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पैरों तले खिसकी जमीन, जब 2 साल बाद पता चला KGMU के डॉक्टर्स ने चुरा ली मेरी किडनी

यूपी के बाराबंकी निवासी एक युवक की ऑपरेशन के दौरान लखनऊ के ट्रामा सेंटर के डॉक्टर्स ने चोरी से उसकी एक किडनी निकाल ली। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब दो साल बाद बीमार होने पर उसने दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाया।

tiwarishalini
Published on: 12 May 2017 4:24 AM IST
पैरों तले खिसकी जमीन, जब 2 साल बाद पता चला KGMU के डॉक्टर्स ने चुरा ली मेरी किडनी
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पैरो तले खिसकी जमीन, जब 2 साल बाद पता चला KGMU के डॉक्टर्स ने चुरा ली मेरी किडनी

बाराबंकी: यूपी के बाराबंकी निवासी एक युवक की ऑपरेशन के दौरान लखनऊ के ट्रामा सेंटर के डॉक्टर्स ने चोरी से उसकी एक किडनी निकाल ली। इस बात का खुलासा उस वक्त हुआ, जब दो साल बाद बीमार होने पर उसने दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाया।

किडनी कांड का ये सनसनीखेज मामला राजधानी लखनऊ के केजीएमयू के ट्रामा सेंटर का है। जहां 19 फरवरी 2017 को गंभीर रूप से घायल बाराबंकी के थाना कोठी से सटे पूरे भवानी बक्स मजरे कोठी गांव निवासी पृथ्वीराज को घायल अवस्था में डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, बाराबंकी से लखनऊ के ट्रामा सेंटर को इलाज के लिए रेफर किया गया था।

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विक्टिम पृथ्वीराज के परिजनों का आरोप है कि इस किडनी कांड में बाराबंकी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में तैनात उस वक्त वो डाक्टर भी लखनऊ के ट्रामा सेंटर में मौजूद था जिसने बाराबंकी हॉस्पिटल से लखनऊ के इस ट्रामा सेंटर में बेहतर इलाज करवाने के लिए रेफर करवाया था और वो ऑपरेशन करने वाले ट्रामा सेंटर के डॉ. आंनद मिश्रा और डॉ. आनंद तिवारी के संपर्क में लगातार बने हुए थे।

पत्नी के साथ-साथ तीन बच्चों और अपने मां-बाप को सहारा देने वाले विक्टिम पृथ्वीराज ट्रैक्टर चलाने के दौरान ही वो एक दुर्घटना के शिकार हो गए। जिन्हे स्थानीय प्राथमिक उपचार के बाद बाराबंकी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल भेजा गया। जिन्हे बेहतर इलाज के लिए यहां के डॉक्टर्स ने उन्हें लखनऊ केजीएमयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। जहा उन्हें बताया गया कि उनके पेट की आंत फट गई है। जिसका ऑपरेशन होना जरूरी था, लेकिन उन्हें ये नहीं पता था कि आंतों के ओपरेशन के बहाने उनकी एक किडनी चोरी से ऑपरेशन करने वाले इन डॉक्टर्स द्वारा ही निकाल ली जाएगी।

परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद पृथ्वीराज को एक महीने तक एडमिट भी रखा गया और उन्हें 20 मार्च 2015 को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद वो थोड़ा ठीक तो हुआ, लेकिन कमजोरी लगातार बनी रही। जिसके इलाज के लिए वो इन डॉक्टर्स के संपर्क में बना रहा लेकिन जब मामला और गंभीर हुआ तो उसने बाराबंकी के प्राइवेट डॉक्टर से संपर्क किया।

जहां उसे अल्ट्रासाउंड करवाने के बाद इलाज के लिए कहा गया। इसके बाद जब अल्ट्रासाउंड हुआ तो पैरो तले जमीन खिसक गई। पता चला कि ऑपरेशन के दौरान ही उसकी किडनी निकाल ली गई।

विक्टिम पृथ्वीराज ने दोषी डॉक्टर्स के खिलाफ़ कार्यवाही करने के लिए बाराबंकी कोर्ट मं अर्ज़ी दी है। जिसमें पुलिस से आख्या मांगी गई है।



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