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Jhansi Crime News: स्टॉफ नर्स ने डॉक्टर पर लगाया रेप का आरोप, जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

Jhansi Crime News: पीड़िता ने किसी प्रकार हिम्मत जुटाकर इसकी शिकायत नवाबाद थाने की पुलिस से की।

B.K Kushwaha
Report B.K KushwahaPublished By Dharmendra Singh
Published on: 24 Jun 2021 7:47 PM GMT (Updated on: 25 Jun 2021 1:05 PM GMT)
girl rape case
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युवती से रेप का मामला ( काॅन्सेप्ट फोटो- सोशल मीडिया)  

Jhansi Crime News: महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के कोविड आईसीयू में पदस्थ स्टॉफ नर्स ने एक जूनियर डॉक्टर पर उसके साथ बलात्कार करने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है। शिकायत करते हुए बताया कि वह दिल्ली की रहने वाली है और वर्तमान में झांसी में रहती है। स्टॉफ नर्स ने आरोप लगाते हुए बताया कि मेडिकल कालेज में जूनियर डॉक्टर मधुसूदन जोथर्ड ईयर के रुप में कार्यरत है। उसने उसके कार्य में हीला हवाली का हवाला देकर उसे अपने प्रभाव में लिया। इसके बाद दोस्ती कर प्रोमेशन का लालच देते हुए उसके साथ शरीरिक सम्बंध बनाये। प्रमोशन के लालच में आकर उसने आरोपी डॉक्टर को 50 हजार रुपए भी दिए।

काफी समय तक जब उसे प्रोमेशन नहीं मिला तो उसने उलहना देना शुरु कर दिया। जिस पर आरोपी डॉक्टर ने धमकाना शुरु कर दिया कि उसकी कुछ प्राईवेट फोटो, चैट व वीडियो है। जिसे वह अपने दोस्तों को भेज देगा। इसके बाद वह नौकरी करने के काबिल भी नहीं रहेगी। साथ ही दूनिया भी छोड़कर चली जायेगी। इतना ही नहीं वह उन वीडियो, फोटो और चैट को उसके पति के पास भेज देगा। जिसे उसका विवाहित जीवन खराब हो जायेगा। घबराकर जब उसने आरोपी डॉक्टर से ऐसा न करने के लिए कहा तो आरोपी डॉक्टर ने उस पर शरीरिक सम्बंध बनाने और रुपए देने का दबाब बनाना शुरु कर दिया। आरोपी डॉक्टर के इस कारनामें में मोहन प्रसाद नाम का भी व्यक्ति साथ देता है जो हसन इंसटीट्यूट आफ मेडिकल साइंस हसन कर्नाटक में स्टॉप नर्स के पद पर कार्यरत है।
पीड़िता ने किसी प्रकार हिम्मत जुटाकर इसकी शिकायत नवाबाद थाने की पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर डॉ. मधुसूदन और मोहन प्रसाद स्टाप नर्स के खिलाफ धारा 376, 354 क, 506 व 420 के तहत मामला दर्ज कर लिया। लेकिन आरोपी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुए है। जिस कारण लगातार उसे ब्लैकमेल किया जा रहा है। पीड़िता ने बताया कि वह लगातार थाने से लेकर अधिकारियों के चक्कर लगा रही है। लेकिन अभी तक उसे न्याय नहीं मिला। परेशान होकर पीड़िता ने डीआईजी से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।

जांच के लिए बनाई थी कमेटी, आरोप गलत पाए गए

मेडिकल कालेज की नर्सिंग ऑफिसर ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के प्राचार्य को शिकायती पत्र देकर न्याय की मांग की थी। इस मामले को प्रधानाचार्य ने गंभीरता से लेते हुए जांच कमेटी बनाई थी। जांच में कमेटी ने पाया था कि जेन्डर हैरेसमेन्ट समिति को पत्र प्रेषित किया गया, जिसमें जांच समिति ने समस्त पहलुओं की विस्तृत जांच करने पर तथा तथ्यों के आधार पर पाया कि नर्स द्वारा डॉ मधुसून पर लगाया गया जेन्डर हैरेसमेंट जैसा कोई भी आरोप साबित नहीं होता है। नर्स व उसके पति द्वारा डॉ मधूसूदन पर लगाये गये जेन्डर हैरसेमेन्ट संबंधी आरोप को उक्त निष्कर्ष के क्रम में निस्तारित किया जाता है। कमेटी ने पाया था कि पति-पत्नी द्वारा सेक्सुअल असॉल्ट एवं ब्लैकमेलिंग के लिए धमकी दी गई है। इस पर जांच समिति ने जांच उपरान्त पाया कि आप द्वारा लगाये गए इस आरोप की पुष्टि नहीं हुई है।

सीओ सिटी ने यह पाया था जांच में

आवेदिका द्वारा प्रधानाचार्य मेडिकल कालेज को एक प्रार्थना पत्र उपरोक्त आरोपों के संबंध में दिया गया था। जिसकी जांच कार्यालय विभागाध्यक्ष अस्थि रोग मलबा मेडिकल काॅलेज झांसी की जेन्डर हैरेसमेंट कमेटी द्वारा अपने पत्रांक के माध्यम से की जा चुकी है। जिसमें व्हॉटसअप चैटिंग में कोई टिप्पणी नहीं की गई एवं प्रार्थना पत्र में अंकित अन्य आरोपों की पुष्टी नहीं हो सकी। उक्त के अतिरिक्त महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष (एचओडी) अन्य मेडिकल कालेज के स्टॉफ से प्रतिपक्षी के बारे में लिखित व मौखिक रुप से जानकारी की गई तो सभी के द्वारा प्रतिपक्षी का चरित्र एवं स्वभाव अति उत्तम बताया गया। आवेदिका एवं प्रतिपक्षी द्वारा उपलब्ध करायी गई चैटिंग के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि आवेदिका द्वारा प्रतिपक्षी से दोस्ती करने की स्वय कोशिश की गई थी, क्योंकि जो चैटिंग पत्रावली में उपलब्ध है। उक्त चैटिंग के स्क्रीनशॉट में प्रतिपक्षी के मोबाइल पर आवेदिका का नंबर सेव नहीं है, लेकिन आवेदिका द्वारा प्रतिपक्षी डॉ. का नंबर सेव कर उसको मैसेज किए गए हैं। आवेदिका द्वारा जो भी प्रार्थना पत्र एवं बयानों में जो आरोप अंकित किए गए हैं। उक्त आरोपों की पुष्टि साक्ष्य के अभाव में नहीं हो सकी। प्रार्थना पत्र में किसी अन्य कार्यवाही की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है।


Dharmendra Singh

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