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प्रधानी चुनाव की रंजिश में गोरखपुर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या

शनिवार को नामांकन करने के लिए भाजपा नेता बृजेश ने पर्चा भी खरीद लिया था। लेकिन बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी।

Shivani
Published on: 3 April 2021 8:45 AM IST
प्रधानी चुनाव की रंजिश में गोरखपुर में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या
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गोरखपुर। गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र के नरायनपुर के पूर्व प्रधान व भाजपा के सेक्टर प्रभारी बृजेश सिंह की बाइक सवार बदमाशों ने शुक्रवार की रात गोली मार कर हत्या कर दी। पुलिस मामले को चुनावी रंजिश और प्रॉपर्टी विवाद मानकर जांच में जुट गई है। सात दिनों में आठवीं हत्या से गोरखपुर पुलिस सवालों के घेरे में है।

पंचायत चुनाव में भाजपा नेता की हत्या

नरायनपुर गांव के पूर्व प्रधान 52 वर्षीय बृजेश सिंह का मेडिकल कालेज रोड पर मोगलहा के पास भी आवास है। ग्राम प्रधान की सीट अनारक्षित होने पर इस बार उन्होंने गांव से प्रधानी की दावेदारी पेश की थी। शनिवार को नामांकन करने के लिए बृजेश ने पर्चा भी खरीद लिया था। शुक्रवार की रात 11 बजे के करीब गांव में जनसंपर्क करने के बाद बृजेश सिंह बाइक से मोगलहा स्थित अपने आवास पर लौट रहे थे। गांव के बाहर घेरकर बदमाशों ने उनके सीने और सिर में गोली मार दी। गंभीर हाल में उन्हें मेडिकल कालेज ले गए जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर पहुंचे परिवारीजन, रिश्तेदार व समर्थकों ने लचर कानून-व्यवस्था व हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने बताया कि हत्या किसने और क्यों की इस बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द ही घटना का पर्दाफाश किया जाएगा।



चुनाव और प्रॉपर्टी में उलझी गुत्थी


पूर्व प्रधान बृजेश सिंह की हत्या को फिलहाल चुनावी रंजिश के साथ ही प्रापर्टी के विवाद से भी जोड़कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। कुछ दिन पहले उनका प्रापर्टी को लेकर विवाद हुआ था वहीं अच्छे जनाधार की वजह से इस बार उनकी प्रधानी की दवेदारी भी तय मानी जा रही थी। बृजेश सिंह के पिता गुप्तेश्वर सिंह गुलरिहा के थानेदार रह चुके थे। बृजेश का सांसद कमलेश पासवान के परिवार से भी करीबी रिश्ता था। वाराणसी, ढेबरूवा के मूल रूप से रहने वाले गुप्तेश्वर सिंह पुलिस विभाग में सब इंस्पेक्टर के तौर पर गोरखपुर आए थे। यहीं पर नौकरी के दौरान उन्होंने मेडिकल कालेज के पास मोगलहा में मकान बनवा लिया। वह 1972 गुलरिहा के थानेदार भी रहे। 1987 में गुलरिहा थाने से ही वह रिटायर हो गए थे। बृजेश सिंह की मां भी बीडीसी सदस्य रह चुकी हैं। वह भी इस बार बीडीसी के लिए पर्चा ली थीं। शनिवार को ही मां और बेटे का पर्चा दाखिला होना था।

पिछले सात दिन में आठ हत्या से उठे सवाल

25 मार्चः बेलीपार इलाके में डेढ़ साल के बच्चे अनिकेत हत्या।


27 मार्चः कैंपियरगंज में सरवन यादव की गला कसकर हत्या।


28 मार्चः गुलरिहा इलाके के बनगाई जंगल में अजय यादव की हत्या कर फेंकी गई लाश मिली।


30 मार्चः खजनी के भीटी खोरिया में उमेश की हत्या।


31 मार्चः गगहा इलाके में शंभू मौर्य व उनके सहयोगी संजय पाण्डेय की गोली मारकर हत्या।


02 अप्रैलः गुलरिहा इलाके में भाजपा नेता की गोली मारकर हत्या


02 अप्रैल: कैंट इलाके में रामगढ़ताल भी लाश मिली, हत्या की आशंका


रिपोर्ट-पूर्णिमा श्रीवास्तव



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Shivani

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