×

आरक्षक की संदिग्ध मौत, सीएम कोष में दी थी साल भर की सैलरी, भाई बोला- हाई प्रोफाईल मर्डर

छत्तीसगढ़ में एक आरक्षक की पिछले दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आरक्षक भाई ने हाई प्रोफाईल मर्डर का आरोप लगाया है

Network
Newstrack NetworkPublished By Ashiki
Published on: 21 May 2021 1:34 PM GMT
constable Pushparaj Singh
X

मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह (Photo-Social Media)

रायपुर: छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले में एक आरक्षक की पिछले दिनों संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह भाई ने हाई प्रोफाईल मर्डर का आरोप लगाया है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जांच के आदेश दिए हैं। मंत्री ने विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को निर्देश दिए कि पूरे मामले की उच्च अधिकारी से जांच कराई जाए।

जानकारी के लिए बता दें कि मृतक आरक्षक ने कोरोना की पहली लहर में अपने पूरे एक साल की सैलरी मुख्यमंत्री कोष में दान दे दी थी। उसके बाद से मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह काफी चर्चा में आ गया था। वहीं आरक्षक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद जिले के ही पुलिस अधीक्षक सहित कई बड़े अधिकारियों पर हत्या का आरोप परिवार के लोग लगा रहे हैं।

फेसबुक पर किये कई पोस्ट

साथ ही अपनी मौत से पहले आरक्षक पुष्पराज सिंह ने अपने फेसबुक अकाउंट से कई पोस्ट किये थे, जो पुलिस अधीक्षक से लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर थे। बताया जा रहा कि इस बात से उच्चाधिकारी शुरू से ही उस पर नाराज चल रहे थे।

मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह के भाई जगदीप ठाकुर ने इसे हाई प्रोफाईल मर्डर बताया है, जिसमें विभाग के बड़े अधिकारी संलिप्त हैं। उन्होंने सक्ती थाना प्रभारी रविन्द्र अनंत पर स्पष्ट आरोप लगाया और कहा कि उनका भाई आज सक्ती थाना प्रभारी के किसी बड़े मामले का खुलाशा करने वाला था। इसी के चलते उसकी हत्या कर दी गई। जगदीप ठाकुर ने मुख्यमंत्री और गृहमुत्री से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। परिवार वालों ने बार-बार ट्रांसफर और बर्खास्तगी की धमकी देने का भी आरोप लगाया है। वहीं आरक्षक पुष्पराज सिंह के भाई ने पुष्पराज की मौत के बाद सरकार से मिली सहायता राशि भी लौटा दी है।

दरअसल, जांजगीर-चांपा जिले के सक्ती थाना में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह की लाश संदिग्ध परिस्थितियों में जांजगीर के केरा रोड पर बिजली के तार से लिपटी हालत में कुछ दिन पहले मिली थी। वहीं पुलिस ने शव मौके से हटा कर जिला हॉस्पिटल के मॉर्चुरी में रखवा दिया था। दूसरे दिन सुबह जब मृतक आरक्षक के भाई जिला हॉस्पिटल पहुंचे तब उन्होंने इसे हाई प्रोफाईल मर्डर बताया।

पुलिसकर्मियों के हितों की लड़ाई

इस मामले में पुलिस ने जांच और कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। बताया जा रहा है कि मृतक आरक्षक पुष्पराज सिंह कई दिनों से पुलिस अधीक्षक पालुर माथुर सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ सोशल मीडिया में अलग-अलग मैसेज करके वायरल कर रहा था। इतना ही नहीं पुष्पराज सिंह पुलिसकर्मियों के हितों की लड़ाई भी लड़ते थे।

पुष्पराज सिंह लगातार सोशल मीडिया पर भी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पोस्ट करते थे और छोटे कर्मचारियों के शोषण पर आवाज उठाते थे। उनके इस क्रांतिकारी रवैये की वजह से ही वे 6 बार निलंबित और एक बार बर्खास्त भी किये गये मगर पुनः बहाल हुए। मौत से दो द‍िन पहले भी उन्होंने सक्ती थाना प्रभारी पर सक्ती क्षेत्र में मोटी कम लेकर जुआ खिलवाने का आरोप लगाया था। इस मामले मे जांच अधिकारी एसडीओपी संदीप मित्तल ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की परिस्थितियों और आरोपों पर जांच और कार्रवाई की बात कही है।

वहीं राज्य के मंत्री ने विभाग के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू को निर्देश दिए कि पूरे मामले की उच्च अधिकारी से जांच कराई जाए। दरअसल, जिला प्रशासन ने एसडीएम से इसकी जांच कराने की घोषणा की थी पर जांच शुरू नहीं हो पाई थी।

Ashiki

Ashiki

Next Story