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शोहदों से तंग राष्ट्रीय खिलाड़ी हुई घर में कैद, सपा नेता के दबाव में कार्रवाई न होने का आरोप
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी फिर भी नहीं की। पीड़िता ने कम से कम 20 बार 100 नंबर और 6 बार 1090 पर फोन किया। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपी गोली मारने और तेजाब डालने की धमकी देता है और पुलिस समझौते का दबाव बनाती है। पीड़िता की पढ़ाई और खेल छूट गया है।
कानपुर: नेशनल बास्केट बाल प्लेयर शोहदों के आतंक से त्रस्त होकर 18 माह से घर में कैद है। पिता देश के लिए कारगिल का युद्ध लड़ चुके हैं। लेकिन आज पुलिस पीड़ित परिवार पर समझौते का दबाव बना रही है। खुद बास्केट बॉल प्लेयर का कहना है कि अब तो रोते रोते आंखों के आंसू भी सूख चुके हैं। और शोहदों के आतंक से परेशान परिवार अपना घर बेच का जाना चाहता है।
मेडल नहीं आए काम
-चकेरी थाना क्षेत्र के सावित्री नगर में रहने वाले रिटायर्ड फौजी अब एक सरकारी स्थल पर नौकरी करते हैं।
-बड़ा बेटा नोएडा में पढ़ रहा है और छोटी बेटी 11वीं की छात्रा और बास्केट बॉल की नेशनल प्लेयर है।
-बेटी ने बास्केट बॉल में 7 गोल्ड मेडल, 5 सिल्वर और एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है। वह कोलकाता, हैदराबाद और दिल्ली तक खेल कर आ चुकी है।
-लेकिन अब मोहल्ले के ही शोहदों से तंग आकर पिछले डेढ़ साल से घर में कैद होकर रह गई है।
-पीड़िता ने बताया कि मोहल्ले के ही सुनील यादव और अनिल यादव अक्सर छेड़छाड और अश्लील हरकत करते हैं।
-कई बार हाथ पकड़ कर जबरन खींचने की कोशिश कर चुके हैं।
-विरोध करने पर शोहदों का परिवार मारपीट करने घर तक आ जाता है।
जान से मारने की धमकी
-पीडिता ने बताया कि 7 जुलाई 2015 को स्थानीय सनिगावा पुलिस चौकी में पहली बार शिकायत दर्ज कराई थी।
-लेकिन आरोपी बाज नहीं आए। तो 21 नवंबर 2015 और 2 फरवरी 2016 को परिवार ने फिर चौकी में शिकायत की।
-बीते 3 अप्रैल को आरोपियों ने घर पर हमला कर दिया और मारपीट की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
-18 नवंबर 2016 को आरोपियों ने फिर रास्ते में उसे पकड़ लिया।
कुछ नहीं करते 100 और 1090 नंबर
-इस बार पुलिस ने सुनील यादव, अनिल यादव और पिता सुमेर यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी फिर भी नहीं की।
-पीड़िता का आरोप है कि कम से कम 20 बार 100 नंबर पर फोन किया और 6 बार 1090 पर। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
-आरोपी परिवार गोली मारने और तेजाब डालने की धमकी देता है और परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस समझौते का दबाव बनाती है।
-पीड़िता ने कोचिंग, स्कूल और बास्केट बॉल की प्रैक्टिस छोड़ दी है और 18 माह से घर से नहीं निकली।
-पीड़िता का आरोप है कि पुलिस वाले खुद कहते हैं कि एक सपा नेता का दबाव है, इसलिए समझौता कर लो।
पिता का दुख
-पिता का दुख है कि उन्होंने 24 साल देश की सेवा की।18 साल बॉर्डर पर रहे। 4 साल लद्दाख ग्लेशियर पर रहे। लेकिन अब अपने ही परिवार की रक्षा नही कर पा रहे हैं।
-सीओ कैंट गौरव वंशवाल के मुताबिक मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई चल रही है।
-आरोपी फरार हैं। टीम गठित कर दी गयी है और उन्हें जल्द पकड़ लिया जाएगा।
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