TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़े गए अस्पताल के स्टाफ, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार

इस महामारी में भी कुछ लोग मरीजों के परिजनों को लूटने में पीछे नहीं है और कुछ कालाबाजारी व मुनाफाखोर चोरी छिपे दवाइयों और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने में पीछे नहीं हट रहे ।

Avanish Kumar
Reporter Avanish KumarPublished By Monika
Published on: 30 April 2021 8:58 PM IST (Updated on: 30 April 2021 9:05 PM IST)
रेमडेसिविर की कालाबाजारी करते पकड़े गए अस्पताल के स्टाफ, क्राइम ब्रांच ने किया गिरफ्तार
X

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़ा गया गिरोह (फोटो: सोशल मीडिया)

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में कोरोना (coronavirus) का कहर लगातार जारी है। लेकिन कुछ ऐसे संवेदनहीन लोग हैं जो अभी भी मरीजों के परिजनों को लूटने में पीछे नहीं है और कुछ कालाबाजारी (Black Marketing)व मुनाफाखोर चोरी छिपे दवाइयों और इंजेक्शन की भी कालाबाजारी करने से नहीं चूक रहे और तो और जिन हाथों में इसकी जिम्मेदारी है वो भी मौके का फायदा उठाने में पीछे नहीं है। ऐसा ही एक मामला उस समय सामने आया है जब क्राइम ब्रांच की टीम ने हैलट अस्पताल में छापेमारी कर मौके से हैलट अस्पताल के 2 नर्सिंग स्टाफ व 2 अन्य लोगो को रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया ।

मुखबिर से क्राइम ब्रांच (Crime Branch)की टीम को सूचना मिली कि रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन कुछ व्यक्तियों द्वारा ऊंचे दाम पर गलत तरीके से बेचा जा रहा है। सूचना मिलते ही क्राइम ब्रांच की टीम ने ग्राहक बंद कालाबाजारी करने वाले आयुष कमल से सम्पर्क किया गया और इस दौरान बातचीत कर क्राइम ब्रांच की टीम ने रेमीडिसीवर इन्जेक्शन 37000/- रूपये में खरीदने के लिए तय किया।जिसके बाद इंजेक्शन की डिलीवरी के लिए तय किए गए स्थान पर टीम के सदस्य पहुंचे तो इंजेक्शन की डिलीवरी देने के लिए चेतांष चौहान ,अंशुल शर्मा व आयुष कमल के साथ मौके पर पहुंची और तय रकम के अनुसार इंजेक्शन डिलीवर करने लगे तभी पहले से मौके पर मौजूद क्राइम ब्रांच के सदस्यों ने इन सभी को गिरफ्तार कर लिया। जिसके बाद पूछताछ में इन्होंने जुर्म कबूल करते हुए बताया कि इस काम में इन तीनों के साथ हैलट हास्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के तौर काम करने वाला विक्रम भी शामिल है जो मरीजों को लगाए जाने वाले इंजेक्शन चुरा कर उन्हें उपलब्ध कराता था। जिसे तत्काल क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

अंदर से लेकर बाहर तक तय थे दाम

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में इन सभी ने बताया कि आयुष का काम कस्टमर ढूंढ कर लाना होता था। जिसके बाद आयुष उनकी मुलाकात अंशुल शर्मा से करता था। कस्टमर से बातचीत करने के बाद अंशुल शर्मा इंजेक्शन के लिए एक निजी हॉस्पिटल की ओपीडी में काम करने वाले चेतांष चौहान को जिम्मेदारी होती था। जिसके बाद चेतांष चौहान हैलट अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का काम करनेे वाले विक्रम से इंजेक्शन की मांग करता था और विक्रम इंजेक्शन उपलब्ध भी कराता था। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में विक्रम ने बताया कि वह हैलट अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ का काम करता है, मरीजों के लिए आने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन में से चोरी करके वह चेतांष चौहान को 10000/- रूपये में बेच देता था । फिर चेतांष चौहान अंषुल को 20,000/- रूपये में बेच देता है और वहीं अंषुल आयुष को 30,000/- रूपये में बेच देता है फिर आयुष कस्टमर को 35,000/- से 40,000/ रूपये में बेचता था।

क्या बोले अधिकारी

डीसीपी क्राइम सलमान ताज पटिल ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम को सूचना मिली कि रेमडेसिविर इंजेक्शन कुछ व्यक्तियों द्वारा ऊंचे दाम पर गलत तरीके से बेचा जा रहा है, प्रकरण का संज्ञान लेकर क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा कार्यवाही करते हुए ग्राहक बनकर आयुष कमल से सम्पर्क किया गया, वार्तालाप के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन 37000/- रूपये में तय हुआ। गिरफ्तार किए गए आयुष अपने अन्य साथियों के नाम बताए जिन्हें भी रफ्तार कर लिया गया है, साथ में विक्रम जो कि हैलट हास्पिटल में नर्सिंग स्टाफ के तौर पर काम करता था। हैलट हास्पिटल में मरीजों को द जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन में से आधा रेमडेसिविर इंजेक्शन की चोरी कर ब्लैक मार्केट में बेचता था।



\
Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story