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अजब फरमानः कोरोना से हुई मौत, तो देना होगा ढाई हजार रुपए जुर्माना

छत्तीसगढ़ में कोरोना मृतक के परिजनों को 2500 रुपये देने होंगे। जो कि शव के स्टोरेज और कैरिज के नाम पर वसूले जा रहे हैं।

Shreya
Published By Shreya
Published on: 13 April 2021 11:31 AM GMT (Updated on: 13 April 2021 11:32 AM GMT)
अजब फरमानः कोरोना से हुई मौत, तो देना होगा ढाई हजार रुपए जुर्माना
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अजब फरमानः कोरोना से हुई मौत, तो देना होगा ढाई हजार रुपए जुर्माना (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

रायपुर: कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही है। भारत के कई राज्यों में संकट और गहराता जा रहा है। इस बीच छत्तीसगढ़ में एक ऐसा आदेश जारी किया गया है, जिसके चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है। आदेश के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति की मौत कोविड-19 संक्रमण की वजह से होती है तो उसके परिजनों को ढाई हजार रुपये देने होंगे।

जी हां, अब कोरोना से जान गंवाने वाले मृतक के परिजनों को ढाई हजार रुपये देने होंगे। परिजनों से ये पैसे शव के स्टोरेज और कैरिज के नाम पर वसूले जा रहे हैं। इसके लिए स्वास्‍थ्य विभाग के वर सचिव द्वारा आदेश भी जारी किया गया है। इस आदेश के बाद लोगों में नाराजगी देखी गई। जिसके बाद स्थानीय लोगों और बीजेपी ने आदेश का विरोध दर्ज करवाया है। छत्तीसगढ़ सरकार के इस आदेश के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने राजभवन में आपत्ती दर्ज करवाई है।

कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दरें तय (सांकेतिक फोटो- सोशल मीडिया)

इससे पहले जारी किया गया ये आदेश

वहीं, इससे पहले राज्य सरकार ने कल यानी सोमवार को एक आदेश जारी करते हुए प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए नई दरें निर्धारित की हैं। आदेश के मुताबिक, NABH मान्यता प्राप्त प्राइवेट अस्पतालों में मॉडरेट स्थिति वाले कोविड-19 संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रोजाना 6200 रुपये का शुल्क निर्धारित किया गया है। इस शुल्क में पीपीई किट, ऑक्सीजन व आइसोलेशन बेड का खर्च भी शामिल है।

इसके अलावा कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए प्रतिदिन 12 हजार रुपये का शुल्क तय किया गया है। इसमें बगैर वेंटिलेटर के आईसीयू सर्विस शामिल है। वहीं, ज्यादा गंभीर मरीजों के इलाज के लिए हर दिन 17 हजार रुपये देने होंगे। शुल्क में वेंटिलेटर के साथ आईसीयू सुविधा उपलब्ध है। जबकि गैर NABH से गैर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में मॉडरेट, गंभीर और अति गंभीर मरीजों के इलाज के लिए रोजाना 6200 रुपये, दस हजार व 14 हजार रुपये देने होंगे।

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