महाराष्ट्र में कोरोना के बाद बढ़ा Mucormycosis का खतरा, गुजरात में भी दिखे बड़ी बीमारी के मरीज

कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। कोरोना की वजह से लोग म्यूकोरमाइकोसिस की चपेट में आ रहे हैं।

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Newstrack Network Newstrack - NetworkPublished By Monika
Published on: 9 May 2021 1:55 AM (Updated on: 10 May 2021 5:37 AM)
Mucormycosis infection increasing in corona  Patient
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कोरोना वायरस के बढ़ते मामले (फोटो: सोशल मीडिया )

मुंबई: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। हर रोज एक्टिव केस (coronavirus active case) नए रिकॉर्ड बना रहे हैं। इसी बीच कोरोना वायरस की इस दूसरी लहर में एक और चिंता बढ़ाने वाली खबर सामने आई है। कोरोना की वजह से लोग म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) की चपेट में आ रहे हैं। गुजरात (Gujarat) में कई मामले सामने आए हैं जहां कोरोना से रिकवरी के बाद लोग म्यूकोरमाइकोसिस जैसी खतरनाक बीमारी का शिकार हो रहे हैं।

कोरोना वायरस की वजह से होने वाले फंगल इन्फेक्शन के कई मामले देखे जा रहे हैं। महाराष्ट्र और गुजरात के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि म्यूकोरमाइकोसिस के मामले कोविड-19 से ठीक हुए मरीजों में बढ़ रहे हैं ,जिसकी वजह से उनमें आंखों की रोशनी चली जा रही हैं साथ ही अन्य समस्या भी उत्पन्न हो रही है। सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोविड-19 से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीज में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है।

वहीं नीति आयोग से जुड़े डॉक्टर वीके पॉल का इस मामले पर कहना है कि आम तौर पर ये बीमारी डायबिटिक पेशंट में देखी जा रही है। लेकिन अगर किसी का शुगर लेवल कंट्रोल में नहीं है और उसे कोरोना हो जाए तो ख़तरा ज़्यादा है। ऐसे केस में इलाज के लिए ज़्यादातर स्टेरॉइड्स का प्रयोग होता है। इनका इस्तेमाल नियंत्रित होना चाहिए।

किसको है ज्यादा खतरा?

म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी आम तौर पर उन लोगों को अपना शिकार बना रही है जिन लोगों में इम्यूनिटी बहुत कम होती है. कोरोना के दौरान या कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है इसलिए वे आसानी से इसके शिकार हो जाते है. खास कर कोरोना के वे मरीज जिन्हें डायबिटीज की शिकायत है .

अहमदाबाद में रोजाना 5 म्यूकोरमाइकोसिस मरीजों का इलाज

खबरों की माने तो फंगल इन्फेक्शन के लिए 50 रोगियों का इलाज चल रहा है जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इन्तजार कर रहे है. जिसमें से 7 मरीज अपनी आंखों की रोशनी गंवा चुके हैं। रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ.केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। अहमदाबाद के आरवा सिविल अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि रोजाना कम से कम पांच म्योकोरमाइकोसिस मरीजों का ऑपरेशन हो रहा है।

महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस के 200 मरीजों का इलाज हो रहा

महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस से कम से कम आठ लोग अपनी आखों की रौशनी खो चुके हैं। ये लोग कोरोना को मात दे चुके थे लेकिन काले कवक की चपेट में आ गए। राज्य में ऐसे लगभग 200 मरीजों का उपचार चल रहा है।

म्यूकोरमाइकोसिस के लक्षण

ब्रेन म्यूकोरमाइकोसिस में चेहरे पर एक तरफ सूजन, सिर दर्द, साइनस की दिक्कत, नाक के ऊपरी हिस्से पर काले घाव जो जल्दी गंभीर हो जाते हैं और तेज बुखार होता है। फेफड़ों में म्यूकोरमाइकोसिस होने पर खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत होती है। वहीं स्किन पर ये इंफेक्शन होने से फुंसी या छाले पड़ सकते हैं और इंफेक्शन वाली जगह काली पड़ सकती है।

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पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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