TRENDING TAGS :
Ghaziabad Crime News: युवकों को लॉकडाउन में काम नहीं मिला तो उठाया खौफनाक कदम, जानकर हो जाएंगे हैरान
Ghaziabad Crime News: गाजियाबाद जिले में जब कोई काम नहीं मिला,तो दिल्ली के वे तीन युवक लुटेरे बन गए।
Ghaziabad Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) जिले में जब कोई काम नहीं मिला,तो दिल्ली के वे तीन युवक लुटेरे बन गए। उन्होंने अपराध की नौकरी को चुन लिया। वे दिल्ली से गाजियाबाद आते थे,और यहां पर 8 घंटे रोड पर महिलाओं पर निगाह रखते थे।जो महिला अकेली जा रही होती थी उससे सोने की चेन लूट लिया करते थे।इसके बाद घर जाकर बताते थे कि वे नौकरी करके वापस लौटे हैं। जब मामले का पूरा खुलासा हुआ है, तो पुलिस भी हैरान हो गई । आरोपियों का कनेक्शन एक ज्वेलरी शॉप मालिक से भी है।
जानें क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले का है। जहां इंदिरापुरम पुलिस ने दिल्ली के नांगलोई इलाके के रहने वाले मनोज,अजय और संजय को गिरफ्तार किया है। इनके साथ दिल्ली के प्रेम नगर इलाके के रहने वाले रमेश शर्मा को भी पुलिस ने पकड़ा है, जो एक ज्वेलरी शॉप का मालिक है। आरोपियों से लूटी गई सोने की 21 चेन बरामद हुई है। जिन्हें आज थाने की टेबल पर रखा गया,तो देख कर लग रहा था मानो कोई सुनार की दुकान हो।
परिवार को भी नहीं बताया था
आरोपियों ने अपने परिवार को भी नहीं बताया था, कि वह लूटपाट करने के लिए घर से जाते हैं। बल्कि परिवार को यह बताया था कि नौकरी करने के लिए जाते हैं। जिससे किसी को भी आरोपियों पर शक नहीं हुआ था। इसीलिए यह आरोपी अब तक पकड़े नहीं गए थे। हालांकि इनमें से दो पहले भी जेल जा चुके हैं।
नौकरी की तरह करते थे काम
किसी नौकरी की तरह 8 घंटे गाजियाबाद की सड़कों पर रहने के बाद आरोपी दिल्ली में अपने घर लौट जाते थे। लूटे गए सोने के आभूषण ये ज्वेलरी शॉप मालिक रमेश को बेचा करते थे।इससे कमाई गई रकम को सभी आरोपी बराबर बांट लेते थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया है, कि लॉकडाउन में कोई काम नहीं मिला था, इसलिए इस अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था।
जुर्म का अंजाम सलाखें होती हैं
मकसद भले ही कोई भी रहा हो, लेकिन अपराध की दुनिया में कदम रखने का अंजाम हमेशा सलाखें होती हैं। एक बार फिर यह बात साबित हो गई है। पूरे मामले पर पुलिस का कहना है कि यह पूरा गैंग पकड़ा जा चुका है। जिससे बाद अब इंदिरापुरम की सड़कों पर चलने वाली महिलाओं के लिए बड़ी राहत होगी।