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सरकारी डॉक्‍टर मजदूरों के लिए बने भगवान, 30 मिनट में ऐसे बचाई जिंदगी

sudhanshu
Published on: 15 Oct 2018 10:39 AM GMT
सरकारी डॉक्‍टर मजदूरों के लिए बने भगवान, 30 मिनट में ऐसे बचाई जिंदगी
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शाहजहांपुर: यूपी के शाहजहांपुर में निर्माणाधीन बिल्डिंग गिरने के मामले मे स्वास्थ विभाग का एक अहम योगदान रहा। हादसे की खबर जब स्वास्थ्य विभाग को लगी तो स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी डाक्टरों और कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर अस्पताल में ड्यूटी पर आने का फरमान सुना दिया। डाक्टरों की मेनहत का ही नतीजा था कि एक मजदूर के पैर में जो सरिया घुसकर आरपार हो गया था और मजदूर को इसके चलते मौत सामने नजर आ रही थी। उसकी जान बच गई। डॉक्‍टरों ने महज आधे घंटे में मजदूर के पैर से सरिये को बाहर निकालकर मजदूर को नया जीवन दे दिया। इतना ही नहीं डॉक्‍टरों ने डयूटी के घंटों से 8 घंटे अधिक लगातार सेवा करके कई मजदूरों को मौत के मुंह से निकाल लिया।

ये है मामला

दरअसल रौजा थाना क्षेत्र के निवाजपुर में स्कूल की निर्माणाधीन बिल्डिंग का लेंटर गिर गया। बताया जा रहा था कि बिल्डिंग मे करीब 50 से ज्यादा मजदूर काम कर रहे थे। जिला प्रशासन और पब्लिक की मदद से मलबे में दबे मजदूरों को निकाला गया। जिसमें तीन की मौत हो गई। बाकी घायलों का इलाज जिला अस्पताल मे किया जा रहा है। ऐसा ही 27 वर्षीय मजदूर विमल पुत्र साधू था। जो ग्राउंड फ्लोर पर काम कर रहा था। अचानक बिल्डिंग गिरी और लेंटर का एक सरिया विमल के पैर में घुस गया और सरिया पैर के आरपार निकल गया। जब मजदूर विमल को अस्पताल लाया गया तो विमल ने बचने की उम्मीद ही छोङ दी थी। लेकिन यहां डाक्टरों ने देर न करते हुए मजदूर विमल का आपरेशन किया। डाक्टर मानू और डाक्टर वाईपी गौतम ने मजदूर विमल के पैर में घुसे सरिये को निकालने का आपरेशन शुरू कर दिया। आधे घंटे के आपरेशन में डाक्टरों ने विमल को एक नई जिंदगी दे दी।

बिना घड़ी देखे किया डॉक्‍टरों ने काम

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के स्टाफ और डाक्टरों की मेनहत से कई जानें बच गईं। जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त ट्रामा सेंटर में डाक्टर मेहराज की डयूटी थी। डाक्टर मेहराज की छुट्टी रात आठ बजे होनी थी। लेकिन दिन मे पांच बजे ये दर्दनाक हादसा हो चुका था। उसके बाद डाक्टर मेहराज और उनके स्टाफ ने घड़ी की तरफ न देखकर सिर्फ घायलों मजदूरों की जिंदगी के बारे में सोंचा और उनके इलाज में जी जान से जुट गए। डाक्टर समेत पूरे स्टाफ ने लगातार आठ घंटे तक एक्स्ट्रा काम करके घायल मजदूरों का इलाज कर उनका अच्छे से ख्याल रखा। जिला अस्पताल के छुट्टी पर गए डाक्टरों और कर्मचारियों को तत्काल ड्यूटी पर आने निर्देश दे दिए गए। इससे कई जानें बच गईं।

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