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Bulandshahr Crime News: किन्नर शिशु की मौत पर हंगामा, मथुरा राजकीय शिशु बाल गृह पर लगाया देखभाल न करने का आरोप

Bulandshahr Crime News: बुलंदशहर के किन्नर आश्रम से मथुरा राजकीय शिशु बाल गृह भेजे गये अनाथ किन्नर शिशु की मौत हो गई।

Sandeep Tayal
Written By Sandeep TayalPublished By Pallavi Srivastava
Published on: 20 Aug 2021 2:42 AM GMT (Updated on: 20 Aug 2021 2:42 AM GMT)
baby death
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किन्नरों ने किया बवाल pic(social media)

Bulandshahr Crime News: बुलंदशहर में कानूनी पेचीदगियों के चलते बुलंदशहर के किन्नर आश्रम से मथुरा राजकीय शिशु बाल गृह भेजे गये अनाथ किन्नर शिशु की मौत हो गई। जिससे गुस्साये किन्नरों व किन्नर आश्रम संचालिका ने डीएम कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। किन्नरों ने शिशु को किन्नर आश्रम से जबरन छीने जाने और ठीक से देखभाल न होने के कारण किन्नर नवजात की मौत होने का दावा कर रहे हैं। हालांकि डीएम रविन्द्र कुमार ने मामले की जांच करने के लिए समिति गठित की है।

मृतक किन्नर शिशु की फाइल फोटो pic(social media)

दरअसल बुलंदशहर के खुर्जा में रंजना अग्रवाल किन्नर आश्रम चलाती हैं। कुछ दिन पूर्व रंजन अग्रवाल महाराष्ट्र के औरंगाबाद से एक लावारिस किन्नर शिशु को अपने आश्रम लायी थीं। और दावा किया थी कि पूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर किन्नर शिशु को गोद ले किन्नर आश्रम लायी हैं। जहां उसका पालन पोषण हो सकेगा। मगर कुछ दिन बाद कानून और नियमो का हवाला देकर बाल कल्याण न्यायपीठ समिति ने बच्चे को अपनी सुपुर्दगी में लेकर पालन पोषण के लिये मथुरा के राजकीय शिशु बाल गृह में भेज दिया था। जहां कथित किन्नर शिशु राधिका की मौत हो गयी। जिसके बाद सीडब्ल्यूसी एवं जिला प्रोबेशन विभाग की टीम मामले की जांच करने मथुरा गई है। प्रथम दृष्टया किसी बीमारी से शिशु की मौत होना बताया जा रहा है।

बुधवार को उक्त शिशु की मथुरा में मौत होने की सूचना मिलने के बाद अब बाल कल्याण समिति में भी हड़कंप मच गया। और समिति व जिला प्रोबेशन विभाग की एक टीम मथुरा के लिए रवाना हो गई। समिति मथुरा से मामले की जांचकर आख्या उच्चाधिकारियों को देगी। डीएम रविन्द्र कुमार ने बताया की मामले की जांच को टीम गठित की गयी हैं जांच रिपोर्ट के आधार पर ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

बच्चे की मौत से गुस्साए किन्नर समाज pic(Social media)

किन्नर शिशु को बनाते अफसर, अब शव ही दिला दो

डीएम कार्यालय के बहार प्रदर्शन कर रहे किन्नर गंगा महारानी की माने तो नियम कानून का हवाला देकर नवजात को छीन लिया। जब पाल नहीं सकते तो छीना क्यो? अब किन्नर नवजात का शव किन्नर मांग रहे हैं। किन्नरों ने नवजात की मौत के मामले की जांच और किन्नर नवजात के शव को किन्नर समाज को सौपने की मांग कर रहे है। गंगा महारानी का दावा है कि किन्नर नवजात की यदि आश्रम में ही परवरिश होती तो उसे पढ़ा लिखाकर अफसर बना देश मे नजीर पेश करना चाहते थे।

क्या है बच्चे को गोद लेने का नियम

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ. अंशुल बंसल ने बताया कि यदि कोई संस्था या व्यक्ति किसी बच्चे को गोद लेता है तो उसे पहले सेंट्रल एडोप्शन रिसोर्स या फिर स्टेट एडोप्शन रिसोर्स एजेंसी पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद फिर बाल कल्याण समिति इसमें जांच के बाद बच्चों को गोद लेने वाले की जांच करती है और उसके बाद उसे बच्चा दिया जाता है।

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डा. अंशुल बंसल ने बताया कि संबंधित संस्था द्वारा कारा और सारा की कोई प्रक्रिया नहीं अपनाई गई थी। और फिर इसके बाद बच्चे को उससे लेकर मेडिकल परीक्षण के बाद उसे मथुरा बाल शिशु गृह को भेज दिया गया था। केन्द्र सरकार ने इसके लिए सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी गठित की है। ये संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है।

Pallavi Srivastava

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