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छेड़छाड़ के मामले में भी जेल भेजे गए गायत्री प्रजापति, न्यायिक हिरासत का तीसरा मामला
एफआईआर के मुताबिक मुल्जिमों ने पीड़िता को खनन पट्टे का लालच देकर लखनऊ बुलाया। यहां रामकृष्ण होटल में उसके ठहरने का इंतजाम किया और वहां उससे शारीरिक संबध बनाने को कहा और शारीरिक संबंध से मना करने पर धमकी दी।
लखनऊ: सीजेएम सन्ध्या श्रीवास्तव ने छेड़छाड़ के एक मामले में मुल्जिम गायत्री प्रसाद प्रजापति को 12 मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। उन्होंने यह आदेश थाना गोमतीनगर के एसआई व इस मामले के विवेचक हरिकेश राय की अर्जी पर दिया है।
इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान मुल्जिम गायत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जेल से अदालत के समक्ष मौजूद थे। बताते चलें कि गैंग रेप के अलावा यह तीसरा मामला है जिसमें गायत्री को न्यायिक हिरासत में लिया गया है।
विवेचक का कहना था कि 20 अक्टूबर, 2016 को इस मामले की एफआईआर चित्रकूट की रहने वाली पीड़िता ने दर्ज कराई थी। जिसमें गायत्री व आशीष शुक्ला को नामजद किया था।
एफआईआर के मुताबिक मुल्जिमों ने पीड़िता को खनन पट्टे का लालच देकर लखनऊ बुलाया। यहां रामकृष्ण होटल में उसके ठहरने का इंतजाम किया और वहां उससे शारीरिक संबध बनाने को कहा और शारीरिक संबंध से मना करने पर धमकी दी।
पीड़िता के अनुसाहर वह दुबारा फिर वापस लखनऊ आई। गोमतीनगर के पत्रकारपुरम इलाके में सामान खरीदने गई तो कुछ लोगों गंदी गंदी गालियां दीं। गालियां सुन कर भीड़ जमा हो गई तो मुलजिम भाग गए।
पीड़िता ने कहा कि मुझे इन लोगों से जान का खतरा है। यह लोग मेरे साथ कुछ भी कर सकते हैं। जान की धमकी भी दी है।
विवेचक का कहना था कि इस मामले में गायत्री के साथ ही मुल्जिम आशीष को भी न्यायिक रिमांड में लिया जाए। वह भी जेल में ही निरुद्ध है। अदालत ने आशीष को भी इतने ही दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
आगे की स्लाइड में गायत्री की जांच के अधिकारी बदले गए...
जांच अधिकारी बदले
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति मामले की जांच एसपी पश्चिमी से छीन ली गई है। अब यह जिम्मेदारी एसपी नॉर्थ अनुराग वत्स को दे दी गई है। अब तक मामले की जांच एसपी पश्चिमी जय प्रकाश यादव कर रहे थे।
गायत्री प्रजापति को ज़मानत देने वाले जज के निलम्बन के बाद एसपी पश्चिमी जय प्रकाश यादव से भी मामले की जांच छीन ली गई है। पॉक्सो कोर्ट ने गायत्री को जमानत दी थी। मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का भी फैसला लिया गया है। मामले की जांच जय प्रकाश यादव से लेकर एसपी नार्थ अनुराग वत्स के हवाले कर दी गई है।