यमंत्री के रूप में चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है।