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Customer Care Number Fraud: सावधान! कहीं आप भी तो नहीं करते हैं डायरेक्ट कस्टमर केयर नंबर डायल, पड़ सकते हैं मुश्किल में

Customer Care Number Fraud: धोखाधड़ी और स्कैमर्स से बचने के लिए किसी कंपनी की ग्राहक सेवा का लाभ उठाते समय बहुत सावधान बरतनी चाहिए। जानें क्या है सावधानी ?

Viren Singh
Written By Viren Singh
Published on: 25 Feb 2023 6:04 PM IST (Updated on: 25 Feb 2023 6:05 PM IST)
Customer Care Number Fraud
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Customer Care Number Fraud (सोशल मीडिया) 

Customer Care Number Fraud: अगर आप किसी कंपनी के कस्टर केयर नंबर गूगल या फिर अन्य सर्च इंजन पर खोजते हैं और फिर वहां लेकर डॉलर करते हैं तो सवाधान हो जाएं। वरना आप किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं। यह मुसीबत इनती बड़ी हो सकती है, जिसका अंदाजा नहीं लगा सकते। हो सकता है आपके साथ पैसों की धोखाधड़ी हो जाए। दरअसल, स्कैमर और धोखेबाजों के निशान पर वे लोग ज्यादा रहते हैं जो किसी कंपनी के कस्टमर केयर नंबर को इंटरनेट पर खोजने के बाद डायल करते हैं।

अक्सर लोग बैंक, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, या दूरसंचार सेवा प्रदाता के कस्टमर केयर नंबर को खोजने के लिए इंटरनेट पर खोज करते हैं। हालांकि, इस बात की संभावना है कि वे जालसाजों के जाल में फंस सकते हैं जो पीड़ित ग्राहकों को पैसे चुराने का लालच देते हैं। तो आइये आपको बतातें हैं कि कैसे काम करते हैं और इससे बचने के लिए क्या उपाय करना चाहिए?

ये लोग रहते हैं स्कैमर की नजर पर

क्लाउडडेस्क की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी कस्टमर केयर नंबर जालसाजों के लिए उन उत्सुक उपयोगकर्ताओं को फंसाने का सबसे अच्छा तरीका है जो अपनी समस्याओं का त्वरित समाधान चाहते हैं। इसके लिए वे ओटीपी जैसे कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने में नहीं हचकते। वे उपयोगकर्ताओं द्वारा खोजे गए कस्टमर केयर नंबरों के लिए Google परिणामों में अपना रास्ता बनाने के लिए एक सामान्य प्रक्रिया का पालन करते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ये घोटाले सालों तक इसी तरह से काम करते हैं, जहां चीजें नकली सिम कार्ड खरीदने, Google खोजों में इन नकली नंबरों के लिए जगह बनाने के लिए एसईओ तकनीकों का उपयोग करने आदि से शुरू होती हैं। यह नकली ग्राहक सेवाएं घोटाले का काम करती हैं।

फर्जी कस्टमर केयर स्कैम कैसे काम करता है?

  • ये घोटाले वर्षों से कमोबेश इसी तरह से काम करते हैं। सबसे पहले, जालसाज डार्क नेट की मदद से अनट्रेसेबल सिम कार्ड खरीदना शुरू करते हैं। सिम कार्ड नकली पहचान पत्र का उपयोग करके खरीदे जाते हैं, जिससे उन्हें ट्रेस करना मुश्किल हो जाता है।
  • खुद को कॉल करने के लिए तैयार करने के बाद, वे सोशल मीडिया पोस्ट, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन तकनीकों वाली वेबसाइटों और विज्ञापनों का उपयोग करके इन फर्जी नंबरों को कंपनियों और सेवा प्रदाताओं के कस्टमर केयर नंबर के रूप में इंजेक्ट करते हैं। इससे उन्हें व्यापक पहुंच प्राप्त करने और सर्च इंजन पर अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलती है।
  • इन फर्जी कॉल सेंटरों से संपर्क करने पर, धोखेबाज उन सूचनाओं को पुनः प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जिसस लोगों को खातों में सीधे पहुंचा जा सके। सोशल इंजीनियरिंग के जरिए ग्राहकों से वित्तीय जानकारी, ओटीपी मांगी जाती है।
  • ओटीपी और अन्य वित्तीय जानकारी के साथ स्कैमर्स बैंक खाते के विवरण तक पहुंचते हैं। वे इसका उपयोग गिफ्ट कार्ड खरीदने, दूसरे खाते में पैसे ट्रांसफर करना आदि का लालच देंते हैं। ऐसे अगर आप इन इन स्कैमर्स के लालच में फंस जाते हैं तो आपको काफी नुकसान उठाना पड़ता है।

ऐसे बचें इन धोखेधड़ी और स्कैमर्स से

इन धोखेधड़ी और स्कैमर्स से बचने के लिए किसी कंपनी की ग्राहक सेवा का लाभ उठाते समय बहुत सावधान बरतनी चाहिए। किसी भी कंपनी के कस्टर केयर नंबर की जानकारी प्राप्त करने के लिए कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर का इस्तेमाल करें तो ज्यादा बेहतर होगा।



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Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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