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Bulandshahr Crime News: मासूम चचेरी बहन के दरिंदे भाई को 20 साल सश्रम कारावास, 50 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर
Bulandshahr Crime News: बुलंदशहर एडीजे स्पेशल पोक्सो कोर्ट की न्यायधीश डॉ.पल्लवी अग्रवाल ने 4 साल की चचेरी बहन को हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदे को दोषी पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनायी है।
Bulandshahr Crime News: बुलंदशहर एडीजे स्पेशल पोक्सो कोर्ट की न्यायधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने 4 साल की चचेरी बहन को हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदे मारूफ को दोषी पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनायी है। डॉ पल्लवी अग्रवाल ने महज 374 दिन मामले का निस्तारण करते हुए सजा मुकर्रर की है।
बता दें कि एडीजे स्पेशल पोस्को कोर्ट बुलंदशहर के विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि 3 अगस्त 2020 को गुलावठी थाना क्षेत्र निवासी 4 वर्षीय मासूम बच्ची अपने घर पर अकेली थी। पिता व परिजन बहार गये थे। मासूम को घर में अकेले देख ताऊ के लड़के मारूफ ने मासूम को दिन दहाड़े हवस का शिकार बना डाला। मामले की शिकायत पीड़िता के पिता ने थाना गुलावठी पर मारूफ के खिलाफ धारा 376, पोस्को एक्ट, 452, 308,323, 34, 352, 504,506 के तहत दर्ज करायी थी। पुलिस ने गम्भीर हालत में पीड़ित बच्ची को अस्पताल में भर्ती करा मेडिकल कराया, मेडिकल में बच्च्ची से दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी।
गुलावठी पुलिस ने आरोपी मारूफ को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया था, जिसे वहां से जेल भेज दिया गया। मासूम बच्ची की हालत काफी समय तक चिंता जनक बनी रही। पीड़ित बच्च्ची का कोर्ट में ब्यान भी हुआ। सुनील शर्मा ने बताया कि एडीजे स्पेशल पोस्को कोर्ट की न्यायधीश डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत साक्ष्यों, गवाहों के बयानों व दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की जिरह सुनने के बाद आज 376 व पोस्को एक्ट में अभियुक्त मारूफ पुत्र शकील अहमद निवासी थाना गुलावठी दुष्कर्म की दुस्साहसिक वारदात के लिये दोषी करार देते हुए 20 साल का सश्रम कारावास व 50 हज़ार रुपये अर्थदण्ड की सजा मुकर्रर की है। जब कि अन्य धाराओं से मुक्त कर दिया गया।
दरिंदे को कोर्ट ने माना बालिग
बुलंदशहर की एडीजे विशेष पोस्को कोर्ट द्वारा आज जिस दरिंदे को सजा सुनायी गयी है। उसे 17 साल का बताया गया, मगर कोर्ट ने 4 साल की मासूम को हवस का शिकार बनाने वाले दरिंदे को बालिग माना है।
आज भी सालते हैं दरिंदे के जख्म
पीड़िता के पिता ने बताया कि 3 अगस्त के काला दिन वो जिंदगी में कभी नही भूल सकते। जिस बच्ची का ध्यान रखना मारूफ की जिम्मेदारी थी उसने ही मासूम को हवस का शिकार बना लिया। आज भी पीड़ित मासूम बच्ची उस काल दिन के दर्द से नही उबर पायी है।
सशक्त पैरवी हुई तो शीघ्र मुकर्रर हुई सजा
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मासूम से रेप की घटना को पुलिस द्वारा एक चुनौती के रूप में लेकर त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त मारूफ को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करते हुए जेल भेजा गया था। उक्त अभियोग को जोन स्तर पर बालिकाओं के विरूद्व घटित जघन्य अपराधों की श्रेणी में चिन्हित करतें हुए पुलिस व अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में सशक्त पैरवी की जिसके चलते महज 374 दिन में अभियुक्त पर दोष सिद्ध होने के बाद आज सजा मुकर्रर हो सकी।