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Gorakhpur University Case: छात्रा की मौत के मामले में पांच डॉक्टरों का पैनल करेगा पोस्टमार्टम के वीडियोग्राफी की जाँच
Gorakhpur University Case: सोमवार की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच राजघाट स्थित राप्ती तट पर छात्रा का अंतिम संस्कार कराया गया। इस दौरान डीएम और एसएसपी भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
Gorakhpur University Case: गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीते 31 जुलाई शनिवार को बीएससी थर्ड ईयर की दलित छात्रा प्रियंका कुमारी की फंदे से लटकती संदिग्ध लाश मिली थी। छात्र नेताओं समेत राजनीतिक दल और परिवार जन मौत को हत्या करार दे रहे हैं। वहीं छात्रा के आत्महत्या मामले में महिला प्रोफेसर की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। पुलिस हत्या का मामला दर्ज कर जाँच में जुट गयी है। पांच डॉक्टरों की पैनल बनाई गई है जो पोस्टमार्टम के वीडियोग्राफी की जांच करेगी।
बता दें कि दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में बीते 31 जुलाई शनिवार को परीक्षा के दौरान छात्रा की संदिग्ध मौत के बाद मचे हंगामे के बीच महिला प्रोफेसर की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस पूरे प्रकरण में हत्या का केस दर्ज कर पड़ताल कर रही है। सोमवार की सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच यहां राजघाट स्थित राप्ती तट पर छात्रा का अंतिम संस्कार कराया गया। इस दौरान डीएम और एसएसपी खुद भारी फोर्स के साथ मौजूद रहे।
वहीं, दूसरी ओर गोरखपुर विश्वविद्यालय पर छात्र नेताओं ने छात्रा की मौत पर प्रदर्शन जारी रखा। छात्रों और राजनीतिक दलों के हंगामे को लेकर पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। यूनिवर्सिटी कैंपस पूरी तरह पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। विपक्षी दलों के साथ ही बीजेपी के नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल ने भी मामले में सवाल खड़े किये हैं।
पांच सवाल पूछ रहा परिवार
मौत के मामले में छात्रा के परिजनों ने पुलिस के सामने पांच सवाल खड़े किये हैं। परिजनों की दलील है कि जिस दुपट्टे से शव लटका हुआ था, वह प्रियंका का नहीं है। इससे तय है कि मौत से पहले प्रियंका के आसपास कोई मौजूद था। वहीं, अगर प्रियंका ने आत्महत्या की है तो उसके कपड़ों पर मिट्टी कैसे लगी। इसके अलावा मौत के बाद उसकी घड़ी गायब हो गई। ट्यूबलाइट की जिस राड में फंदा लगाने की बात कही जा रही है, वह ऐसा नहीं है जिसे फांसी लगाने के लिए चुना जा सके। फांसी से पहले प्रियंका को दूर जाकर चप्पल उतारने की क्या जरूरत पड़ी? उसके सिर में चोट कैसे लगी? धरने पर बैठे परिवार वालों के इस ताबड़तोड़ सवालों ने पुलिस को असहज में डाल दिया है।
महिला प्रोफेसर के आवास में नौकरानी कर चुकी है आत्महत्या
गृह विज्ञान विभाग की प्रो.दिव्यारानी सिंह की मुश्किलें पूरे प्रकरण में बढ़ सकती हैं। राजनीतिक दलों के साथ परिवार वाले भी प्रोफेसर की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं। बता दें कि प्रो.दिव्या रानी के हीरापुरी कालोनी स्थित आवास में डेढ़ दशक पहले उनकी नौकरानी भी आत्महत्या कर चुकी है। तब भी प्रकरण सुर्खियों में रहा था। पुलिस ने बाद में जांच कर संदिग्ध मौत को आत्महत्या करार दिया था।
पांच डॉक्टरों की टीम करेगी जांच
एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने बताया कि परिवार की जो भी मांगे थी, उन्हें पूरी करने का आश्वासन दिया गया है। पहले दो डॉक्टरों की पैनल बनाई गई थी, डॉक्टरों की रिपोर्ट में युवती की मौत का कारण फंदे से लटकना पाया गया था। लेकिन अब पांच डॉक्टरों की पैनल बनाई गई है। जो पोस्टमार्टम के वीडियोग्राफी की जांच करेगी। रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया। एसएसपी ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। इस दौरान किसी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
संदिग्ध स्थिति में मिली थी गृह विज्ञान की छात्रा की लाश
शनिवार की दोपहर शाहपुर के शिवपुर सहबाजगंज की रहने वाले विनोद की बेटी बीएससी थर्ड ईयर की दलित छात्रा प्रियंका कुमारी की यूनिवर्सिटी में ही फंदे से लटकती संदिग्ध लाश मिली थी। पुलिस और यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रा की मौत को आत्महत्या बताया था। पुलिस इस मामले को आत्महत्या के पहलू पर जांच कर रही थी। लेकिन तमाम हंगामों और छात्रा की मौत पर परिवार के पांच सवालों में उलझने के बाद पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी। सोमवार को पुलिस, डॉग स्क्वायड और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर मामले की पड़ताल की है।