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Ballia News: मंत्री समेत पुलिस कर्मियों और समर्थकों पर FIR दर्ज करने का आदेश, ये है पूरा मामला
मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला समेत 40-50 लोगों के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलिया की अदालत ने 156 (3) के तहत दिया है।
Ballia News: बलिया में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला समेत 40-50 लोगों के खिलाफ परिवाद दर्ज करने का आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलिया की अदालत ने 156 (3) के तहत दिया है। सभी पर महिलाओं को अपमानित एवं उनके साथ मारपीट करने का आरोप है। प्रकरण में कोतवाल बालमुकुंद मिश्रा समेत 20-25 पुलिसकर्मी भी आरोपी बनाये गये है।
बता दें कि 5 अप्रैल को कुछ महिलाएं राज्य मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के निजी आवास/कार्यालय पर अपनी समस्या लेकर गई थी। महिलाओं का आरोप था कि मंत्री और उनके भाई तथा समर्थकों ने उनके साथ बदसलूकी और मारपीट की। पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया। इसके बाद मोहल्ला बनकटा निवासी रानी देवी पत्नी लल्लन शाह ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बलिया के यहां परिवाद दर्ज करने के लिए याचिका दाखिल की थी।
बाल शिक्षा अधिकार कानून का मामला
याचिका में कहा था कि मोहल्ले के कई पात्रों के बच्चों का नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार कानून (आरटीई) के तहत प्रवेश हुआ है। योजना के तहत बच्चों को पाठ्य पुस्तकों और ड्रेस आदि के लिए पांच हजार रुपये की सहायता राशि देने का प्राविधान है। दो साल से यह धनराशि नहीं मिलने पर 05 अप्रैल 2021 को रानी देवी और अन्य राज्यमंत्री के आवास पर गई थी।
पुलिस को बुलाकर लाठीचार्ज कराया
आरोप है कि उनकी मांग को सुनकर मंत्री और उनके भाई आदि भड़क गए। धक्का देकर बाहर निकालने लगे। गाली-गलौज करने के साथ ही मारपीट भी की। गहनों को भी लूट लिया गया। पुलिस को बुलाकर लाठीचार्ज व मोबाइल छीनकर बंधक बनाया गया। घटना का वीडियो डिलीट करा दिया गया। सादे कागज पर दस्तखत कराए गए। पुलिस ने हम लोगों की एफआईआर नहीं लिखी।
याचिका दाखिल होने के बाद पुलिस से इस संबंध में रिपोर्ट मंगाई गई। इसमें पुलिस ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा कि 20 से 25 महिला और पुरुष प्रति छात्र 10 हजार दिलाने और ग्राम पंचायत का नियम बदलवाने के लिए मंत्री के आवास पर पहुंची थीं।
24 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई
आश्वासन देने के बाद भी लोगों ने मंत्री के आवास पर तोड़फोड़ की। इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी। रानी देवी आदि छह लोगों को नामजद और 20-25 अज्ञात आरोपी बनाए गए थे। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुरेंद्र प्रसाद ने माना कि प्रस्तुत प्रकरण में तथ्यों की जानकारी स्वयं भुक्तभोगियों ने उपस्थित होकर दिया है। इसे वह न्यायालय में साक्ष्य से साबित कर सकती हैं। इसलिए परिवाद दर्ज किया जाता है। मामले में 24 अगस्त की तिथि साथ ही बयान दर्ज कराने के लिए निर्धारित की गई है।