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Bangalore Bloody Gang War: दो महिलाओं के बीच गैंगवार, पारिवारिक विवाद के साथ राजनीतिक एंगल भी

दो महिलाएं - एक पूर्व पार्षद जिसकी दिन दहाड़े हत्या कर दी गई और दूसरी उसकी ननद, जिसके नाम पर पुलिस रिकॉर्ड में कथित हत्या, ड्रग और शराब तस्करी के केस दर्ज हैं।

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Newstrack NetworkPublished By Shashi kant gautam
Published on: 28 Jun 2021 12:44 PM IST
Bangalore Bloody Gang War
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बेंगलुरु खूनी गैंगवार: फोटो- सोशल मीडिया

Bangalore Bloody Gang War: बेंगलुरु में दो महिलाओं के बीच राजनीतिक दुश्मनी अब खूनी गैंगवार में बदल गई है ये दो महिलाएं - एक पूर्व पार्षद जिसकी दिन दहाड़े हत्या कर दी गई और दूसरी उसकी ननद, जिसके नाम पर पुलिस रिकॉर्ड में कथित हत्या, ड्रग और शराब तस्करी के केस दर्ज हैं। चलावादिपाल्या वार्ड से पूर्व पार्षद रेखा कादिरेश (Rekha Kadiresh) को आने वाले निगम चुनावों (Council Elections) में जीत का प्रबल दावेदार कहा जा रहा था, लेकिन 24 जून को बीजेपी वार्ड ऑफिस के बाहर उनकी हत्या कर दी गई।

बता दें कि पुलिस ने 24 घंटे के भीतर 43 वर्षीय महिला की हत्या के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया। इनकी गवाही में प्रत्यक्षदर्शियों के साथ सीसीटीवी फुटेज को आधार बनाया गया और अब पुलिस इस मामले में माला राजकन्नन (Mala Rajkannan) की कथित भूमिका की जांच कर रही है। 50 वर्षीय माला राजकन्नन को पिछले दो दशकों से इलाके में 'गैंग बॉस' के तौर पर जाना जाता है।

ये है पूरी कहानी

माला राजकन्नन दरअसल रेखा के पति एस. कादिरेश की बड़ी बहन हैं। कादिरेश की तीन साल पहले इलाके में स्थित एक मंदिर के बाहर हत्या कर दी गई थी, तब पुलिस को शक था कि मामला गैंगवार से जुड़ा है। अब हत्या के नए मामले में भी पुलिस को शक है कि यह परिवारिक साजिश और स्थानीय पॉलिटिक्स से जुड़ा मामला है।

पूरे प्रकरण में माला की भूमिका संदिग्ध

इस पूरे मामले में नई बात ये है कि कॉटनपेट गैंगवार में पहली बार एक महिला की हत्या की गई है। पूरे प्रकरण में माला की भूमिका इसलिए संदिग्ध है, क्योंकि वह रेखा के अपने पति से जुड़े आपराधिक अतीत को खत्म करने और मुख्य धारा की राजनीति में प्रवेश करने के प्रयास में कादिरेश के परिवार और सहयोगियों से दूरी बनाने के चलते नाराज थी।

रेखा ने अपने भरोसेमंदों का एक गैंग बनाया

पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया कि रेखा ने 20 से 30 युवाओं को इकट्ठा कर लिया था, जिन पर वह भरोसा करती थी। उसने कादिरेश के परिवार को पैसा देना भी बंद कर दिया था। ऐसा प्रतीत होता है कि रेखा को निगम चुनाव ना लड़ने और माला की ननद को चुनाव लड़ने देने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने इनकार कर दिया।

गैंगलैंड किलिंग का पहला मामला

पुलिस अधिकारी ने कहा कि "राजेंद्र की हत्या में कथित तौर पर माला का परिवार शामिल था, यह बेंगलुरु के गैंगलैंड किलिंग का पहला मामला था, जिसमें लोकेशन और पीड़ित की गतिविधियों को बताने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था।" उन्होंने कहा कि लोकल गैंग्स के लिए हत्या का चक्र अभी पूरा नहीं हुआ है।

माला संपत्ति बढ़ती ही गई

हाल के वर्षों में माला ने कथित तौर पर बड़ी संपत्ति अर्जित कर ली है। इनमें एक पश्चिमी बेंगलुरु स्थित बहुमंजिला इमारत भी शामिल हैं। पिछले कुछ दशकों में बेंगलुरु के अंडरवर्ल्ड की दुनिया से जुड़े अपराधियों को देखें तो एमपी जयराज, जेद्दारहल्ली कृष्णा, कॉटनपेट पुष्पा - इन सबकी जड़ें कॉटनपेट से जुड़ी हैं। पुलिस जांच में यह सामने आ चुका है कि इनमें से कइयों को राजनीतिक वरदहस्त प्राप्त था।

पारिवारिक विवाद के साथ राजनीतिक एंगल भी शामिल

बेंगलुरु में इस साल निगम चुनाव होने हैं, ऐसे में यह माना जा रहा है कि रेखा की हत्या के पीछे राजनीतिक वजहें भी हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा, "यह देखने में पारिवारिक विवाद लगता है, लेकिन इसमें राजनीतिक एंगल भी शामिल है।" बीजेपी की बेंगलुरु इकाई के प्रवक्ता और पूर्व पार्षद एनआर रमेश ने कहा, "रेखा लोकप्रिय थीं और पार्टी ने उन्हें दोबारा उम्मीदवार बनाने का फैसला किया था। उम्मीद थी कि वह चुनाव जीत जातीं।"



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Shashi kant gautam

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