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एटीएम में रुपये भरने वाली कंपनी के कर्मचारी ने किया 72 लाख का गबन
गाजियाबाद जनपद के कई बैंकों के एटीएम में नगदी डालने वाली एक कंपनी की ओर से अपने ही कर्मचारी के खिलाफ 72 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है। कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर की ओर से मामले में सोमवार देर रात लिंक रोड थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
लखनऊ: गाजियाबाद जनपद के कई बैंकों के एटीएम में नगदी डालने वाली एक कंपनी की ओर से अपने ही कर्मचारी के खिलाफ 72 लाख रुपये के गबन का आरोप लगाया गया है। कंपनी के एसोसिएट डायरेक्टर की ओर से मामले में सोमवार देर रात लिंक रोड थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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पुलिस प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि एफआईआर के मुताबिक कंपनी का कर्मचारी सोमवार की सुबह कैश वैन चालक और दो सुरक्षा गार्ड के साथ 78 लाख रुपये लेकर एटीएम में डालने गया था। शाम को वापस आने पर उसने रिपोर्ट फाइल नहीं की, हालांकि 17 लाख रुपये यह कहते हुए वापस कर गया कि ये रुपये डाले नहीं जा सके। आरोप है कि उसने कार्यालय से निकलते ही अपना मोबाइल बंद कर लिया। रात में कंपनी ने हिसाब मिलाया तो 72 लाख रुपये कम पाए गए।
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प्रवक्ता ने बताया कि साहिबाबाद साइट-4 औद्योगिक क्षेत्र में सीएमएस इंफो सिस्टम्स लिमिटेड कंपनी का क्षेत्रीय कार्यालय है। यह कंपनी कई बैंकों के एटीएम में रुपये डालने का काम करती है। कंपनी में दिल्ली के न्यू अशोक नगर निवासी राजीव सचान, कैश वैन गार्ड पुष्पेंद्र और गनमैन रविंद्र और हरी सिंह के साथ 78 लाख रुपए लेकर 20 एटीएम में डालने गया था। दोपहर में कर्मचारी वापस आए। राजीव ने 17 लाख रुपए वापस करते हुए बताया कि यह रुपए नहीं डाले जा सके हैं। इसके अलावा ऐसी मशीनें, जिनमें कस्टमर रुपये जमा करते हैं, उनसे 1.60 लाख रुपए की वापसी दिखाते हुए राजीव कार्यालय से चला गया। कंपनी कर्मचारियों ने जब शाम को हिसाब मिलाया तो पता चला कि 61 लाख रुपये डाले ही नहीं गए। इतना ही नहीं मशीनों से निकालकर लाए गए रुपये 1.60 लाख के बजाय 13.18 लाख होने चाहिए थे। कंपनी अधिकारियों का कहना है कि शुरूआती जांच में 72 लाख रुपए का गबन मिला है। आरोपी कर्मचारी का मोबाइल है। कंपनी की टीम कर्मचारी के घर भेजी गई लेकिन घर का ताला बंद मिला।
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प्रवक्ता ने बताया कि इसके बाद कंपनी के एसोसिएट निदेशक अंजर आलम ने राजीव के खिलाफ गाजियाबाद के लिंक रोड थाने में 72 लाख रुपए के गबन का मुकदमा दर्ज कराया है। कंपनी का कहना है कि आडिट किया जा रहा है। गबन की गई धनराशि बढ़ भी सकती है। कंपनी की प्रवक्ता स्मिता गायकवाड़ ने बताया कि कंपनी आडिट करा रही है, ताकि गबन की गई वास्तविक धनराशि का पता चल सके। कर्मचारी से जुड़ी जानकारी पुलिस को उपलब्ध करा दी गई है।