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बलियाः पत्नी व बच्चों की हत्या, पति समेत छह को उम्र कैद

जिले की स्थानीय न्यायालय ने एक 28 वर्षीया महिला व उसके दो मासूम बच्चों की दहेज को लेकर गला दबाकर हत्या कर ..

Anoop Hemkar
Report by Anoop Hemkar
Published on: 9 April 2021 3:36 PM GMT (Updated on: 9 April 2021 4:08 PM GMT)
बलियाः पत्नी व बच्चों की हत्या, पति समेत छह को उम्र कैद
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दहेज ( सोशल मीडिया)

बलियाः जिले की स्थानीय न्यायालय ने एक 28 वर्षीया महिला व उसके दो मासूम बच्चों की दहेज को लेकर गला दबाकर हत्या कर देने के तीन साल पुराने मामले में पति समेत छह लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है ।

जानकारी के अनुसार गड़वार थाना क्षेत्र के रतसड़ ग्राम के जय प्रकाश चौहान ने अपनी पुत्री रमिता की शादी मनियर थाना क्षेत्र के नन्हागंज जिगनी चौहान बस्ती ग्राम के रहने वाले सुनील चौहान से वर्ष 2012 में हुई। शादी के बाद से रमिता को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था। गत 22 जून 2018 को रमिता के एक वर्ष के मासूम पुत्र संदीप का बाल ओहार का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम सम्पन्न होने के बाद सुनील ने रमिता से झगड़ा किया तथा इसके बाद उसने अपने परिजनों के साथ मिलकर रमिता 28 के साथ ही उसके दो बच्चों संदीप उम्र 01 वर्ष व संध्या उम्र 5 वर्ष की गला दबाकर हत्या कर दिया।

इन लोगों के खिलाफ मामला दर्जः

आपको बता दें कि इस मामले में मनियर थाना में रमिता के भाई रुदल की शिकायत पर रमिता के पति सुनील चौहान , ससुर अच्छेलाल , सास शांति देवी , जेठ विनोद , जेठानी पुष्पा व ननद मुनरी उर्फ मनोरमा के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की हत्या , दहेज प्रताड़ना आदि के आरोप की धारा में मामला दर्ज किया गया। सभी छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस ने सभी छह आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।


आजीवन कारावासः

अपर जिला जज नितिन कुमार ठाकुर के न्यायालय ने आज दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद पति सुनील चौहान, ससुर अच्छेलाल, सास शांति देवी, जेठ विनोद, जेठानी पुष्पा व ननद मुनरी उर्फ मनोरमा को दोषी करार देते हुए। आजीवन कारावास व आठ हजार रुपये के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है। अर्थ दण्ड न अदा करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा । पुलिस अधीक्षक डॉ विपिन ताडा ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तहत जनपद में महत्वपूर्ण चिन्हित मुकदमे में त्वरित निस्तारण के लिए चलाये जा रहे अभियान के क्रम में मानिटरिंग सेल, एडीजीसी सुधीर कुमार मिश्रा व पैरोकारों की प्रभावी पैरवी के चलते आरोपियों को न्यायालय से सख्त सजा दिलाने का कार्य हो रहा है ।

Shweta

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