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कांवड़ियों के शिविर से व्यापारी के बेटे का अपहरण, मांगे डेढ़ करोड़ रुपए

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Published on: 29 July 2016 1:04 PM GMT
कांवड़ियों के शिविर से व्यापारी के बेटे का अपहरण, मांगे डेढ़ करोड़ रुपए
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बागपत: सावन महीने की शुरुआत के साथ ही राज्य सरकार की ओर से कांवड़ियों की भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा चाक-चौबंद की जाती है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती रहती है। ऐसे में पुलिस चौकी से मात्र 100 कदम की दूरी पर लगे कांवड़ियों के सेवार्थ शिविर से ग्यारह साल के बच्चे के अपहरण की खबर से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

कहानी भले फिल्मी लग सकती है लेकिन बागपत जिले के भडल गांव के चमड़ा व्यापारी रविंद्र के बेटे के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है। इस व्यापारी के बेटे का अपहरण हो गया है। फिरौती के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की मांग की गई है।चप्पे-चप्पे पर निगरानी का दावा करने वाली बागपत पुलिस के लिए ये घटना परेशानी का सबब बन गई है। पुलिस लगातार मीडिया से दूरी बनाने का प्रयास कर रही है।

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क्या है मामला ?

बागपत के भडल चेकपोस्ट से चंद क़दमों की दूरी पर कांवड़ियों का एक शिविर लगा है। यहां स्थानीय लोग बाबा के भक्तों की सेवा में जुटे रहते हैं। यहीं चमड़ा व्यापारी रविंद्र का 11 वर्षीय बेटा क्रिश भी सेवार्थ कार्यों में जुटा था।बताया जाता है कि यहीं से बच्चे के अपहरण की वारदात को अंजाम दिया गया।

फिरौती में मांगे डेढ़ करोड़ रुपए

अपहरण के बाद बदमाशों ने व्यापारी से फोन पर डेढ़ करोड़ रुपए की फिरौती की मांग की। इसके लिए रविंद्र को दो दिन का समय दिया है। मांग पूरी न होने पर उसके बेटे को जान से मारने की धमकी भी दी है। अपहरण की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित व्यापारी की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया है।

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परिवार ख़ौफ़ में

पुलिस चौकी से चंद क़दमों दूरी पर हुई इस वारदात से क्षेत्र के लोगों में पुलिस के खिलाफ खासा रोष है। क्रिश के अपहरण के बाद से व्यापारी और उसका परिवार ख़ौफ में है।

मीडिया से बनाई दूरी

बहरहाल, पुलिस ने भले ही पीड़ित व्यापारी की तहरीर पर केस दर्ज कर लिया हो लेकिन चाक-चौबंद सुरक्षा के दावे करने वाली बागपत पुलिस सवालों के घेरे में है। इस मामले को लेकर बागपत पुलिस मीडिया से दूरी बनाए हुए है।

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