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जवाहर बाग कांड: कोर्ट ने 45 लोगों को पाया दोषी, अधिकतम तीन साल की सजा

यूपी के मथुरा जिले में स्थित जवाहरबाग में 2 जून 2016 को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में दो पुलिसकर्मी सहित 28 लोगों की मौत के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने 45 लोगों को दोषी पाया है। इन सभी को कोर्ट ने अधिकतम तीन साल की सजा सुनाई। 

Rishi
Published on: 21 Jan 2019 11:22 AM GMT
जवाहर बाग कांड: कोर्ट ने 45 लोगों को पाया दोषी, अधिकतम तीन साल की सजा
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प्रतीकात्मक फोटो

मथुरा : यूपी के मथुरा जिले में स्थित जवाहरबाग में 2 जून 2016 को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में दो पुलिसकर्मी सहित 28 लोगों की मौत के मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने 45 लोगों को दोषी पाया है। इन सभी को कोर्ट ने अधिकतम तीन साल की सजा सुनाई।

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कोर्ट ने मुख्‍य आरोपी चंदन बोस उसकी पत्‍नी पूनम और श्‍यामवती देवी को बरी कर दिया है।

आपको बता दें, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2 मार्च 2017 को जवाहर बाग हिंसा की जांच सीबीआई से कराने के निर्देश दिए थे। घटनास्थल से मिले 24 शव के डीएनए नमूने पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के दौरान सुरक्षित कर लखनऊ एफएसएल भेजे थे।

हिंसा से जुड़े मामले में पुलिस ने 101 लोगों के विरुद्ध मथुरा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पुलिस के काम-काज पर सवाल उठाए।

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इस संबंध में सरकारी वकील सतेंद्र पाल सिंह ने बताया कि रामवृक्ष ओर उनके साथियों ने उद्यान विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मारपीट कर जमीन पर कब्जा कर लिया था। आज 47 आरोपियों में से 45 को दोषी करार दिया। उन्होंने बताया कि कुल 21 गवाहों की गवाही ओर साक्ष्यों के आधार पर यह सजा सुनाई गई है ।

उधर बचाव पक्ष के वकील एलके गौतम ने बताया कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते है। सभी आरोपियों को अधिकतम 3 साल की सजा हुई है। सारी सजा एक साथ चलेंगी ओर जेल में निरुद्ध समय को भी कारवास के समय मे जोड़ा जाएगा। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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