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महाराष्ट्र में कोरोना के मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़, फर्जी कंपनी की नकली दवा बरामद

देश में कोरोना के मामले कम जरूरी हुए हैं, लेकिन सभी राज्यों व शहरों से अभी नए मामलों के आने का सिलसिला जारी है।

Raghvendra Prasad Mishra
Published on: 4 Jun 2021 4:42 PM IST
fake medicine
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नकली दवा के सैंपल की फाइल तस्वीर (फोटो साभार–सोशल मीडिया)

Coronavirus: देश में कोरोना के मामले कम जरूरी हुए हैं, लेकिन सभी राज्यों व शहरों से अभी नए मामलों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले से परेशान करने वाला मामला सामने आया है। यहां कोरोना मरीजों के इलाज के लिए इस्तेमाल में आने वाली फेविमैक्स की नकली दवाई यबरामद हुई है। इसके खुलासे के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

ज्ञात हो कि बीते कुछ दिनों पहले खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने मुंबई में एक बड़ा जब्ती अभियान चलाया था। इस दौरान संदेह हाने पर कुछ नकली दवाइयों को जब्त किया गया था। एफडीए को जांच के दौरान इसका तार महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले से जुड़ता नजर आया।

सूत्रों के मुताबिक मुंबई के मुख्य वितरक शिवसृष्टि सर्गेमेड, मेडिटेब वर्ल्डवाइल्ड और नीरव ट्रेडिंग से इन नकली दवाइयों का स्टॉक बरामद हुआ था। इतना ही नहीं उस्मानाबाद जिले के उमरगा और उस्मानाबाद तालुकों में नकली गोलियां बेची गई थीं। FDA के अनुसार इन गोलियों के निर्माण में कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल होने वाले स्टॉर्च का इस्तेमाल किया गया। हैरत की बात यह हे कि जांच में पता चला है कि यहां ऐसी दवाई बनाने वाली कोई कंपनी अस्तित्व में है ही नहीं। बता दें कि कोरोना मरीजों के इस्तेमाल में आने वाली इस गोली को बनाने के लिए एक निर्धारित सामग्री की आवश्यकता होती है, लेकिन इन गोलियों को बनाने में कपड़े धोने के स्टॉर्च का इस्तेमाल किया जा रहा था।

मजे की बात यह है दवाओं पर कंपनी मैक्स रिलीफ हेल्थकेयर हिमाचल प्रदेश के सोलन में स्थित लिखा गया है। छानबीन करने पर पता चला कि इस नाम की कोई कंपनी उस स्थान पर नहीं है। फिलहाल फेविमैक्स टैबलेट को महाराष्ट के उस्माना जिले में बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं श्रीनाथ इंटरप्राइजेज से उमरगा में 300 और उस्मानाबाद जिले में 220 स्ट्रिप्स जब्त की गई है, जिसके कीमत 65,000 रुपए है।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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