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Malegaon Blast: धमाके में योगी को फंसाने की साजिश का बड़ा खुलासा, एक और गवाह पलटा

Malegaon Blast: सुनवाई के दौरान एक गवाह ने महाराष्ट्र एटीएस गंभीर आरोप लगा दिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Monika
Published on: 29 Dec 2021 6:58 AM GMT
Malegaon Blast: धमाके में योगी को फंसाने की साजिश का बड़ा खुलासा, एक और गवाह पलटा
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (कॉन्सेप्ट फोटो : न्यूज़ट्रैक)  

Malegaon Blast: मालेगांव विस्फोट मामले (Malegaon Blast case) के एक गवाह ने मंगलवार को एक अदालत में अपने बयान के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) को लेकर बड़ा खुलासा किया। गवाह ने विशेष एनआईए अदालत में दिए गए बयान में दावा (Witness statement) किया कि आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने उसे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और संघ के चार नेताओं का नाम लेने के लिए मजबूर (pressure) किया था। महाराष्ट्र एटीएस (Maharashtra ATS) की ओर से इस गवाह का बयान दर्ज किया गया था।

मालेगांव धमाका (Malegaon Blast 2008) 2008 में हुआ था और उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी। एटीएस ने इस विस्फोट मामले की जांच की थी और मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Former Police Commissioner Parambir Singh) उस समय एटीएस के अतिरिक्त आयुक्त थे। परमबीर सिंह हाल के दिनों में भी काफी चर्चित रहे हैं क्योंकि उनका नाम जबरन वसूली के कई मामलों में सामने आया है। गिरफ्तारी की आशंका से वे काफी दिनों तक अंडरग्राउंड भी हो गए थे। बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद वे वसूली के मामलों में जांच का सामना करने के लिए मुंबई पहुंचे थे।

संघ नेताओं का नाम लेने का भी दबाव

विशेष एनआईए अदालत में अपनी गवाही के दौरान इस गवाह ने कहा कि एटीएस के तत्कालीन वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह और एक अन्य अधिकारी ने दबाव बनाते हुए उससे योगी आदित्यनाथ और इंद्रेश कुमार सहित संघ के 4 नेताओं का इस मामले में नाम लेने को कहा था। पहले मालेगांव विस्फोट मामले की जांच एटीएस की ओर से की जा रही थी और उसी समय इस गवाह का बयान दर्ज किया गया था। बाद में इस विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।

गवाह ने अपने बयान में एटीएस पर खुद को प्रताड़ित करने और कार्यालय में जबरन बैठाए रखने का आरोप भी लगाया। गवाह की ओर से एटीएस के खिलाफ बयान देने और आतंकरोधी एजेंसी के सामने किसी बयान से इनकार किए जाने के बाद एनआईए की विशेष अदालत ने उसे होस्टाइल विटनेस घोषित किया। इस मामले में अभी तक 20 गवाहों के बयान लिए जा चुके हैं और इनमें से 15 लोग अपने पूर्व बयानों से मुकर चुके हैं।

2008 में हुआ था मालेगांव धमाका (Malegaon blast in 2008)

मालेगांव धमाका 29 सितंबर 2008 को हुआ था और इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी। मालेगांव कस्बा मुंबई से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां पर हुए धमाके में 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले के आरोपियों में कई चर्चित लोग शामिल है। आरोपियों में भोपाल से भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, अजय रहीरकर और समीर कुलकर्णी के नाम शामिल है।

मौजूदा समय में धमाके के सभी आरोपी जमानत पर बाहर हैं। धमाके को लेकर खूब सियासत भी हुई थी। प्रज्ञा ठाकुर और संघ नेताओं को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर बड़े आरोप भी लगाए थे। दूसरी ओर भाजपा हमेशा इन आरोपों का हमेशा खंडन करती रही है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी इस मामले में एटीएस पर उत्पीड़न और प्रताड़ना के आरोप लगा चुकी हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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