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Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद वायरल वीडियो का सच, बुजुर्ग ने बदला बयान, ताबीज की बात झूठी

Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद जिले में लोनी में अब्दुल सैफी को लेकर अब सियासी घमासान मच गया है। ऐसे में इस बीच सैफी का एक और बयान सामने आया है।

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Newstrack NetworkPublished By Vidushi Mishra
Published on: 17 Jun 2021 7:20 AM IST
In Ghaziabad district, there has been a political ruckus in Loni regarding Abdul Saifi.
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अब्दुल सैफी (फोटो- सोशल मीडिया)

Ghaziabad Crime News:उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में लोनी में अब्दुल सैफी को लेकर अब सियासी घमासान मच गया है। ऐसे में इस बीच सैफी का एक और बयान सामने आया है। इस बयान में सैफी नारेबाजी, जान से मारने की धमकी, मारपीट और पेशाब पीने तक की बात कह रहे हैं। जबकि सैफी ने ताबीज वाली बात को भी झूठ बताया है।

समद सैफी ने ये बयान बुधवार रात को अपने घर बुलंदशहर के अनूपशहर में पत्रकारों से कही। हालाकिं वीडियो में उनके साथ मौजूद लोग पुलिस के एक्शन पर कई सवाल उठा रहे हैं। वहीं अब्दुल समद सैफी ने कहा कि मेरी कनपटी पर पिस्तौल लगाई गई, चार लोग थे, डंडे और बेल्ट से मुझे बहुत मारा, मैं उनको नहीं जानता था।

मुझपर झूठा इल्जाम

इसके साथ ही अब्दुल समद सैफी ने आगे कहा कि मुझपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है। मैं नहीं जानता मारने वाला कोई मुसलमान था। ताबीज की बात झूठी है, मैं ताबीज का कोई काम नहीं करता। मुझपर झूठा इल्जाम लगाया जा रहा है। ऐसा इल्जाम कोई भी लगा सकता है, मैं तो मदरसे पर रहता हूं।

वहीं अब्दुल समद सैफी ने ये भी दावा किया कि मुझसे 'जय श्रीराम' के नारे लगवाए, पानी मांगा तो मुझसे पेशाब पीने को कहा। सैफी के साथ खड़े शख्स ने कहा कि इनको मारने के लिए दो बार तमंचा चलाया गया, लेकिन फायर मिस हो गया। आखिर पुलिस ने 307 में एफआईआर क्यों नहीं की?

बता दें, इससे पहले बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी ने कहा था कि उन्हें पुलिस ने सहयोग किया था। लेकिन अब उनका ये बयान बिल्कुल अलग है।

ये है मामला

गाजियाबाद जिले के लोनी बॉर्डर थाने में Twitter inc. और टि्वटर कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड समेत 9 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि लोनी बॉर्डर इलाके में वायरल हुए एक वीडियो (Twitter Viral Video) के माध्यम से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई।

जिस पर ट्विटर ने कोई एक्शन नहीं लिया। वीडियो में दिखाई दे रहा था कि एक बुजुर्ग की पिटाई की जा रही है और बाद में बुजुर्ग की दाढ़ी भी काट (Bujurg Ki Dadhi Kati) दी जाती है। इस वीडियो को गलत तरीके से पेश किया गया।आरोपियों में कुछ स्थानीय कथित नेताओं का भी नाम है।

पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज कराई गई है। वादी का नाम उप निरीक्षक नरेश सिंह है। FIR में जो जानकारी है, उसे हम आपको संक्षेप में बता देते हैं। एफ आई आर के मुताबिक 2 दिन पहले जब वीडियो वायरल हुआ,तो उसको लेकर कुछ लोगों ने ट्विटर पर गलत तरह की अफवाह फैलाने की कोशिश की। वीडियो को इस तरह से दर्शाया जाने लगा जिससे धार्मिक भावनाएं आहत होने लगी। इससे माहौल तनावपूर्ण होने लगा। इस बीच पुलिस ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की।

प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि जो बातें वीडियो के बारे में कहीं जा रही हैं, वह ठीक नहीं है। बल्कि वीडियो में जिस बुजुर्ग को दिखाया गया है, वह बुलंदशहर के रहने वाले हैं। और उनसे मारपीट की वजह भी बताई गई। पुलिस ने यह साफ किया कि पीड़ित बुजुर्ग व्यक्ति ताबीज बनाने का काम करते हैं।

और हाल ही में उन्होंने लोनी बॉर्डर इलाके में रहने वाले व्यक्ति के परिवार के लिए ताबीज बनाया था। जिस मकसद से ताबीज बनाया गया था, वह मकसद पूरा नहीं हुआ, तो आरोपी ने झांसे से पीड़ित को अपने घर बुलाया, और अपने साथियों के साथ मिलकर बुजुर्गों की पिटाई की। यही नहीं उनकी दाढ़ी भी जबरन काट दी गई। पुलिस ने शुरू में ही पहले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया,और कल रात दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया था।

एफ आई आर में इस बात का जिक्र है कि प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के बाद संबंधित वीडियो डिलीट कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले और अफवाह फैलाने वालों ने ऐसा नहीं किया। वीडियो जमकर रिट्वीट किया जा रहा था।इस पर ट्विटर ने भी कोई कार्यवाही नहीं की। ना ही ट्विटर ने इस वीडियो को मैनिपुलेटेड न्यूज़ का नाम दिया जो आमतौर पर अफवाह वाली झूठी खबरों को दिया जाता है।

जाहिर है इसमें टि्वटर की भी पूरी जिम्मेदारी बनती थी,कि सबके सामने सही सच लाया जाए।इसलिए मुख्य रूप से ट्वीट करने वाले आरोपियों और twitter inc. और टि्वटर कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जल्द होगी गिरफ्तारी मामले पर राजनीति भी गरमा गई है। माना जा रहा है कि पुलिस इस मामले में जल्द गिरफ्तारी कर सकती है। इसके अलावा ट्विटर से संबंधित लोगों से भी पूछताछ होगी । बाकी जिन लोगों के नाम FIR में है वह खुद को राजनीतिक पार्टियों से जुड़ा हुआ बताते हैं।



Vidushi Mishra

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