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2 हजार करोड़ से अधिक बेनामी संपत्तियों का मालिक है जालसाज माफिया अजीत गुप्ता

एक हजार करोड़ रुपए के घपला मामले का आरोपी अनी बुलियन इंडस्ट्रीज का डायरेक्ट अजीत गुप्ता की फ्रॉड गिरी का नेटवर्क देश के कई राज्यों में स्थापित है। उसके इस जालसाजी के नेटवर्क में कई असरदार सफेदपोश लोग शामिल हैं।

Sandeep Mishra
Report Sandeep MishraPublished By Ashiki
Published on: 29 Jun 2021 2:33 PM GMT
Ajit Gupta
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शातिर जालसाज अजीत गुप्ता (Photo-Social Media)

लखनऊ: एक हजार करोड़ रुपए के घपला मामले का आरोपी अनी बुलियन इंडस्ट्रीज का डायरेक्टर अजीत गुप्ता की फ्रॉड गिरी का नेटवर्क देश के कई राज्यों में स्थापित है। उसके इस जालसाजी के नेटवर्क में कई असरदार सफेदपोश लोग शामिल हैं। जो अभी पुलिस की गिरफ्तारी से बाहर हैं। हालाँकि अजित गुप्ता को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अजीत गुप्ता के फ़्रॉड गीरी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड देश की राजधानी दिल्ली में मजबूती से फैला है। उसके नेटवर्क से जुड़े लोग अब अपनी अपनी गिरफ्तारी के डर से भूमिगत हो गए हैं। ईडी के सूत्रों मुताबिक गिरफ्तार जालसाज माफिया अजीत गुप्ता लगभग 2000 हजार करोड़ से भी अधिक बेनामी सम्पत्तियों का अप्रत्यक्ष रूप से मालिक है, जिसकी जांच अभी जारी है। पुलिस से जुड़े सूत्र तो यहाँ तक बताते हैं कि अजीत सोने चांदी व हीरे की तस्करी भी किया करता था और एक दिन में लगभग 1 कुन्तल सोने का प्रतिदिन का टर्न ओवर था।


जालसाजी का माफिया अजीत गुप्ता सूबे के अयोध्या शहर के कुमार गंज यूनिवर्सिटी के पास का रहने वाला है। इसने अपने जालसाजी के धंधे की शुरुआत वर्ष 2010 में अनी बिलियन इंडस्ट्रीज के नाम से कम्पनी की स्थापना कर की थी। इसकी जालसाजी के पहले शिकार उसके ग्रह जनपद अयोध्या के ही धनाढ्य लोग बनें। अजीत ने अपनी कम्पनी के माध्यम से जालसाजी के शिकार अपने रिश्तेदारों व जानने वालों को बनाया है।

साथ उसने अपनी कम्पनी में काम भी अपने चिरपरिचितो को दिया था। जालसाजी का माफिया अजीत गुप्ता का मुख्य कार्यालय 2/14विराम खण्ड गोमती नगर लखनऊ में स्थापित था। इसकी कम्पनी का सी आई एन नम्बर U 74999UP2010PTC040805 था। अजीत गुप्ता की कम्पनी में उसके अतिरिक्त अंजनी कुमार नामक शख्स भी डारेक्टर था। अजीत की कम्पनी का कागजो में सालाना टर्न ओवर 500 करोड़ से अधिक का दर्शाया गया है।

30 सितंबर 2019 को उसकी कम्पनी की अंतिम वार्षिक आम बैठक हुई थी और अंतिम बैलेंस सीट गत 31मार्च 2019को तैयार की गई थी। हमारे सूत्रों ने जानकारी दी है कि अजीत कुमार ने अपनी कम्पनी के विभिन्न मदों में पूर्व सैनिकों के साथ भी जालसाजी की है। एक अनुमान के मुताबिक अजीत ने 8 से 10 करोड़ की जालसाजी अकेले पूर्व सैनिकों से की है।किसी को प्लाट देने के नाम पर तो किसी को सोने चांदी व हीरे के जवाहरात के व्यापार में लम्बा मुनाफा दिलाने के नाम पर उनसे धन हड़पा है।


लोगों से ठगी कर धन हड़पने के उसके खिलाफ विभिन शहरों में 30 से भी अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। अब तक जालसाजी के 11 मामले तो लखनऊ के चिनहट थाने में ही दर्ज हैं। इसके अतिरिक्त इसके अतिरिक्त लखनऊ के ही गोमतीनगर, पीजीआई,विभूतिखण्ड व चौक थानों में भी अजीत की जालसाजी के मामले दर्ज हैं।लखनऊ के बाहर अयोध्या,अमेठी,सुल्तानपुर में भी इसके खिलाफ जालसाजी के कई मामले दर्ज किये गए हैं।अयोध्या जनपद के महाराजगंज ,सदर कोतवाली,कुमारगंज,सुल्तानगंज,बल्दी सराय थानों में भी मामले दर्ज हैं।

पुलिस व ईडी के सूत्र यह भी बताते हैं कि इसकी जालसाजी के धंधे में उसकी पत्नी व अन्य सफेदपोश लोगो की अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग की आशंका है।जिसकी जांच जारी है।जालसाज माफिया अजीत गुप्ता की पत्नी एफ आई एस अधिकारी है और वो अजीत की कम्पनी के सम्पन्न होने वाले निवेशक मोटिवेशन कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाती थी।इस कार्यक्रम में कई रिटायर्ड पीसीएस अफसर भी हिस्सा लेते थे।अजीत गुप्ता के जालसाजी मामलों की जांच अब अंतिम चरण में है बहुत जल्द इसमे चौकाने वाले खुलासे होने की संभावना है।

Ashiki

Ashiki

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