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बड़े भाई ने कैंसर पेशेंट छोटे भाई और दिव्यांग भाभी के साथ की ऐसी शर्मनाक हरकत कि...
अमेठी: यूपी का अमेठी ज़िला जो राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है, यहां एक भाई ने वो किया है, जो दुश्मन भी एक बार करने से पहले सोंचेगा। दरअसल मामला यह है कि मेन मार्केट में करोड़ों की बिल्डिंग है, जिस पर कलयुगी भाई की निगाह गड़ गई। फिर क्या था करोड़ों की बिल्डिंग हथियाने के लिए भाई ने कैंसर पेशेंट भाई और दिव्यांग भाभी को धक्के मार बाहर कर दिया।
मजबूर-बेसहारा दंपति दो मासूम बच्चों संग प्रशासनिक और पुलिस दोनों आला अधिकारियों की चौखटों की खाक छान चुके हैं, पर गरीब की सुनता कौन है? अगर ये अधिकारी सुन लेते और पीड़ित को उसका अधिकार दिला देते तो शायद बिल्डिंग को बेंच वो अपना इलाज करा लेता।
करोड़ों की बिल्डिंग का मामला:
दिल को दहला देने और खून के पवित्र रिश्तों को तार-तार करने वाली ये तस्वीर अमेठी जिले के किसी गांव की नहीं बल्कि मुसाफिरखाना कोतवाली के गल्ला मंडी की है। यहां एक बेशकीमती बिल्डिंग है, जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। इसके मालिकाना हक़ को लेकर दो सगे भाई देवी प्रसाद और गंगाराम गुप्ता में जंग छिड़ गई और इस जंग में गंगाराम गुप्ता देवी प्रसाद पर भारी पड़ा।
मुख्य कारण ये है कि गंगाराम के पास अथाह पैसा है, जिससे उसने अधिकारियों के पेट भर रखे हैं और देवी प्रसाद की मजबूरी ये है कि गुरबत की मार के साथ-साथ उसे कैंसर जैसे भयावह रोग ने घेर रखा है। दो बच्चे हैं, जो अभी इस अभी मासूम हैं, एक पत्नी का सहारा तो वो पैरों से लाचार है।
दो मासूम बेटियों की है जिम्मेदारी:
दो मासूम बेटियों के पेट पालने का जिम्मा देवी प्रसाद के कांधों पर था लेकिन घातक बीमारी ने अपना ऐसा कहर ढाया कि वो क्या कमाए और क्या लाए? लोगों की मानें तो छोटे भाई की इस मजबूरी को भांप बड़े भाई गंगा राम की आंखें जमीन और जायदाद पर टिक गई और एक दिन इन दोनों को घर से धक्का देकर बाहर का रास्ता दिखा दिया। तबसे आजतक पीड़ित दंपति दो मासूमों को लेकर गली-गली की खाक छान रहे हैं।
इस हालत पर पहुंचने के बाद पीड़ित इलाज छोड़ पुलिस और अधिकारियों के चक्कर काट रहा, कभी उसे कोतवाली तो कभी एसपी ऑफिस बुलाया जाता है। लेकिन कार्रवाई आजतक नहीं हो सकी। आपको बता दें कि यहां से पुलिस स्टेशन हो या एसडीएम-सीओ का आफिस और आवास सबकी दूरी लगभग 1 किलोमीटर की है।
आगे की स्लाइड में जानिए कैसे बड़े भाई ने हथियाई सारी प्रॉपर्टी
फर्जी ढंग से बड़े भाई ने कराई वसीयत
गौरतलब रहे कि मुसफिखाना गल्ला मंडी बाजार में दर्जन भर दुकानें और करोड़ों की बिल्डिंग होते हुए कैंसर से पीड़ित देवी प्रसाद उसकी विकलांग पत्नी और 2 छोटी मासूम बच्चियां आशियाने न होने से अनाथों की सी जिंदगी बसर कर रहीं। उसके पीछे की बड़ी वजह ये है कि बड़े भाई गंगाराम गुप्ता की नियत में खोट था। उसने करोड़ों की बिल्डिंग को वसीयत के ज़रिए अपने नाम करा लिया और घर के किसी मेंबर को कानों-कान खबर तक नहीं हुई।
लेकिन टाइम बीतने के बाद जब पिता का देहांत हो गया और दोनों भाइयों में छोटी-छोटी बातों पर तकरार-मारपीट होना शुरु हुई, मामला कोतवाली तक पहुंचा तब छोटे भाई देवी प्रसाद जानकारी करने तहसील पहुंचा। तो वहां बड़े भाई द्वारा गंगाराम की गई हेरा-फेरी की कारगुजारियों को जानकर वो ठगा सा हो गया। इसी के बल पर बड़े भाई ने उसे रोड पर लाकर खड़ा किया।
डीएम ने दिया था आधे का हक़
वसीयत की जानकारी होने के बाद देवी प्रसाद गुप्ता ने आपत्ति लगाते हुए डीएम से न्याय की गुहार लगाई। डीएम ने भी आपत्ति को स्वीकार करते हुए उसे प्रॉपर्टी में आधे का हिस्सेदार होने की बात कही। लेकिन देवी प्रसाद बेबस ऐसे पड़ गया कि अब उस करोड़ों की बिल्डिंग में पैर रखे तो कैसे?
एक बार कोशिश की भी तो बड़े भाई के साथ कुछ दबंग और उनके 3 बेटों ने रास्ता रोक दिया। देवी प्रसाद गुप्ता का आरोप है कि जिले के सभी अधिकारियों से कब्ज़े को लेकर हर कोशिश कर के हार चुका हूं, लेकिन मेरी कोई सुनवाई नहीं। आखिर करें तो हम क्या करें? बस अब एक ही रास्ता बचता है कि परिवार के साथ खुदखुशी कर लें।
पुलिस कर रही जांच रिपोर्ट का इंतजार
इस पूरे मामले में एसपी श्रीमती पूनम से जब बातचीत की गई, तो उन्होंने बताया कि प्रकरण संज्ञान में है। पुलिस अभी जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ठोस कार्रवाई की जाएगी।