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ATS को मिली निशांत अग्रवाल की सात दिन की कस्टडी रिमांड
लखनऊ: स्पेशल मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट हिमांशु दयाल श्रीवास्तव ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआई के लिए जासूसी करने के मामले में गिरफ्तार ब्रह्मोस एरोस्पेस, नागपुर के सीनियर सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को सात दिन के लिए एटीएस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। कस्टडी रिमांड की यह अवधि 11 अक्टूबर की रात्रि नौ बजे से शुरु होगी। उन्होंने यह आदेश एटीएस के इंसपेक्टर पंकज अवस्थी की अर्जी पर दिया है।
अर्जी में कहा गया था कि भारत देश पर आसन्न संकट के मद्देनजर अभियुक्त से कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करनी है व उसका निवारण भी करना है। इससे गोपनीय शासकीय दस्तावेजों की प्राप्ति का स्त्रोत व उन्हें प्रेषित करने के बारे में भी पूछताछ करना है। इस मामले में शामिल अन्य सह अभियुक्तों की भी जानकारी प्राप्त करनी है। साथ ही अभियुक्त से इस मामले के महत्वपूर्ण साक्ष्यों की बरामदगी व उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करनी है। लिहाजा इसका सात दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया जाए।
दूसरी तरफ एटीएस की इस कस्टडी रिमांड वाली अर्जी का विरोध करते हुए अभियुक्त के वकील का कहना था कि यह युवा वैज्ञानिक है। इसे 2017-18 में यंग साइंटिस्ट एवार्ड भी प्राप्त हुआ है। इसने किसी गोपनीय सूचना को लीक नहीं किया है। इसे साजिशन फंसाया गया है।
विशेष अदालत ने एटीएस की अर्जी को मंजूर करते हुए अपने आदेश में कहा है कि प्रथम दृष्टया अभियुक्त निशांत अग्रवाल के निजी लैपटाप पर गोपनीय एवं प्रतिषिद्व शासकीय अभिलेख पाया जाना परिलक्षित होता है। साथ ही पाकिस्तान से संचालित छद्म फेसबुक एकाउंट पर इसकी सक्रियता भी प्रथम दृष्टया उजागर है। एटीएस की विशेष अदालत ने इससे पहले अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बीते आठ अक्टूबर को यूपी एटीएस की टीम ने इसे नागपुर के उज्ज्वल नगर, सोनेगांव स्थित इसके आवास से गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने इसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
यह है मामला
चार अक्टूबर, 2018 को एटीएस इकाई, कानपुर के निरीक्षक हरीशंकर मिश्रा ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें छद्म नाम नेहा शर्मा, छद्म नाम पूजा रंजन को नामजद किया गया है। जबकि अज्ञात में पाकिस्तानी एजेंट व उनके जासूस तथा रक्षा प्रतिष्ठानों में तैनात कर्मचारीगण हैं। एटीएस ने यह एफआईआर आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 121ए व 120बी के साथ ही आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) व शासकीय गोपनीयता अधिनियम की धारा 3/4/5/9 के तहत दर्ज किया है। छःह अक्टूबर को एटीएस ने इस मामले में लखनऊ की विशेष अदालत से सर्च वारंट हासिल किया था।
कोर्ट की अन्य खबरें:
CBI को मिली आयकर इंस्पेक्टर धर्मशील अग्रवाल और सीए सम्राट चंद्रा की तीन दिन की रिमांड
लखनऊ: सीबीआई की विशेष जज डॉ विदूषी सिंह ने 10 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार आयकर इंसपेक्टर धर्मशील अग्रवाल व चार्टड एकाउटेंट सम्राट चंद्रा को तीन दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। कस्टडी रिमांड की यह अवधि 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजे से शुरु होगी। उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व सीबीआई इंसपेक्टर ब्रजेश कुमार की अर्जी पर दिया है। इस दौरान यह दोनों अभियुक्त जेल से अदालत में हाजिर थे।
बीते तीन अक्टूबर को सीबीआई ने इन दोनां को गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ कोलकाता के प्रत्युष कुमार मिश्रा ने शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक मेसर्स जेडी टेप्स प्राइवेट लिमिटेड की आयकर के एक मामले में सीज की गई सात करोड़ की एफडीआर रिलीज कराने के लिए अभियुक्त 60 लाख की रिश्वत मांग रहे थे।
विवेचक का कहना था कि अभियुक्तों से इस मामले में अन्य संलिप्त लोगों की जानकारी व बरामदगी के लिए पूछताछ आवश्यक है। लिहाजा इनका सात दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर किया जाए।