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Allahabad High Court: शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना पड़ेगा महंगा, हाईकोर्ट का निर्देश राज्य सरकार बनाये कड़ा कानून

शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना कानून में दुराचार होना चाहिए। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट और मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया है।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 5 Aug 2021 5:56 AM GMT
Physical Relationship with a false promise of marriage should be a misdemeanor in law.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया

Allahabad High Court: समाज में दुष्कर्म (Rape Case)के मामलों में दिन प्रतिदिन बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं। जिसमें शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना इनमें से एक है। इसे रोकने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को स्पष्ट और मजबूत कानूनी ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया है।

बता दें कि दुष्कर्म मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) का अहम फैसला आया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाना कानून में दुराचार होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि महिलाएं आनंद की वस्तु हैं, पुरुष वर्चस्व की इस मानसिकता से सख्ती से निपटना होगा। ताकि महिलाओं में सुरक्षा की भावना जगे। लैंगिक असमानता को दूर करने के संवैधानिक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की एकल पीठ ने यह आदेश दिया है।

शादी का झूठा वादा करके यौन संबंध बनाने का चलन

कोर्ट ने कहा कि आजकल शादी का झूठा वादा करने का चलन बन गया है। अपराधी धोखा देने के इरादे से शादी का लालच देकर यौन संबंध बनाते हैं। देश की बहुसंख्यक महिला आबादी में शादी एक बड़ा प्रमोशन होता है। महिलाएं आसानी से इन परिस्थितियों का शिकार हो जाती हैं, जो कि उनके यौन उत्पीड़न का कारण बनता है।

अपराधी समझता है कि वह कानून का फायदा उठाकर बच जाएगा-कोर्ट

महिलाओं के यौन उत्पीड़न के इस तरह के बढ़ते मामलों पर कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा कि "अपराधी समझता है कि वह कानून का फायदा उठाकर बच जाएगा। कोर्ट ने विधायिका को भी स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए स्पष्ट और विशेष कानूनी ढांचा तैयार करें। जहां अपराधी विवाह का झूठा वादा कर संबंध बनाते हैं।

एक ऐसा ही मामल

एक ऐसे ही मामले में कोर्ट ने कानपुर के हर्षवर्धन यादव की आपराधिक अपील खारिज की है। इस मामले में पीड़िता और अभियुक्त एक दूसरे को पहले से जानते थे। अभियुक्त ने शादी का वादा किया और लगातार शादी की बात व वादा करता रहा। पीड़िता ट्रेन से कानपुर जा रही थी तो आरोपी ने उससे मिलने की इच्छा जताई। कोर्ट मैरिज के कागजात तैयार कराने की बात कहकर उसे होटल बुलाया। पीड़िता जब होटल पहुंची तो उसने यौन संबंध बनाए। यह दोनों के बीच पहला और आखिरी यौन संबंध था। संबंध बनाने के बाद आरोपी अपने वादे से पलट गया और उसने शादी से इंकार कर दिया।

Shashi kant gautam

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