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शिक्षा के मंदिर में भी सुरक्षित नहीं लड़कियां, घासीदास विवि की छात्रा ने दी जान

raghvendra
Published on: 28 Oct 2017 3:55 PM IST
शिक्षा के मंदिर में भी सुरक्षित नहीं लड़कियां, घासीदास विवि की छात्रा ने दी जान
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राम शिरोमणि शुक्ल

रायपुर। राष्ट्रीय अपराध अनुसंधान ब्यूरो (एनसीआरबी) के मुताबिक महिला सुरक्षा के लिहाज से खराब माने जाने वाले छत्तीसगढ़ के शिक्षण संस्थानों में यौन उत्पीडऩ के आरोप बढ़ते जा रहे हैं। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों में भी इस तरह की वारदातें सामने आने से यह सवाल उठने लगा है कि जब शिक्षा के मंदिरों में लड़कियां सुरक्षित नहीं रहेंगी, तब कहां रहेंगी। हाल में सामने आई कुछ घटनाओं से पता चलता है कि राज्य में कहीं भी लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं। अभी एक छात्रा के आत्महत्या कर लेने से लड़कियों की सुरक्षा का सवाल नए सिरे से उठ खड़ा हुआ है।

घासीदास विवि की छात्रा ने जान दी

बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में बीएड की पढ़ाई कर रही छात्रा ने यौन उत्पीडऩ से परेशान होकर रामा लाइफ सिटी स्थित घर में फांसी लगाकर जान दे दी। आरोप है कि उसके साथ पढऩे वाला छात्र उसे प्रताडि़त कर रहा था। छात्रा ने इस बारे में विभागाध्यक्ष से शिकायत भी की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। पुलिस को उसके नोटबुक से विभागाध्यक्ष के नाम लिखा शिकायती पत्र मिला जिससे पता चला कि छात्र उसे प्रताडि़त कर रहा था।

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पुलिस के मुताबिक छात्रा मूलत: कोरबा की रहने वाली थी। वह अपने मामा-मामी के सकरी के रामा लाइफ सिटी स्थित मकान में रहकर पढ़ाई कर रही थी। एक दिन रात को खाना खाने के बाद अपने कमरे में सोने गई और वहीं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। दूसरे दिन दरवाजा देर तक न खुलने पर परिजनों को शक हुआ तो दरवाजा खोला गया। तब पता चला कि उसने आत्महत्या कर ली है। पुलिस को मिले शिकायती पत्र में छात्रा ने अपने ही साथ पढऩे वाले दिव्यांश कुमार पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है।

छात्रा की शिकायत पर नहीं दिया ध्यान

पुलिस के मुताबिक छात्रा ने उक्त छात्र की शिकायत तीन-तीन प्राध्यापकों से भी की थी। इसके बाद भी न कोई ध्यान दिया गया और न ही विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई कारवाई की गई। छात्रा के रिश्तेदारों का आरोप है कि प्राध्यापकों ने मदद करना छोड़ शिकायत पत्र लिखने के तरीके सुधारने की बात कहकर छात्रा को उलझा दिया। यह भी आरोप लगाया गया कि पुलिस ने भी एफआईआर तक दर्ज नहीं की। हालांकि विश्वविद्यालय ने मामले की जांच के लिए कमेटी जरूर बना दी। लापरवाही के आरोप में विभागाध्यक्ष को पद से हटा दिया गया है।

छात्रों की नाराजगी बढ़ी

वारदात के चार दिन बाद पुलिस विश्वविद्यालय छात्रावास गई जहां आरोपी छात्र रहता था, लेकिन बता दिया कि छात्र फरार है। विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ न करने और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ छात्रों में गुस्सा बढऩे लगा। गुस्साए छात्र-छात्राओं ने प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय को ज्ञापन भी दिया। रात में कैंडल मार्च निकालकर छात्रा को श्रद्धांजलि भी दी गई।

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छात्रों ने चेतावनी दी कि जल्द कारवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इसके बाद पुलिस ने छात्र दिव्यांश कुमार के खिलाफ प्रताडऩा का मामला दर्ज किया। जांच कमेटी की रिपोर्ट भी सौंप दी गई है। इस घटना से यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में भी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय जैसी स्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं।

दुष्कर्म के आरोप पर हटाए गए प्राचार्य

यह कोई अपने तरह की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की शिकायतें सामने आती रही हैं। बिलासपुर के ही सीएमडी कॉलेज के प्राचार्य पर दुष्कर्म का आरोप लग चुका है। यह आरोप नेटवर्किंग कंपनी से जुड़ी एक महिला ने लगाया है। इस महिला का आरोप था कि प्राचार्य ने नशीली कोल्ड ड्रिंक पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसका विडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई।

पुलिस के मुताबिक प्राचार्य तोरवा लालखदान स्थित अपने मकान में पार्टटाइम आरसीएम का व्यवसाय करते हैं। इसके अलावा सरकंडा स्थित फ्लैट में उनका दफ्तर है। सरकंडा क्षेत्र की ही रहने वाली उक्त महिला बीते करीब सात साल से आरसीएम से जुड़ी हुई है।

महिला का आरोप है कि बीते अगस्त 2017 में वह काम के सिलसिले में प्राचार्य के सरकंडा स्थित फ्लैट में गई तो उन्होंने धोखे से कोल्ड ड्रिंक में नशीली चीज पिला दी और उसके साथ दुष्कर्म किया। प्राचार्य ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि आरोप पूरी तरह झूठे हैं। हालांकि आरोपों के मद्देनजर प्राचार्य को उनके पद से हटा दिया

गया है।

डीन पर प्रताडि़त करने का आरोप

कुछ इसी तरह की एक शिकायत रायपुर के शासकीय डेंटल कॉलेज के डीन के खिलाफ की गई है। एक महिला चिकित्सक ने डीन पर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने की शिकायत राज्य महिला आयोग से की है। आयोग ने कॉलेज संचालक को पूर मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा है। कॉलेज में पदस्थ महिला डॉक्टर-प्रोफेसर ने महिला आयोग में लिखित शिकायत करते हुए कहा था कि कॉलेज के डीन उनसे अभद्रता और अश्लील बातें करते हैं।

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कामकाज की अधिकांश बातें डबल मीनिंग वाली होती हैं। महिला चिकित्सक ने विशाखा कमेटी से भी शिकायत की है। यद्यपि डीन ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि महिला चिकित्सक की ऊपरी फ्लोर पर ड्यूटी लगाई गई थी। इस कारण उसने ऐसे आरोप लगाए हैं। संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ.अशोक चंद्राकर ने कहा कि प्रताडऩा की शिकायत मिली है जो गंभीर है। इस पर कमेटी गठित कर जांच करवाई जाएगी।

सुरक्षाबलों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप

इसके अलावा बस्तर की सीमा से लगे ओडिशा के कोरापुट जिले में सुरक्षाबलों पर नौंवी कक्षा की एक नाबालिग छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा है। पीडि़ता के परिवार के मुताबिक छात्रा कुंडली बाजार से लौट रही थी, तभी उसे जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। घटना से आक्रोशित सैकड़ों ग्रामीणों ने जगदलपुर-विशाखापट्टनम नेशनल हाईवे को जाम कर दिया था। पुलिस के हस्तक्षेप से जाम खुलवाया गया।

इन घटनाओं के अलावा राज्य की विभिन्न शिक्षण संस्थाओं से इस तरह की वारदातों की शिकायतें आती रहती हैं जो बताती हैं कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्य शासन और शिक्षण संस्थाओं के प्रशासन की ओर से भी यौन उत्पीडऩ की शिकायतों के प्रति उदासीनता के आरोप लगते रहते हैं। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की घटना के बाद इस तरह के मामलों पर ज्यादा संजीदगी से कार्रवाई की जरुरत जताई गयी है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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