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Chandauli Crime News: निजी चिकित्सालय की मनमानी, पैसे के लिए मरीज को बनाया बंधक

Chandauli Crime News: सकलडीहा कस्बा के प्रतीक्षा हॉस्पिटल के संचालक ने पैसा न देने के कारण मरीज व उसके परिजनों को बंधक बनाया है।

Ashvini Mishra
Report Ashvini MishraPublished By Chitra Singh
Published on: 4 July 2021 12:20 PM GMT (Updated on: 4 July 2021 12:27 PM GMT)
patient held hostage
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मरीज

Chandauli Crime News: एक तरफ जहां प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ आम जनमानस के लिए स्वास्थ्य विभाग को चुस्त-दुरुस्त कर तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने में जुटे हुए हैं। वहीं झोलाछाप हॉस्पिटलों की वजह से सरकार की मंशा पर पानी फिरता नजर आ रहा है। जबकि प्रधानमंत्री ने कई जन औषधि केंद्र खोलकर गरीबों असहाय लोगों को सस्ते रेट में मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है। कई हॉस्पिटल संचालक मरीज को लूटने में लगे है।

सकलडीहा कस्बा के प्रतीक्षा हॉस्पिटल (Pratiksha Hospital) के संचालक ने पैसा न देने के कारण मरीज व उसके परिजनों को बंधक बनाया है। जानकारी के अनुसार रोहित जायसवाल ने 1 जुलाई को शाम घर पर रखे वाइन की जगह गलती से हारपीक डालकर पी लिया था। जब उसकी हालत बिगड़ने लगी तो पत्नी पूजा जायसवाल व मकान मालिक बिहारी लाल सोनकर उसे लेकर प्रतीक्षा अस्पताल पहुंचे। जिस पर हॉस्पिटल संचालक ने उन्हें एडमिट कर इलाज प्रारंभ किया।

वही मरीज की पत्नी ने मेडिसिन तथा अन्य खर्च के लिए तुरंत 50000 रुपये काउंटर पर जमा किया। उसके अगले दिन रोहित जायसवाल की हालत खतरे से बाहर बताई गई और मरीज की पत्नी ने डॉक्टर से कहा कि सर अगर यह ठीक हो गए हो तो उन्हें डिस्चार्ज कर दीजिए। जिस पर हॉस्पिटल संचालक डॉ. अश्वनी कुमार ने मरीज की पत्नी पूजा जायसवाल को एक लाख 80000 का बिल थमाते हुए जमा करने के लिए कहा। इतनी बड़ी रकम सुनते ही मरीज की पत्नी के होश उड़ गए। उसने कहा कि सर 2 दिन में इतना पैसा कैसे हो गया।

जिस पर हॉस्पिटल संचालक डॉ. अश्वनी कुमार ने कहा कि पैसा जमा करो, बकवास मत करो। मरीज की पत्नी ने पैसा देने में असमर्थता जताई। जिस पर हॉस्पिटल संचालक डॉ. अश्वनी कुमार ने मरीज सहित परिजनों को एक कमरे में बंद कर दिया है। पीड़ित परिवार खुद किराए के मकान में रहकर अपना गुजर-बसर करता है। इस हॉस्पिटल के संचालक द्वारा पूर्व में भी इस तरह का रवैया अपनाया जा चुका है।

इसी तरह का एक मामला ग्राम सभा पदुमनाथपुर का था, जिसमें दो बच्चियों के मौत होने के बाद भी हॉस्पिटल संचालक लंबा बिल बना कर दोनों बच्चियों को अपने यहां बंधक बनाए हुए रखा था। यही नहीं 4 दिन पूर्व अभी बरथरा गांव के एक महिला के बेहोशी का इलाज में भी भारी भरकम बिल बनाया गया था, जिसका परिजनों द्वारा विरोध कर मरीज को डिस्चार्ज कराके दूसरे जगह लाया गया।

विषाक्त पदार्थ खाए हुए मामले में हॉस्पिटल संचालकों द्वारा इलाज के दौरान ही अपने आसपास प्रशासनिक तथा स्थानीय मजिस्ट्रेट को सूचित करना पड़ता है, लेकिन हॉस्पिटल संचालक ने मोटी कमाई कमाने के चक्कर में न तो उसने स्थानीय प्रशासन को सूचित किया और ना ही स्थानीय सक्षम अधिकारी को जानकारी दी।

इस बाबत सकलडीहा कोतवाल अवनीश कुमार राय से बातचीत करने पर पता चला कि संबंधित हॉस्पिटल द्वारा इस तरह की कोई भी सूचना से मुझे अवगत नहीं कराया गया है। इस संबंध में जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बी.पी. द्विवेदी को अवगत कराया गया, तो उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले में प्रथम दृष्टया स्थानीय प्रशासन को सूचित करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं पीड़िता की पत्नी पूजा जायसवाल ने जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

Chitra Singh

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