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Kanpur Crime News: अस्पताल में मुर्दों को लगाते रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन, खुलासे से हड़कंप

Kanpur Crime News: कानपुर के हैलट अस्पताल के अंदर नर्सिंग स्टाफ और कुछ डॉक्टरों की मिलीभगत से मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी किए जाते रहे। मामले के खुलासे से प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

Avanish Kumar
Reporter Avanish KumarPublished By Shreya
Published on: 12 Jun 2021 4:08 PM IST
Kanpur Crime News: अस्पताल में मुर्दों को लगाते रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन, खुलासे से हड़कंप
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हैलट अस्पताल (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Kanpur Crime News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) में कारोना वायरस महामारी जैसी आपदा में भी आम से लेकर जिनके कंधों पर जिम्मेदारी थी, सभी ने जमकर मौके पर लाभ उठाया। इस आपदा में कुछ लोगों द्वारा जमकर अवसर तलाशे गए। जब कोरोना की दूसरी लहर भयानक हुई तो लोगों ने भी इंसानियत, दया सब त्याग कर लोगों की मजबूरी को अपनी कमाई का जरिया बनाया।

लोगों ने जमकर रेमडेसिविर इंजेक्शन, बेड, दवाएं और चिकित्सकीय उपकरणों की कालाबाजारी की, जिसे लेकर कई लोगों की अब तक गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लेकिन अब इस बीच यूपी के कानपुर के हैलट अस्पताल के अंदर ही नर्सिंग स्टाफ और कुछ डॉक्टरों की मिलीभगत से मुर्दों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी किए गए। पर्चों में मुर्दों के रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने का बखूबी जिक्र भी किया गया, लेकिन जब इस मामले का खुलासा हुआ तो हैलत अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया।

जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

जिसके बाद आनन-फानन में प्रमुख अधीक्षक ने मामले का संज्ञान लेते हुए इस प्रकरण की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया और समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के लिए कहा है। वहीं इस खुलासे के बाद स्वास्थ्य महकमा सवालों के घेरे में आ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

जानें क्या है पूरा मामला

दरअसल, उत्तर प्रदेश के कानपुर में हैलट में 23 अप्रैल को भर्ती हुई विनीता की 26 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई थी। उनके नाम पर नर्सिंग स्टाफ 2 मई तक लगातार एक-एक रेमडेसिविर इंजेक्शन स्टोर से निकालता रहा। 6 दिनों तक इनके नाम पर इंजेक्शन निकाले गए। इसी तरह 19 अप्रैल को भर्ती निर्मला खरे की मौत 22 अप्रैल को हो गई थी। जबकि उनके माम पर 26 अप्रैल तक रेमडेसिविर इंजेक्शन निकाले गए।

क्या बोला अस्पताल प्रशासन?

डॉ. ज्योति सक्सेना, प्रमुख चिकित्साधीक्षक, हैलट ने पूरे मामले को लेकर बताया कि कोरोना काल में किसी मरीज की मौत के बावजूद उसके नाम पर इंजेक्शन आवंटित किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। जिसको लेकर 3 सदस्य जांच कमेटी गठित की गई है। जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद जो भी लोग दोषी होंगे, उनके कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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