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J&k में एनकाउंटर: कुलगाम में आतंकियों ने पुलिसकर्मी से छीना हथियार
कुलगाम के खुदवानी इलाके में आतंकियों ने पुलिस कॉन्स्टेबल से AK-47 राइफल छीनकर फरार हो गए...
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षा बलों पर निशाना साधा है। कुलगाम के खुदवानी इलाके में रविवार को आतंकियों ने पुलिसकर्मी से Ak-47 राइफल छीन ली और फरार हो गए। इस कायराना हरकत को अंजाम देने वाले आतंकियों की तलाश में इलाके की घेराबंदी कर अभियान चलाया जा रहा है।
सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है
जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, इलाके में आतंकियों के छिपे होने की सूचना के बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस और सेना ने भी उनके ऊपर फायरिंग करनी शुरू कर दी। फिलहाल, इलाके को घेरकर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है की इलाके में और भी आतंकी छिपे हो सकते हैं।
हथियारों और पैसों की कमी से जूझ रहे आतंकी
सुरक्षाबलों की सतर्कता के चलते आतंकियों को सीमा पार से आर्थिक और हथियारों की मदद नहीं मिल पा रही है। इसी वजह से आतंकी जवानों के हथियार छीनने जैसी कायराना हरकतों पर आमादा हैं। इससे पहले भी आतंकी इस तरह की वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। बीते दिनों मारे गए आतंकियों के पास से सुरक्षाबलों से छीने हथियार भी बरामद हुए थे।
24 जुलाई को दो आतंकी ढेर हुए
इससे पहले शनिवार सुबह बांदीपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हुई थी। इस दौरान सुंबलर इलाके के शोकबाबा जंगल में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। इनकी पहचान फिलहाल नहीं हो सकी है।
पिछले 2 दिनों में 2 जवान भी शहीद
23 जुलाई को सेना का एक जवान शहीद हो गया था। भारतीय सेना के 16 कॉर्प्स के मुताबिक सिपाही कृष्ण वैद्य ने 23 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में ऑपरेशन के दौरान अपनी जान गंवा दी। उधर, 24 जुलाई को पुंछ जिले के मनकोट सेक्टर में माइन ब्लास्ट की चपेट में आने से सेना का एक जवान शहीद हो गया था। घटना लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास की बताई जा रही है।।
आतंकियों को सता रहा है मौत का खौफ
जीरो टॉलरेंस की नीति, सटीक सूचना, स्थानीय लोगों की सतर्कता और सुरक्षाबलों के बीच बेहतर तालमेल के चलते आतंकवाद के खिलाफ कामयाबी मिल रही है। यही वजह है कि आतंकियों को मौत का डर सता रहा है। आतंकी अब संगठन के पोस्टर ब्वॉय बनने से कतराते हैं। सोशल मीडिया पर भी पहले की तरह आतंकियों की सक्रियता नहीं दिखती है।