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नोएडा ऑनलाइन ठगी: ईडी ने समय से नहीं दाखिल किया आरोप पत्र, तीन अभियुक्तों को जमानत
इन मुल्जिमों को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। जिसके बाद 60 दिन में ईडी को आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए था। मुल्जिमों ने कहा कि समय के भीतर आरोप पत्र न दाखिल होने से कानूनन उनकी जमानत मंजूर की जाए।
लखनऊ: जांच में सतर्कता निदेशालय की ढिलाई के कारण करोड़ों के नोयडा ऑनलाइन घेाटाले में तीन अभियुक्तों को जमानत मिल गई। इन पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला चल रहा है। जिला जज राजेंद्र सिंह ने 3700 करोड़ के ठगी मामले में शनिवार को मुल्जिम अनुभव मित्तल, श्रीधर प्रसाद व महेश गोयल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया।
मिल गई जमानत
कोर्ट ने निर्धारित अवधि में मुल्जिमों के खिलाफ ईडी द्वारा आरोप पत्र दाखिल न करने पर यह आदेश दिया है।तीनों मुल्जिमों को दो लाख की दो जमानतें व इतनी ही धनराशि का निजी मुचलका दाखिल करना होगा।
बीते 18 फरवरी को इन मुल्जिमों को मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। जिसके बाद 60 दिन में ईडी को आरोप पत्र दाखिल करना चाहिए था। शनिवार को मुल्जिमों की तरफ से कहा गया कि अभी तक उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है। लिहाजा कानूनन उनकी जमानत मंजूर की जाए।
भारी घोटाला
मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए 3700 करोड़ के जनधन घोटाले का खुलासा करते हुए एसटीएफ ने ग्रेटर नोएडा में इन मुल्जिमों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बीती 4 फरवरी को लखनऊ में ईडी ने भी इन मुल्जिमों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सूचना दर्ज कर जांच शुरु की थी। 18 फरवरी को विशेष अदालत ने ईडी की अर्जी पर इन तीनों मुल्जिमों को गौतमबुद्ध नगर जेल से तलब किया था।
अदालत ने 4 मार्च तक के लिए इन्हें न्यायिक हिरासत में लखनऊ जेल भेज दिया था। इस दरम्यान 20, 21 व 22 फरवरी को इन मुल्जिमों से लखनऊ जेल में पूछताछ के लिए ईडी को इजाजत भी मिली थी। पूछताछ के बाद ईडी ने 26 फरवरी से छह दिन के लिए तीनों मुल्जिमों का कस्टडी रिमांड हासिल किया था। रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद इन्हें फिर से वापस लखनऊ जेल भेज दिया गया था।