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जब अटल से मुकाबले के लिए कल्याण सिंह ने चढ़ा ली थी बांह

बीजेपी पार्टी को मजबूत और बड़ा बनाने में जितना अटल बिहारी वाजपाई और लालकृष्ण आडवाणी का हाथ रहा कल्याण सिंह ने भी कोई कम काम नहीं किए पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए।

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Newstrack NetworkPublished By Monika
Published on: 22 Aug 2021 12:21 PM IST (Updated on: 22 Aug 2021 2:25 PM IST)
Kalyan Singh - Atal Bihari Vajpayee
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कल्याण सिंह - अटल बिहारी वाजपेयी (फोटो : सोशल मीडिया )

Kalyan Singh: यूपी के पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ट नेता कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का शनिवार को निधन हो गया। वह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पूर्व सीएम रहे कल्याण सिंह ने अपने समय में कई ऐसे फैसले लिए है जिसे लोग आज भी याद करते हैं। बीजेपी (BJP) पार्टी को मजबूत और बड़ा बनाने में जितना अटल बिहारी वाजपाई और लालकृष्ण आडवाणी का हाथ रहा कल्याण सिंह ने भी कोई कम काम नहीं किए पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए।

कल्याण सिंह को हिंदू-हृदय सम्राट के तौर पर जाना जाता था। कल्याण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) दोनों की दिग्गज नेता आरएसएस (RSS) से निकलने के बाद बीजेपी का गठन किया। दोनों ने ही अपनी सूच बूझ से पार्टी को सत्ता पर पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई थी। लेकिन एक ही पार्टी में होते हुए भी दोनों के बीच काफी मन मुटाव (Kalyan singh relation with atal bihari vajpayee) की खबरे भी सामने आती रहीं थी। अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय राजनीति में बने रहे जबकि कल्याण सिंह ने यूपी की सियासत में बंधे रहे।

एक समय ऐसा भी आया था जब कल्याण सिंह को अटल के विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा था। लेकिन उनमें धैर्य की कमी होने के कारण बनते काम बिगड़ने लगे। इसी बात पर एनडीए के संयोजक रहे जार्ज फर्नांडीज ने उनपर एक बार टिप्पड़ी तक कर दी थी कि वह अगर धैर्य से काम लेते तो वह अटल के बाद बीजेपी के कप्तान होते। वहीं दूसरी तरफ कल्याण सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना उनकी बड़ी भूल थी। अगर वो इस्तीफा नहीं देते आज अटल बिहारी उन्हें नहीं हटा पाते। जिसेक बाद से कल्याण सिंह बीजेपी से दूर हो गए।

धीरे धीरे छोड़ने लगी थी जंग

अटल और कल्याण सिंह के बीच मन मुटाव बढ़ने लगे थे। जब 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे , इसी के साथ कल्याण सिंह से उनके रिश्ते पैसे जैसे नहीं रहे। एक वोट से अटल की सरकार 13 महीनों में ही औंधे मुंह गिरी। 1999 में मध्यावधि लोकसभा चुनाव का आयोजन हो रहा था जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह थे। जब कल्याण सिंह से लखनऊ में एक इंटरव्यू में सवाल पूछा गया कि क्या उन्हें भरोसा है कि अटल बिहारी वाजपेयी दोबारा प्रधानमंत्री बन जाएंगे? जिसपर कल्याण सिंह ने तुरंत जवाब देते हुए कहां कि वह भी चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बने, लेकिन उससे पहले सांसद भी बनाने पड़ते हैं ।

बीजेपी से हटाए जाने की मांग

10 अक्टूबर 1999 को अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने । जिसके बाद से ही कल्याण सिंह को हटाए जाने की मांग बढ़ने लगी । अटल के यूपी के करीबी नेता खुलकर कल्याण सिंह को हटाने की मांग करने लगे । इसके बाद से कल्याण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी की कड़वाहट बढ़ने लगी । कल्याण सिंह को लगने लगा था कि उनके खिलाफ जिन नेताओं में मोर्चा निकाला है उसके पीछे वाजपेयी हैं ।


Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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