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सजा सुनने के बाद ताहिर और फिरोज के परिवार वाले अदालत में गिरे गश खाकर
मुंबई: मुंबई में 12 मार्च 1993 को हुए सिलसिलेवार धमाके में 7 सितंबर को मौत की सजा पाए ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान के परिवार वाले सजा का एलान होते ही अदालत में ही गश खाकर गिर गए।
विशेष टाडा अदालत ने इस केस में ताहिर मर्चेंट और फिरोज को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अबू सलेम को उम्रकैद और 2 लाख रुपए का जुर्माना, जबकि करीमुल्लाह शेख को उम्रकैद के साथ 2 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इनके अलावा रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है।
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फांसी की सजा सुनने के बाद ताहिर मर्चेंट और फिरोज खान के परिवार कोर्ट परिसर में ही गश खाकर गिर पड़े। ताहिर को कोर्ट ने धमाकों के लिए पैसे जुटाने और कई आरोपियों को ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भिजवाने का दोषी पाया गया है। ताहिर मर्चेंट को ताहिर टकला के नाम से भी जाना जाता है।
1993 के बम ब्लास्ट के बाद ताहिर मर्चेंट फरार हो गया है और 2010 तक भगोड़ा रहा। इसके बाद 2010 में सीबीआई ने ताहिर को अबूधाबी से गिरफ्तार किया।
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ताहिर मर्चेंट याकूब मेनन का बेहद करीबी था। अदालत ने 1993 में कोर्ट ने ताहिर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था ।
मर्चेंट ने धमाके के बाद कई लोगों को दुबई बुलाया और वहां उसे उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान भिजवाया। मर्चेंट ने इन लोगों के लिए यात्रा दस्तावेज और पैसे उपलब्ध कराए।
इसके लिए मर्चेंट ने 1993 विस्फोट की साजिश रचते हुए दुबई में कई मीटिंग अटेंड की। मीटिंगों में याकूब मेमन और दाऊद इब्राहिम शामिल होते थे।