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ऑक्सीजन की कमी ने फिर ली मासूम की जान, 3 घंटे तक भटकता रहा परिवार
कानपुर: गोरखपुर और फर्रुखाबाद में ऑक्सीजन की कमी से हुई मासूमों की मौतों के बाद भी मेडिकल कॉलेजेस अभी चेते नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी ने एक और मासूम को अपने आगोश में ले लिया है। कानपुर के बाल रोग चिकित्सालय में ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण एक ढाई साल की बच्ची की मौत हो गई।
बच्ची के परिजनों ने नर्स पर ऑक्सीजन ना लगाने का आरोप लगाया है। बाल रोग चिकित्सालय अधीक्षक ने बच्ची की हुई मौत को लेकर जांच कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं।
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क्या है पूरा मामला
औरैया जिले के रहने वाले जगत सिंह की ढाई साल की बेटी आशिकी की तबियत खराब हो गई। तो वह उसको कानपुर के एक प्राइवेट नर्सिंग होम पहुंचा। जहां से डॉक्टर्स ने उसको हैलट अस्पताल ले जाने की सलाह दी। जगत अपनी बेटी को हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग में लेकर पहुंचा। लेकिन यहां डॉक्टर्स ने उसको भर्ती करने के बजाय कार्डियोलॉजी भेज दिया। जगत बेटी को लेकर कार्डियोलॉजी पहुंचा, लेकिन वहां के डाक्टरों ने हैलट भेज दिया।
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जगत डॉक्टर्स के कहे अनुसार कभी हैलट, कभी कार्डियोलॉजी के चक्कर लगाता रहा, लेकिन उसकी बेटी को भर्ती नहीं किया। काफी मिन्नतें करने के बाद बाल रोग विभाग के डॉक्टर्स ने उसको उसकी बेटी को भर्ती तो कर लिया, लेकिन तब तक उसकी तबियत ज्यादा खराब होने लगी। जगत के मुताबिक उसने नर्स से कहा कि मेरी बेटी ऑक्सीजन लगा दो, लेकिन नर्श ने ऑक्सीजन लगाने के बजाय उसको जमकर फटकार दिया। ऑक्सीजन ना मिल पाने के कारण ढाई साल की मासूम आशिकी ने दम तोड़ दिया।
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क्या कहना है बच्ची की मां का
मासूम की मौत से उसकी मां पूनम बदहवास हो गई, उसने रोते हुए बताया कि अगर नर्स बेटी को ऑक्सीजन लगा देती तो उसकी जान बच सकती थी। पूनम का कहना है कि जब कहा की ऑक्सीजन लगा दो तो नर्स ने कहा कि यह मेरा काम नहीं है।
क्या कहना है डॉक्टर्स का
कानपुर के बाल रोग विभाग के डॉक्टर्स और नर्स की लापरवाही बरतने पर डॉ यशवंत राव ने जांच कमेटी का गठन कर दिया है। डॉ यशवंत का कहना है कि रात दो बजे बच्ची को भर्ती किया गया है। बच्ची को मलेरिया था और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी उसकी सांस फूल रही थी।
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उसको आईसीयू में शिफ्ट करने की तैयारी के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉ यशवंत का कहना है कि अगर स्टाफ नर्स ने लापरवाही बरती होगी तो जांच करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टर्स का कहना है कि हमारे यहां ऑक्सीजन की कमी नहीं है।