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Acharya Vidyasagar Maharaj: संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज ने ली समाधि, कौन होंगे अगले आचार्य? PM समेत कई नेताओं ने जताया शोक

Acharya Vidyasagar Maharaj: शनिवार देर रात संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपना देह त्यागा। देह त्यागने से पूर्व उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था।

Shishumanjali kharwar
Published on: 18 Feb 2024 8:31 AM GMT
acharya vidyasagar maharaj
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संत शिरोमणि विद्यासागर महाराज ने ली समाधि (सोशल मीडिया)

Acharya Vidyasagar Maharaj: समाज के वर्तमान के वर्धमान कहे जाने वाले संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने डोंगरगढ़ स्थित चंद्रगिरि तीर्थ में समाधि लेते हुए तीन दिन के उपवास के बाद देह त्याग दिया। शनिवार देर रात संत आचार्य विद्यासागर महाराज ने अपना देह त्यागा। देह त्यागने से पूर्व उन्होंने अखंड मौन धारण कर लिया था। संत आचार्य विद्यासागर महाराज के देह त्यागने की खबर मिलते ही जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गयी। आचार्य के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है। रविवार को आचार्य का अंतिम संस्कार विधिपूर्वक किया जाएगा। संत आचार्य विद्यासागर महाराज के देहत्याग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेताओं ने भी संवेदना प्रकट की है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स कर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा- “मुझे वर्षों तक उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सम्मान मिला। मैं पिछले साल के अंत में छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में चंद्रगिरि जैन मंदिर की अपनी यात्रा को कभी नहीं भूल सकता। उस समय, मैंने आचार्य श्री 108 विद्यासागर महाराज जी के साथ समय बिताया था।

आचार्य का ब्रह्मलीन होना अपूरणीय क्षतिः अमित शाह

देश के गृह मंत्री अमित शाह ने महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर संवेदना प्रकट की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि महान संत परमपूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज जैसे महापुरुष का ब्रह्मलीन होना, देश और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने अपनी अंतिम साँस तक सिर्फ मानवता के कल्याण को प्राथमिकता दी। मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि ऐसे युगमनीषी का मुझे सान्निध्य, स्नेह और आशीर्वाद मिलता रहा। मानवता के सच्चे उपासक आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। वे सृष्टि के हित और हर व्यक्ति के कल्याण के अपने संकल्प के प्रति निःस्वार्थ भाव से संकल्पित रहे।

आचार्य ने समाज में किया नई आध्यात्मिक चेतना का संचारः राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संत शिरोमणि के देह त्यागने पर शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के समाधिस्थ होने के समाचार से मुझे गहन वेदना की अनुभूति हुई है। अध्यात्म और ज्ञान के सागर, विद्यासागर जी महाराज ने देश और समाज में एक नई आध्यात्मिक चेतना का संचार किया। उन्होंने जीव कल्याण से लेकर विश्व कल्याण के लिए आजीवन काम किया। विद्यासागर जी महाराज के देहावसान से शोकाकुल उनके अनुयायियों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना की अभिव्यक्ति करता हूँ। उनके दर्शन करने का मुझे कई बार सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनकी स्मृति को मैं पुनः नमन करता हूँ।

26 साल की उम्र में विद्यासागर बन गए थे आचार्य

आचार्य ज्ञान सागर ने समाधि लेने से पहले मुनि विद्यासागर को आचार्य पद सौंपा था। इस तरह 26 साल की उम्र में ही विद्यासागर आचार्य बन गए थे। जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव के सदलगा गांव में 10 अक्टूबर 1946 को शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था। आचार्य के तीन भाई और दो बहनें है। तीन भाईयों में से 2 जैन मुनि तो तीसरे भाई धर्म के काम में लगे हुए हैं। वहीं उनकी दोनों बहनों ने भी ब्रह्मचर्य लिया है। आचार्य विद्यासागर महाराज अब तक 500 से अधिक मुनि को दीक्षा दे चुके है।

कौन होगा जैन समाज का अगला आचार्य?

संत ज्ञान सागर की तरह आचार्य विद्यासागर महाराज ने भी समाधि लेने से तीन दिन पूर्व आचार्य पद का त्याग कर दिया था। उन्होंने अगला आचार्य भी नियुक्त कर दिया था। उन्होंने मुनि शिष्य निर्यापक श्रमण मुनि समयसागर को आचार्य पद सौंप दिया है। विद्यासागर ने मुनि शिष्य को 6 फरवरी को ही आचार्य पद देने की घोषणा कर दी थी।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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