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New Delhi News: पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वीं पुण्यतिथि पर कई विभूतियों को किया गया सम्मानित, कवि सम्मेलन का भी हुआ आयोजन

New Delhi News: पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली स्थित कांस्टिट्यूशन क्लब में एक काव्य संध्या और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

Manvendra Kumar
Published on: 7 Jan 2025 6:36 PM IST (Updated on: 7 Jan 2025 6:37 PM IST)
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Padma Shri Virendra Prabhakar 10th death anniversary

New Delhi News: पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर की 10वीं पुण्यतिथि पर नई दिल्ली स्थित कांस्टिट्यूशन क्लब में एक काव्य संध्या और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों, विशेषकर साहित्यकार और कलाकार को सम्मानित किया गया। रघु राय, अरुण जैमिनी, प्रवीण शुक्ल, अरुण जैन, महेन्द्र अजनबी, राजीव अग्रवाल, प्रेम जी पतंजलि, स्वराज जैन,आचार्य ओम प्रकाश, बाबा कानपुरी सहित समाजसेवी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर प्रसिद्ध फोटोग्राफर रघु राय ने उनके साथ बिताए गए पल को याद किया। बाबा कानपुरी ने अपनी कविता से लोगों को हंसाया।

गौरतलब है कि प्रसिद्ध फोटोग्राफर और चित्रकार पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर ने अपने कैमरे से भारत के राजनीतिक और सामाजिक इतिहास को संजोया है। उनकी तस्वीरें हिन्दुस्तान टाइम्स सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रकाशित हुईं। उनके योगदान को आज भी समाज आदर के साथ स्मरण करता है। वर्ष 1983 में भारत सरकार की ओर से उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। खास बात यह भी है कि उनकी फोटोग्राफी और चित्रकारी की धूम विदेशों में भी कई लोगों के बीच रही। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में इनका नाम दर्ज है।

बीते 10 वर्षों से इस आयोजन को हर साल चित्र कला संगम की ओर से आयोजित किया जाता है। उनके पुत्र श्री अशोक जैन और श्री रवि जैन द्वारा उनके सामाजिक और कलात्मक योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक माध्यम है। मंगलवार 7 जनवरी को आयोजित 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित काव्य संध्या में प्रसिद्ध कवि श्री अरुण जैमिनी, श्री बाबा कानपुरी, श्री महेन्द्र अजनबी, श्री प्रवीण शुक्ला सहित अन्य कवि काव्य पाठ किया। साथ ही समाज के अन्य क्षेत्रों से जुडे़ गणमान्य लोग अपने विचार रखें। दरअसल, पद्मश्री वीरेंद्र प्रभाकर ने दिल्ली की आत्मा को अपने कैमरे के माध्यम से चित्रित किया। उनकी तस्वीरें और विचार आज भी प्रासंगिक हैं।



Ramkrishna Vajpei

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