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Amethi Crime News: DPRO की गिरफ्तारी के खिलाफ कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सफाई कर्मचारी पर लगाए गंभीर आरोप

Amethi Crime News: DPRO श्रेया मिश्रा को गिरफ्तार किए जाने के खिलाफ ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के संयुक्त नेतृत्व में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया।

Surya Bhan Dwivedi
Report Surya Bhan DwivediPublished By Shreya
Published on: 18 Jun 2021 1:56 PM GMT (Updated on: 18 Jun 2021 1:57 PM GMT)
Amethi Crime News: DPRO की गिरफ्तारी के खिलाफ कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सफाई कर्मचारी पर लगाए गंभीर आरोप
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डीएम आवास के बाहर प्रदर्शन करते कर्मचारी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Amethi Crime News: जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा (DPRO Shreya Mishra) को विजिलेंस टीम (Vigilance Team) द्वारा गिरफ्तार करने के विरोध में ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के संयुक्त नेतृत्व में सभी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करते हुए जिला अधिकारी के आवास पर धरने पर बैठ गए। मामले से संबंधित ज्ञापन जिला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी को भेज कर न्याय की गुहार लगाई है। साथ साथ भ्रष्ट सफाई कर्मचारी के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्यवाही करने की मांग की है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान विजिलेंस ने कल यानी गुरुवार को अमेठी की जिला पंचायत राज अधिकारी (District Panchayat Raj Officer) को 30 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। जिसके विरोध में शुक्रवार को ग्राम पंचायत अधिकारी संघ एवं ग्राम विकास अधिकारी संघ के संयुक्त नेतृत्व में जिले के पंचायत अधिकारी और ग्राम विकास अधिकारी सड़क पर उतरे और अपने गुस्से का इजहार किया। जिला अधिकारी के आवास पर सभी कर्मचारियो ने जिंदाबाद मुर्दाबाद के नारे बुलंद किए।

कर्मचारियों का आरोप है कि DPRO श्रेया मिश्रा बेहद ईमानदार थीं। उनको साजिश के तहत फंसाया गया है। इसके साथ ही उन्होंने रिश्वत देने वाले सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्यवाही किए जाने एवं श्रेया मिश्रा के मामले की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को संबोधित ज्ञापन जिलाअधिकारी को सौंपा।

प्रदर्शन करते कर्मचारी (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की मांग

दिए गए ज्ञापन में कर्मचारी संघ ने बताया है कि अमेठी की ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ जिला पंचायत राज अधिकारी श्रेया मिश्रा को दुर्भावना से ग्रस्त होकर साजिश के तहत उनके ही विभागीय कार्मिक सुशील कुमार सफाई कर्मचारी द्वारा प्लान करके गिरफ्तार करवा दिया गया है। सोशल मीडिया तथा प्रिंट मीडिया के अनुसार उक्त कार्मिक दागदार छवि का है। जिसके ऊपर पूर्व से ही कई लाखों की चोरी का वाद माननीय न्यायालय में विचाराधीन है। जिस के क्रम में उक्त कार्मिक दो बार जेल भी जा चुका है।

इसके अलावा वादी कार्मिक द्वारा अपने ही साथी सफाई कर्मचारी से तेरह लाख रुपए की धोखाधड़ी की जा चुकी है। उसकी नियुक्ति वर्ष 2009 से आज तक एक भी वेतन वृद्धि नहीं हुई है। फर्जी भुगतान कराने हेतु उक्त कर्मचारी व उसके साथियों द्वारा विभिन्न प्रकार से अनुचित तरीके से भुगतान कराने का प्रयास किया जाता रहा है और विभिन्न माध्यमों से अपने उच्चाधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा था। जिसका जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध कार्रवाई करने से मना किया गया तो भ्रष्ट सफाई कर्मचारी द्वारा साजिश के तहत रिश्वत खोरी के मामले में फंसा दिया गया है।

उपरोक्त सफाई कर्मचारी कन्नौज का मूल निवासी है। इस समय लखनऊ में आवास लेकर वही रहता है। अपने कार्य दायित्वों के प्रति लापरवाही करता है। सूबे के मुख्यमंत्री से अनुशासन हीन सफाई कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई करके ईमानदार अधिकारी के प्रकरण की निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच के पश्चात दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की है। उक्त मौके पर प्रांतीय अध्यक्ष ग्राम विकास अधिकारी सुभाष पांडे, ग्राम पंचायत अधिकारी संघ रजनीश भास्कर, हरिकेश सहित तमाम कर्मचारी मौजूद रहे।

रिश्वत देने वाला सफाई कर्मचारी दो बार जा चुका है जेल

जिस सफाई कर्मी से घूस लेते डीपीआरओ श्रेया मिश्रा विजिलेंस टीम की गिरफ्त में पहुंच गई। उसका विवादों से पुराना नाता है। बताया गया कि सफाई कर्मी लखनऊ के एक बड़े अधिकारी के घर एक करोड़ की चोरी में दो बार जेल काट चुका है। इतना ही नहीं उसने 6 वर्ष पूर्व अपने एक साथी सफाई कर्मी के अकाउंट से करीब 13,00,000 रुपए निकाल लिए थे।

कन्नौज जिले के रहने वाले सुशील कुमार सिंह को सिंह को वर्ष 2009 में सफाई कर्मी की नौकरी मिली थी। सुशील की पहली पोस्टिंग जगदीशपुर ब्लॉक में हुई थी। जगदीशपुर में तैनाती के कुछ ही दिनों बाद उसके ऊपर लखनऊ में एक विभाग के बड़े अफसर के घर से करीब 1,00,00,000 रुपए की चोरी करने का आरोप लगा था। सफाई कर्मी बनने से पहले सुशील उनके यहां बतौर चालक नौकरी करता था। आरोप लगने के बाद सुशील के तेलीबाग लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने करीब ₹300000 बरामद करने के बाद उसका आवास सील कर दिया।

सुशील इस मामले में वर्ष 2009 में 18 माह तो वर्ष 2019 में 6 माह की जेल भी काट चुका है। इतना ही नहीं सुशील ने बाजार शुकुल में तैनाती के दौरान हुसैनपुर में कार्यरत अपने साथी सफाई कर्मी प्रेम कुमार के खाते से 13 लाख रुपए निकाल लिए थे हालांकि इस मामले में पुलिस ने समझौता कराकर सफाई कर्मी को पहली बार 10,00,000 रुपए वापस करा था। प्रेम कुमार ने बताया कि बाद में थोड़ा थोड़ा करके उसने 17,5000 रुपये और वापस किया। बाकी बचे 12,5000 रुपये अभी तक नहीं दिया। वर्ष 2009 में नियुक्ति के बाद से अभी तक सफाई कर्मी का एक भी इंक्रीमेंट नहीं लगा है।

कन्नौज का है मूल निवासी

सुशील कुमार कन्नौज का रहने वाला है। उसका एक भाई बाल विकास एवं पुष्टाहार सचिवालय में नौकरी करता है। सूत्रों का कहना है कि इसका बड़ा भाई लखनऊ सचिवालय में है जिसकी वजह से वह ज्यादातर मामलों में बच निकलता है। वर्तमान में सफाई कर्मी लखनऊ के पारा स्थित नगर कॉलोनी के पास स्थित मकान में रहता है।

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Shreya

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