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यहां झोपड़ी में चल रहा अस्पताल, ढिबरी की रोशनी में होता है आपरेशन
गोरखपुर: अवैध धंधो और अवैध वसूली पर रोक लगाने का ढिढोरा पीटने वाली योगी सरकार के नाक के नीचे गोरखधंधों को अंजाम दिया जा रहा है। सब कुछ जानने के बाद भी अधिकारी और कर्मचारी धड़ल्ले से वसूली कर अवैध धंधो को जनपद में संचालित करा रहे हैं। ग्रामीणों की लाख शिकायत के बाद भी इन अवैध धंधो पर रोक नहीं लग पा रही है। कुछ इसी तरह का मामला कुशीनगर से सामने आया है। जहाँ प्रतिदिन अवैध नये अस्पतालों के खुलने का सिलसिला जारी है। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्र की भोली-भली जनता पर पड़ रहा है। हद तो ये है कि अब तो झोपड़ी में भी बकायदा अस्पताल चलाया जा रहा है, जहां झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर सिर्फ मौत बांट रहे हैं। आलम ये है कि ये झोलाछाप डॉक्टर ढिबरी की रोशनी में ही आपरेशन कर देते हैं।
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बिना मानक जारी हो रहे लाइसेंस
कुशीनगर जनपद के सभी तहसील क्षेत्रो में धड़ल्ले से अवैध अस्पताल संचालित किये जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से झोपड़ी में भी झोलाछाप डाक्टर आपरेशन करने का काला कारोबार कर रहे हैं। वहीं पैसे की वसूली का आलम यह है कि बिना किसी मानक की जाँच किए बाकायदा हॉस्पिटल का लाइसेंस जारी कर दिया जा रहा है। जहां गरीब और अनपढ़ लोगों से झोलाछाप डाक्टरों द्वारा लूटपाट की जा रही है। वहीं झोलाछाप डाक्टरों के कारण किसी छोटी बीमारी से ग्रस्त लोग भी असमय ही काल के गाल में समाए जा रहे हैं।
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एक महीने में दर्जनों मौतें
जनपद में एक महीने में ही दर्जनों मौतें होती हैं। जिसको लेकर धरना प्रदर्शन, सड़क जाम सहित कई अन्य आन्दोलन भी किए जाते हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अपने अड़ियल रवैये से बाज नहीं आ रहा है। स्वास्थ्य विभाग कानों में अंगुली लगा कर इन अवैध अस्पतालों से बंधी-बंधाई महीने की रकम वसूलने में मस्त है।
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झोपड़ी को दिया लाइसेंस
लाइसेंस वितरण का आलम यह है कि किराये का मकान या झोपड़ी में भी डाक्टर बाकायदा लाइसेंस नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिख कर मौत की दुकान संचालित कर रहे हैं। ढिबरी या मोमबत्ती के उजाले में पाल तानकर आपरेशन किया जा रहा है। यह सब कुछ जानकर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग चुप्पी साध कर किसी गरीब व अनपढ़ की मौत होने का इन्तेजार करता रहता है।
डॉक्टर ने किया खुलासा
इस गोरखधंधे का पर्दाफाश तब हुआ जब तमकुही राज तहसील क्षेत्र के सिसवा नाहर चौराहे पर मीडिया के कैमरे में मेडिकल स्टोर का लाइसेंस लेकर धड़ल्ले से प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप डाक्टर राजकुमार प्रसाद ने खुद बताया कि हम फोड़े - फुंसी और अन्य छोटे आपरेशन कर देते हैं। इतना ही नहीं इस मौत की दुकान से सटा एक और अस्पताल है। जहाँ एक डॉक्टर अंसारी मोमबत्ती के उजाले में बड़े-बड़े आपरेशन करते हैं। इसके वार्ड में जाने पर एक मरीज अमरजीत मिला। जिसने बताया कि इस अस्पताल के मालिक अंसारी ने हार्निया का आपरेशन किया है। जिसका खर्च आपरेशन के दूसरे दिन 7 हजार 500 सौ रुपये होता है। कुल कितना खर्च लगेगा के सवाल पर अमरजीत ने बताया कि अभी लगभग एक सप्ताह तक भर्ती रहना पडेगा। मरीज अमरजीत ने कहा कि हमारे बड़े भाई पूरा पेमेंट करेंगे इसकी जानकारी हमें नहीं है।
डीएम ने झाड़ा पल्ला, सीएमओ ने दिया जांच का आश्वासन
इस पूरे मामले पर जब जिलाधिकारी डा. अनिल कुमार सिंह का पक्ष जानने की कोशिश की गई वह व्यस्त होने का बहाना कर कैमरे के सामने नहीं आए।
वहीं इस मामले में जब सीएमओ डा. हरिचरण सिंह से पूछा गया तो उन्होंने रटा रटाया जवाब दे दिया कि इस मामले की जानकारी मुझे है। इसकी जाँच करा कर सख्त कार्यवाई की जाएगी। लेकिन इसमें खास बात यह है कि इस तरह के मामले में जब भी पूछा जाता है तो सीएमओ कहते हैं, अभियान चला कर इनके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी। लेकिन अवैध अस्पताल और झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कब अभियान चलता है, इसका पता ही नहीं चलता है।