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Bulandshahr Crime News: बुजुर्ग से मारपीट मामले में अब्दुल समद अहम गवाह, करेगा बड़ा खुलासा
Bulandshahr Crime News: पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब्दुल समद एक ऐसा व्यक्ति है, जो धार्मिक उन्माद फैलाने की प्लानिंग करने वाले मास्टर माइंड का खुलासा कर सकता है।
बुलंदशहर: अनूप शहर कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी (Abdul Samad Saifi) की गाजियाबाद के लोनी में हुई मारपीट और अभद्रता के बाद यूपी में धार्मिक उन्माद फैलाने को कोशिश करने के प्रयास में आरोपी उम्मेद पहलवान को गाज़ियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन अब्दुल समद (abdul samad) और उसके दोनों पुत्र अभी तक उनके हत्थे नहीं चढ़े हैं। अब्दुल समद और उसके पुत्रों के भूमिगत होने की खबरों से अब अब्दुल समद भी पुलिस के शक के घेरे में है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अब्दुल समद एक ऐसा व्यक्ति है, जो धार्मिक उन्माद फैलाने की प्लानिंग करने वाले मास्टर माइंड का खुलासा कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक, 16 जून की रात को उम्मेद पहलवान अनूपशहर आया था। मीडिया के सामने खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश करते हुए बयान भी दिया। उसके बयान के बाद से ही अब्दुल समद सैफ़ी और उसके दोनों पुत्रों भी भूमिगत है। हालांकि अब्दुल समद की घर में मौजूद महिलाएं ने कहा कि वे अलीगढ़ के किसी अस्पताल में भर्ती है। बहरहाल, पुलिस अब्दुल समद के सामने न आने पर बुजुर्ग की पटाई के बाद फेसबुक लाइव से धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के बेनकाब करने की कोशिश कर रही है।
क्या है मामला
गौरतलब है कि 5 जून को जनपद गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में अनूपशहर के मोहल्ला मीरा निवासी पीड़ित अब्दुल समद पुत्र अब्दुल हमीद के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मारपीट की घटना सामने आई थी। पीड़ित पक्ष के अनुसार, 5 जून को अब्दुल समद सैफी (70वर्ष) अपने किसी रिश्तेदार से मिलने के लिए गाजियाबाद गए थे। वहां से एक ऑटो में सवार हुए, जिसमें चार युवक सवार थे। आरोप है कि युवकों ने अब्दुल समद के साथ अभद्रता करते हुए मारपीट की थी। गाजियाबाद पुलिस द्वारा ताबीज बनाकर देने के बाद हुए विवाद के चलते अब्दुल समद के साथ मारपीट किए जाने की बात कही गई। इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। गाजियाबाद पुलिस द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने का प्रयास करने के आरोपी उम्मेद पहलवान को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया था। उम्मेद पहलवान की गिरफ्तारी के बाद भी अब्दुल समद और उसके दोनों पुत्र अभी भी तक भूमिगत हैं।